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शहडोल संभाग में कमिश्नर की अभिनव पहल, आदिवासी बच्चों को एमबीबीएस कराने का संकल्प, मेडिकल स्टूडेंट बनेंगे मेंटर

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Published : Mar 14, 2022, 12:08 PM IST

Updated : Mar 14, 2022, 12:23 PM IST

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा को नित नए प्रयोगों के लिए जाना जाता है. प्रशासनिक अधिकारियों के लिए उनके कार्य प्रेरणादायक होते हैं. उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता है. आदिवासी बहुल क्षेत्र शहडोल संभाग में उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को डॉक्टर बनाने का संकल्प लिया है. (Unique experiment in Shahdol division) ( Tribel students become doctor)

school of shahdol
आदिवासी बच्चें बनेंगे डॉक्टर

भोपाल . शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा अपने सामाजिक कार्यों के कारण संभाग के गांवों में भी लोकप्रिय होते जा रहे हैं. वह प्रशासनिक कार्यों को पूरी पारदर्शिता के साथ समय सीमा में करते हैं. इसके साथ ही छोटे से छोटे गांवों का दौरा कर वह सरकारी योजनाओं को धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं. वह समाज को नई दिशा देने के लिए नित नए प्रयोग करते हैं. हाल ही में उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को एमबीबीएस कराने की ठानी है. यह कोई सरकारी योजना नहीं है, बल्कि कमिश्नर राजीव शर्मा अपने स्तर पर इस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं.

आदिवासी बच्चों को कराएंगे नीट की तैयारी

संभाग में 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे आदिवासी बच्चों को मेडिकल में प्रवेश की परीक्षा नेशनल एलीजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) की तैयारी कराने के लिए कमिश्नर राजीव शर्मा ने अभिनव पहल की है. इन बच्चों को नीट की तैयारी कराने के लिए उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट की मदद लेने की योजना बनाई है. मेडिकल स्टूडेंट को मेंटर की भूमिका दी जाएगी. ये स्टूडेंट आदिवासी बच्चों को नीट की तैयारी करने में मदद करेंगे.

मेडिकल कॉलेज की मदद ले रहे हैं कमिश्नर

आदिवासी बच्चों की नीट की तैयारी कराने के लिए कमिश्नर राजीव शर्मा ने मेडिकल कॉलेज के डीन, आदिवासी उपायुक्त, शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक और सभी स्कूल प्राचार्यों के साथ बैठक कर उन्हें इस योजना को अमलीजामा पहनाने का आग्रह किया है. योजना के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट को अलग-अलग स्कूलों जाकर बच्चों की मदद करेंगे. खास बात यह है कि कमिश्नर खुद इस योजना की मॉनिटरिंग बारीकी से कर रहे हैं.

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कमिश्नर बोले- यह योजना सरकारी नहीं

आमतौर पर नीट का एग्जाम मई या जून में होता है. इसलिए मेडिकल के स्टूडेंट इन्हें एग्जाम से छह माह पहले से तैयारी कराने के लिए स्कूलों में पहुंचेंगे. कमिश्नर का कहना है कि 10वीं और 12वीं के छात्र मार्गदर्शन के अभाव में कैरियर की राह तय नहीं कर पाते. मेडिकल स्टूडेंट मार्गदर्शन देंगे तो वे सिर्फ मेडिकल ही नहीं, अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी सक्रिय होंगे. यह पहल सरकारी योजना से अलग है, जिसमें आदिवासी बच्चों को कोचिंग करने में आर्थिक मदद दी जाती है.

आईएएस राजीव शर्मा हमेशा कुछ नया करते हैं

शहडोल कमिश्नर शर्मा पहले भी आदिवासी बच्चों के खेल-कूद के लिए बड़ा काम कर चुके हैं. उन्होंने शहडोल व आसपास में एक हजार फुटबाल क्लबों का न केवल गठन किया, बल्कि उनके बीच में कमिश्नर ट्रॉफी भी करवाई. एक हजार से अधिक फुटबाल क्लब अभी संभाग में सक्रिय हैं. खेल विभाग से इन क्लबों को जोड़ दिया गया है.

ऐतहासिक धरोहरों से परिचित कराने की मुहिम

कमिश्नर राजीव शर्मा की पहल पर संभाग शहडोल के युवाओं को ऐतहासिक धरोहरों से परिचित कराने की मुहिम शुरू की गई है. एक विशेष कार्यक्रम के तहत संभाग के युवा अपने क्षेत्र के ऐतहासिक धरोहरों से रूबरू हो रहे हैं और इनका महत्व समझ रहे हैं. कमिश्नर का कहना है कि शहडोल संभाग में कई प्राचीनतम स्थल हैं, जिनकी ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि रही है किन्तु युवाओं को शहडोल संभाग की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि की जानकारी काफी कम है.

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प्रशासनिक कार्यों में सबसे आगे कमिश्नर राजीव शर्मा

शहडोल संभाग राजीव शर्मा की पहल पर शहडोल संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए 15 जून 2021 से चलाए गए राजस्व सेवा अभियान का प्रथम चरण शहडोल संभाग में फलीभूत हुआ. राजस्व सेवा अभियान के प्रथम चरण में शहडोल संभाग के हजारों किसानों के राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है. जिससे शहडोल संभाग के किसानों को सीधा लाभ हुआ है. राजस्व सेवा अभियान के प्रथम चरण में शहडोल संभाग के 20 हजार 459 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है. अब शहडोल संभाग में राजस्व सेवा अभियान का दूसरा चरण सक्रियता के साथ चलाया जा रहा है.

वर्ष-2003 के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं

वर्ष-2003 के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कमिश्नर राजीव शर्मा को शहडोल का कमिश्नर अप्रैल 2021 में बनाया गया था. इसके पूर्व कलेक्टर शाजापुर, सचिव पर्यावरण, सचिव नगरीय प्रशासन, प्रशासक राजधानी परियोजना, आयुक्त विमानन, आयुक्त रेषम, आयुक्त हथ करघा एवं हस्त शिल्प, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश हस्त शिल्प के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ रह चुके हैं.

(Unique experiment in Shahdol division) ( Tribel students become doctor)

Last Updated :Mar 14, 2022, 12:23 PM IST

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