एंबुलेंस कर्मियों से मिले सीएम जयराम ठाकुर, दिया ये आश्वासन
हिमाचल प्रदेश में चलाई जा रही 108 व 102 एंबुलेंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री से मिलते हुए (CM Jairam meet Ambulance Workers) कर्मचारियों ने कहा कि अब उन्हें आश्वसन नहीं चाहिए. कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें कंपनी से ज्वाइनिंग लेटर दिलवाया जाए, नहीं तो शिमला में ही सभी कर्मचारी लामबंद होंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
Ambulance Service in Himachal: एंबुलेंस कर्मियों के पक्ष में उतरे नेता प्रतिपक्ष, सरकार को दी ये चेतावनी
हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा नई कंपनी के हाथों में सौंपने के बाद कई कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिससे कर्मियों में काफी रोष है. कर्मी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें न निकाला जाए. इसी कड़ी में सोमवार को एंबुलेंस कर्मी शिमला के पीटरहॉफ पहुंचे, जहां विधायक प्राथमिकता की बैठक चल रही है. एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी आपबीती नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को (Mukesh Agnihotri on Ambulance personnel) सुनाई और सरकार के समक्ष इस मामले को उठाने की गुहार लगाई.
हमीरपुर में चारा काटने की मशीन पर मिल रही 50 प्रतिशत सब्सिडी, एक क्लिक कर जानें सारी जानकारी
कृषि विभाग हमीरपुर के पास चारा कटर (Chaff cutting machine in Hamirpur) की खेप पहुंच गई है. किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी पर ये मशीनें मुहैया करवाई जाएंगी. जिन किसानों ने कृषि विक्रय केंद्रों में चारा कटर की डिमांड दे रखी थी, वे ब्लॉकों में जाकर यह मशीन खरीद सकते हैं. बता दें कि कृषि विभाग हमीरपुर ने किसानों की डिमांड पर 1184 के करीब चारा कटर मंगवाए थे.
नहीं थम रहा बशकोला-रानखड़ू सड़क विवाद, ग्रामीणों ने डीसी कुल्लू से लगाई ये गुहार
कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बशकोला के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कुल्लू से मिला और उन्होंने बशकोला-रानखड़ू सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि पुराने सर्वे के आधार पर बन रही सड़क के कारण बशकोला गांव का एकमात्र मैदान खराब हो रहा है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
पालकी में मरीज, आफत में जान, मंडी जिले का रटोली गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम
सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत भाम्बला के रटोली गांव में आज भी सड़क सुविधा (lack of road facilities in mandi) नहीं. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. तबीयत खराब होने पर मरीजों को पालकी में उठाकर खराब और संकरे रास्ते से चलकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.