देहरादूनःउत्तराखंड विधानसभा मॉनसून सत्र के तीसरे व अंतिम दिन विधानसभा की कार्यवाही देर रात तक चली. सदन में उत्तराखंड विनियोग (2023-2024 अनुपूरक) विधेयक सहित 11 विधेयक ध्वनिमत से पारित कराए गए. इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. तीसरे दिन अंकिता भंडारी हत्याकांड समेत कानून व्यवस्था के मामले पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. इतना ही नहीं, अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. साथ ही विपक्ष के विधायकों ने वॉक आउट भी किया. वहीं, विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में अनुपूरक बजट पास कर दिया गया.
अंकिता भंडारी केस की CBI जांच की मांग को लेकर विपक्ष का वॉक आउटःबहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस का मुद्दा सदन में जोर शोर से उठा, जिसे लेकर हंगामा भी हुआ. इसके अलावा उत्तराखंड में लचर कानून व्यवस्था और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल दागे. जिस पर सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया, लेकिन विपक्ष जवाबों से संतुष्ट नहीं और सीबीआई जांच की मांग पर अड़ गया. साथ ही वॉक आउट भी कर दिया.
कानून व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए विपक्ष ने घेराःवहीं, सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कानून व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए नियम 58 में चर्चा कराने की मांग की. उन्होंने रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत और पत्थरबाजी समेत अन्य घटनाओं का जिक्र किया. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि पुलिस अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार कर रही है. यशपाल आर्य का कहना था कि दलित वर्ग के लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन दलितों पर अत्याचार करने वाले लोगों को बचाने में जुटा हुआ है. उन्होंने बेलड़ा गांव के प्रकरण की भी सीबीआई जांच की मांग उठाई. वहीं, बसपा विधायक मो शहजाद ने भी सुप्रीम कोर्ट के जज से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की.
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लक्सर विधायक मोहमद शहजाद ने उठाया बेलड़ा प्रकरण का मामला: लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद ने भी बेलड़ा प्रकरण का जिक्र किया. उनका कहना था कि इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है. इससे लोगों की रूह कांपी है. इस प्रकरण पर हरिद्वार के अधिकतम कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने रखी अपनी बात. हरिद्वार जिले से ही महिला विधायक ममता राकेश और अनुपमा रावत इस प्रकरण के वाकिये बताते हुए भावुक हो गईं.
प्रीतम सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर घेराःवहीं, कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने भी नियम 58 के तहत कानून व्यवस्था चरमराने का मामला उठाया. उन्होंने सदन में पिछले 8 महीने के चोरी, हत्या, अपहरण, लूट और रेप के रिकॉर्ड सामने रखे. उनका आरोप था कि पुलिस हो चुकी है. पुलिस घटना का खुलासा करने के बजाय पैसे के लेन देन पर जोर देती है. हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, आदेश चौहान, मनोज तिवारी, ममता राकेश, गोपाल सिंह राणा ने भी कानून व्यवस्था की पोल खोली. उन्होंने सदन की कार्यवाही रोक कर लोकहित और अभिलंब से जुड़े इस प्रश्न पर चर्चा कराने की मांग की.
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स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर प्रीतम सिंह का सवाल: कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में स्मार्ट सिटी को लेकर सवाल किया. प्रीतम सिंह ने सवाल पूछा कि स्मार्ट सिटी के जो काम बचे हैं, उनमें कितना धन खर्च होना है और उन्होंने इस प्रोजेक्ट में कितनी कार्यदायी संस्थाएं काम कर रही हैं. इसके जवाब में संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया कि लगभग 250 करोड़ के काम होने बाकी हैं. स्मार्ट सिटी में कुल बजट एक हजार करोड़ का है, जिसमें 500 करोड़ केंद्र और 500 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी. अभीतक इसमें से 394 करोड़ रुपये केंद्र से मिल चुके हैं जबकि 241 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने जारी किए हैं. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि कुल 22 में से 16 काम पूरे हो चुके हैं, जिसमें 635 करोड़ खर्च हो चुके हैं. इस प्रोजेक्ट में स्मार्ट टॉयलेट, स्कूल, लाइब्रेरी, इलेक्ट्रिक बस, वाटर मैनेजमेंट, वाटर एटीएम, राष्ट्रीय ध्वज लगाने का काम शामिल हैं. वर्तमान में ड्रेनेज, सीवरेज, रोड, ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट पोल काम चल रहे हैं. परियोजना में 14 कंपनियां काम कर रही हैं और जून 2024 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी.
प्रेमचंद अग्रवाल और प्रीतम सिंह के बीच बहस: दरअसल, स्मार्ट सिटी को लेकर प्रीतम सिंह के सवाल के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में कहा कि वो सभी सवालों के विस्तार से जवाब देंगे लेकिन एक प्रश्न पर तीन अनुपूरक सवाल करने की ही संसदीय परंपरा रही है. ये सुनकर प्रीतम सिंह ने कहा कि विधानसभा कार्य संचालन नियमावली में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है कि तीन ही अनुपूरक प्रश्न पूछे जाएंगे. इसको लेकर दोनों के बीच बहस हुई.