केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान के बाद यूपी के अलग-अलग शहरों में दस्तक देने के बाद कोरोना का नया वैरियंट जेएन-1 दशहत का पर्याय बनता जा रहा है. हालांकि चिकित्सका विशेषज्ञ इसे नार्मल इन्फ्लूएंजा की तरह का वायरस बता रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है. कोरोना की दोनों वैक्सीन लगवा चुके लोगों में एंटीबाड़ी बन चुकी है. ऐसे में कोई चिंता की बात नहीं है.
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कोविड के नए वैरियंट जेएन-1 की जानकारी देतीं केजीएमयू की प्रो. तूलिका चंद्रा .
लखनऊ : वर्तमान में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट जेएन-1 सामने आया है. केरल में इसी वायरस से कई मौतें भी हो चुकी हैं. इसके बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कोविड को लेकर अलर्ट जारी किया है. लोगों को जागरूक करने का काम स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. इस बार जो कोरोना वायरस से वह नॉर्मल इन्फ्लूएंजा की तरह ही सर्दी, जुखाम, बुखार तक ही सीमित रहेगा. इसका बहुत बुरा प्रभाव स्वास्थ्य पर नहीं पड़ेगा. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि प्रदेश की बड़ी आबादी को कोविड टीका लग चुका है. जिसके चलते यह वायरस अधिक प्रभावशाली नहीं हो रहा है. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. तूलिका चंद्रा ने कहीं.
प्रो. तूलिका चंद्रा का दावा.
कोविड को लेकर अलर्ट : प्रो. तूलिका चंद्रा ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कोविड को लेकर अलर्ट घोषित किया गया है. सर्दी, जुखाम, बुखार के गंभीर मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है. प्रदेश में दिसंबर माह में अब तक मिलने वाले कोविड मरीजों की संख्या आठ हो गई है. इन सभी की जीनोम सिक्वेसिंग कराने के लिए सैंपल केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजा गया है. बीते दिनों लखनऊ के आलमबाग के रहने वाली एक बुजुर्ग कोविड पॉजिटिव मिली थी. इसके बाद बीते रविवार को तीन नए कोरोना के मामले सामने आए. जिसमें एक गोरखपुर और दो मरीज गौतमबुद्धनगर जिले के थे. रिपोर्ट आने के बाद इन मरीजों के परिवारवालों के सैंपल कलेक्ट कर जांच के निर्देश दिए गए थे. इसी तरह जो भी मरीज मिल रहे हैं उनकी जांच कराई जा रही है. केजीएमयू में रोज 40 से 50 सैंपल कोविड जांच के लिए आते हैं.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन
आगामी त्यौहारों की अवधि में कोविड-19 के संचरण में संभावित वृद्धि को नियंत्रित किए जाने के लिए चिकित्सालयों में उपचार हेतु आने वाले खांसी, जुखाम, बुखार इत्यादि रोगियों को श्वसन सम्बन्धी शिष्टाचार (Respiratory Hygeine) के अनुपालन हेतु प्रेरित किया जाए.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड-19 वायरस के सतत् सर्विलांस के लिए तहत ऑपरेशन गाइड लाइन्स एवं संशोधित सर्विलॉन्स रणनीति के निम्न अवयवों पर सभी जनपदों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएं.
हेल्थ फैसिलिटी और प्रयोगशाला आधारित सेन्टीनल सर्विलांस चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इन्फ्लुएन्जा लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड-19 के लिए आरटीपीसीआर विधि द्वारा जांच और प्रयोगशाला में कोविड पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के विषय में जानकारी को सभी स्टेक होल्डर्स के साथ साझा करते हुए इनके नमूनों की व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग कराया जाएं.
समुदाय में इन्फ्लुएन्जा लाइक इलनेस (ILI) के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि या ऐसे मरीजों का क्लस्टर पाए जाने की स्थिति में तत्काल जिला मुख्यालय में सूचना दिए जाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाएं. ऐसे मरीजों के कुछ प्रतिशत नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएं.
प्रयोगशाला में आरटीपीसीआर विधि द्वारा कोविड धनात्मक पाये जाने वाले मरीजों के नमूनों की INSACOG द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला (Department of Microbiology, KGMU, Lucknow) के माध्यम से व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग कराया जाना.
हालांकि रहें सावधान : प्रो. तूलिका चंद्रा ने कहा कि भले ही वायरस अधिक सक्रिय नहीं है, लेकिन आम पब्लिक को सावधानी रखनी है. डिस्टेंस मेंटेन करना है और पब्लिक प्लेस पर हमेशा मुंह पर मास्क लगाकर चलना है. अगर कोई लक्षण सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार का लगता है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर सबसे पहले अपनी कोविड की जांच कराएं. उसके बाद अपना इलाज शुरू करें. अगर कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो कुछ दिन के लिए परिवार और रिश्तेदारों से दूरी बरकरार रखें. अपना कमरा अलग करें. जब तक रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती है, तब तक बच्चों व बुजुर्ग से दूरी मेंटेन करें.