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ट्यूशन पढ़ाने के बहाने छात्रा से दुष्कर्म, दोषी को अदालत ने सुनाई 10 वर्ष की सजा

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Published : Sep 8, 2022, 12:46 PM IST

नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में 71 व‌र्षीय एटा निवासी स्कूल प्रबंधक रामपाल का नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. जिला न्यायालय सूरजपुर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी रामपाल को दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए 10 वर्ष कारावास की कठोर सजा सुनाई है.

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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: बिसरख थाना क्षेत्र में छात्रा से दुष्कर्म के दोषी स्कूल प्रबंधक को अदालत ने दस वर्ष की सजा सुनाई और पचास हजार का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में एक नाबालिग आरोपी के संबंध में मामला विचाराधीन है. मामला वर्ष 2020 का है, जब मानसिक रूप से कमजोर छात्रा के गर्भवती होने के पांच माह बाद परिजनों को दुष्कर्म की जानकारी हुई. जिसके बाद पड़ोस में ट्यूशन पढ़ाने वाले 71 व‌र्षीय बुजुर्ग रामपाल पर छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/पोक्सो एक्ट अनिल कुमार ‌सिंह द्वितीय ने दोषी को 10 वर्ष की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना न देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी.

सहायक शासकीय अधिवक्ता नीटू विश्नोई ने बताया की वर्ष 2020 में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र में पीड़ित परिवार किराए पर रहता था. उनके पड़ोस में एटा निवासी रामपाल रहता था, जिसका एटा में अपना स्कूल था. रामपाल बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता था. उसी के पास पीड़ित छात्रा भी ट्यूशन पढ़ती थी. मानसिक रूप से कमजोर छात्रा जब पांच मांह की गर्भवती हो गई तो उसके परिजनो ने पुछताछ की जिसमें छात्रा ने रामपाल को आरोपी बताया. इसके साथ ही इस मामले में एक नाबालिग को भी आरोपी बनाया है. परिजनो की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी रामपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

मामले की सुनवाई जिला न्यायालय सूरजपुर में फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई. गवाहो की गवाही व दोनो पक्षो के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद अदालत ने आरोपी रामपाल को दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई.

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सहायक शासकीय अधिवक्ता नीटू विश्नोई ने बताया की अदालत ने पीड़ित छात्रा को मेडिकल के अनुसार बालिग माना, जिससे दोषी रामपाल को केवल दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए दस वर्ष की सजा सुनाई. जबकि पुलिस ने मामला दर्ज करते समय पीड़ित छात्रा को नाबालिग माना था इसीलिए मामला पोक्सो एक्ट की धाराओं में दर्ज किया गया था.

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