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Kumbha Shankranti 2022 : भगवान सूर्य का शनिदेव की दूसरी राशि में प्रवेश, जानिये कुंभ संक्रांति का मुहूर्त और पुण्यकाल

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Published : Feb 11, 2022, 3:07 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 3:22 PM IST

सूर्य अब 13 फरवरी को कुंभ राशि (kumbha shankranti 2022) में प्रवेश करेंगे. इस परिवर्तन के साथ ही सूर्य कालपुरुष की कुंडली में एकादश भाव में गोचर करेंगे. एकादश स्थान को शुभ माना गया है. इस दिन रविवार, त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग होने से कुंभ संक्रांति का महत्व और बढ़ गया है.

kumbha shankranti 2022
कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी

ईटीवी भारत डेस्क : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि (zodiac sign) से दूसरी राशि में संचरण करते हैं. साथ ही कुछ ग्रह वक्री और मार्गी गति से भी संचरण करते है. ग्रहों के राजा सूर्यदेव कुंडली में पद, पिता, मान-सम्मान आदि के कारक है. सूर्यदेव (lord sun transit) सिंह (leo zodiac sign) राशि के स्वामी हैं. मेष इनकी उच्च तथा तुला नीच राशि कही गई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करते हैं. साथ ही कुछ ग्रह वक्री और मार्गी गति से भी संचरण करते है. इसी प्रकार सूर्य अब कुंभ राशि (kumbha shankranti 2022) में प्रवेश करेंगे. सूर्य लगभग 30 दिन तक एक ही राशि में संचरण करते हैं.

सूर्य लगभग 30 दिन तक एक ही राशि में संचरण करते हैं. वर्तमान में ग्रहों के राजा सूर्य ग्रह मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं. सूर्य अब 13 फरवरी को कुंभ राशि (kumbha shankranti 2022) में प्रवेश करेंगे इसलिए कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी को है. इस परिवर्तन के साथ ही सूर्य कालपुरुष की कुंडली में एकादश भाव में गोचर करेंगे. एकादश स्थान को शुभ माना गया है. यह हमारे जीवन में वृद्धि का सूचक है. इस भाव से इच्छाओं की पूर्ति, आय, लाभ, सम्मान, वृद्धि, प्राप्ति, बड़े भाई-बहन, मित्र आदि का विचार किया जाता है.

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मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार (kumbha shankranti 2022) कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी रविवार को सुबह 3:39 बजे सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, इस दिन को कुंभ संक्रान्ति (kumbha shankranti 2022) के नाम से जाना जाता है. सूर्य देव का दिन रविवार, त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग होने से कुंभ संक्रांति का महत्व और बढ़ गया है. कुंभ संक्रान्ति का पुण्य काल सूर्योदय से 12:30 बजे तक रहेगा.

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सूर्य उदय होने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अर्घ्य देते समय सूर्यदेव की ओर न देखकर जल प्रवाह में सूर्य की किरणों की ओर देखें. अक्षत, गुड़, गंगाजल और कुमकुम के साथ तांबे के लोटे से अर्घ्य अर्पित करें. अर्घ्य देते समय मंत्रों का सात बार जाप करें. अर्घ्य देने के पश्चात सूर्यदेव से अपनी गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. सूर्यदेव से स्वस्थ तन, मन व यश प्राप्ति की कामना करें. अगर आप सूर्यदेव की पूजा (god surya dev puja) कर रहे हैं तो इन सरल मंत्रों (Surya Mantra) का जाप कर सकते हैं. sun transit in aquarius. सूर्य देव के मंत्र. kumbha rashi me surya. सूर्यदेव को अर्घ्य. kumbha sankranti pundya kaal muhurta. surya rashi parivartan.

ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ घृणि सूर्याय नमः

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Last Updated :Feb 11, 2022, 3:22 PM IST

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