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हड़ताली एम्बुलेन्स कर्मियों पर देर रात छापामारी, प्रशासन ने छीनी चाबी

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Published : Jul 28, 2021, 7:19 AM IST

Updated : Jul 28, 2021, 8:19 AM IST

उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस हड़ताल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना (ट्रामा-टू) के पास चार दिन से एम्बुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन चल रहा है. जहां देर रात बारिश के बीच पुलिस संग अधिकारियों ने धरना स्थल पर छापामार कार्रवाई की. इस दौरान धरना स्थल पर अफरा-तफरी मच गई. अपनी मांगों को लेकर अड़े एंबुलेंस कर्मियों और पदाधिकारियों के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी होती रही. आखिरकार, प्रशासन ने लखनऊ में कर्मियों से एम्बुलेंस की चाबी छीन ली. जबकि, कुछ जनपदों में रात को ही धरना समाप्त करने का एलान किया गया है.

हड़ताली एम्बुलेन्स कर्मियों पर देर रात छापामारी
हड़ताली एम्बुलेन्स कर्मियों पर देर रात छापामारी

लखनऊ: यूपी में एम्बुलेंस कर्मियों औरअफसरों के बीच में ठनाठनी हो गई है. राजधानी के वृंदावन योजना ट्रामा-टू के पास चार दिन से एम्बुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन चल रहा है. इस दौरान उनकी कुछ समस्याओं का तो निराकरण हुआ मगर, सभी मसलों पर सहमति नहीं बनीं. हड़ताल को लेकर एस्मा लागू होने की नोटिस थमाने के बावजूद कर्मी नहीं माने. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग 108-102 एम्बुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान, महामंत्री सत्येंद्र सहित 13 कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज किया है.

हड़ताली एम्बुलेन्स कर्मियों पर देर रात छापामारी

मीडिया प्रभारी शादाब के मुताबिक मंगलवार रात दो बजे अधिकारियों ने धरना स्थल पर छापा मारा, इस दौरान बारिश की वजह से सभी कर्मी एम्बुलेंस में ही बैठे थे. इस दौरान प्रशासन ने सभी को बाहर निकालकर वाहनों की चाबी ले ली. जबकि कर्मी बारिश में भी धरने पर डटे रहे और बुधवार को भी प्रदेश भर में एम्बुलेंस सेवा ठप होने का दावा किया. वहीं, कुछ जिलों में अफसरों और कर्मियों में सहमति बनने का दावा कर सेवा बहाली का एलान भी किया.



मानदेय बढ़ोतरी की मांग, समायोजन पर सहमति


बताया जा रहा है कि एएलएस (ALS) एम्बुलेन्स सेवा का संचालन पहले जीवीकेईएमआरआई (JVKEMRI) कंपनी करती थी. यह अब जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी के पास है. मीडिया प्रभारी शादाब ने कहा कि एएलएस के सभी कर्मियों का नई कंपनी में समायोजन किया जाए. इस पर सहमति बन गयी. मगर 108-102 कर्मियों का मानदेय बढ़ाया जाए. इसके लिए धरना जारी है.

यह भी पढ़ें- एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल: लापरवाही से एक भी मरीज की मृत्यु हुई तो होगी कठोर कार्रवाई



मरीजों पर आफत

दरअसल, राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. इससे रोज औसतन 9500 मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं गर्भवती, प्रसूता, बनवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. इस एम्बुलेन्स से रोज औसतन 9500 मरीज जाते हैं. गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है. हर रोज मरीज कॉल सेंटर फोन कर रहे हैं. वहीं, सैकड़ों मरीजों को सुविधा नहीं मिली. ऐसे में परिवारीजन निजी एम्बुलेन्स से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे. उन्नाव समेत कई जनपदों में एम्बुलेंस न मिलने से मरीज की मौत के भी मामले सामने आए हैं.

हड़ताली एम्बुलेन्स कर्मियों पर देर रात छापामारी

लापरवाही से हुई एक भी मरीज की मौत तो होगी कार्रवाई : सीएम योगी

जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल को लेकर कहा था कि प्रदेश में यदि किसी की लापरवाही की वजह से एक भी मृत्यु हुई तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. सीएम योगी ने मंगलवार को टीम 9 की बैठक के दौरान ये बात कही थी.

Last Updated :Jul 28, 2021, 8:19 AM IST

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