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शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने प्रोपर्टी आईडी व परिवार पहचान पत्र की तुलना शादी के कार्ड से कर दी

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Published : Apr 10, 2023, 11:00 PM IST

हरियाणा में फैमिली आईडी कार्ड और प्रॉपर्टी आईडी कार्ड में सरकारी अधिकारियों द्वारा जो गलतियां की गई हैं, उसी को लेकर शहरी निकाय मंत्री जी का बयान सामने आया है. खबर में जानिए आखिर नेता जी ऐसा क्या कह गए जिससे वो विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं.

Kamal Gupta Controversial statement in Rohtak Family ID card and property ID card compared with marriage card
मंत्री ने प्रोपर्टी आईडी व परिवार पहचान पत्र की तुलना शादी के कार्ड से कर दी

मंत्री ने प्रोपर्टी आईडी व परिवार पहचान पत्र की तुलना शादी के कार्ड से कर दी

रोहतक: हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रॉपर्टी आईडी व परिवार पहचान पत्र की तुलना शादी के कार्ड से कर दी है. उन्होंने कहा कि शादी का कार्ड भी 3 या 4 बार छुपाते हैं. तो उसमें भी गलतियां होती हैं. फिर 43 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी आईडी व 72 लाख से ज्यादा परिवार पहचान पत्र में गलतियां होना स्वाभाविक है. इस सारे डेटा को कलमबद्ध करना आसान काम नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि गलतियां कहां नहीं होती हैं. लेकिन इन गलतियों को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए ठीक करेंगे.

दरअसल, प्रॉपर्टी आईडी व परिवार पहचान पत्र में गलतियों को लेकर प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ है. इसी पर मंत्री की यह प्रतिक्रिया सामने आई है. निकाय मंत्री सोमवार को रोहतक जिला विकास भवन में नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इस बैठक में प्रॉपर्टी आईडी, सफाई व्यवस्था, सौंदर्यीकरण समेत कई अन्य विषयों पर अधिकारियों के साथ चर्चा की गई.

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने भी माना कि प्रॉपर्टी आईडी को लेकर प्रदेश भर में हाहाकार मचा हुआ है. जिसे ठीक करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में हरियाणा पहला ऐसा राज्य है, जहां शहरी जमीन की 43 लाख 20 हजार प्रॉपर्टी की मैपिंग की गई है. जबकि स्वामित्व योजना के तहत भी दुकानदारों को मालिकाना हक देने का काम शुरू किया गया है.

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प्रदेश भर में बिना मंजूरी की कॉलोनियों को भी मंजूरी देने का काम चल रहा है. अब तक कुल 190 कॉलोनियों को मंजूरी दी गई है. नगर निगम से जुड़ी सभी प्रकार की सेवाओं को नगर दर्शन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है. ताकि भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए. आम आदमी को अपने हर काम के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें. शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि आज का युग पोर्टल का युग है. अगर नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो पूरी दुनिया में पीछे रह जाएंगे. उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि शुरू-शुरू में मोबाइल फोन व व्हाट्सएप के इस्तेमाल में भी दिक्कत आई थी.

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