नई दिल्ली:दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर विधानसभा क्षेत्र में हालत ऐसी है कि सड़क किनारे लगी लाइट भी नहीं जलती. रात के अंधेरे में महिलाओं और बच्चों को आना-जाना पड़ता है. वहीं इससे स्थानीय लोगों के मन में एक डर भी बना रहता है.
गजब: हरि नगर विधानसभा क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट तो है लेकिन जलती नहीं
राजधानी दिल्ली के कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट तो है लेकिन वो जलती नहीं. हरि नगर विधानसभा क्षेत्र की भी कुछ ऐसी ही हालत है. जहां के लोग स्ट्रीट लाइट के न जलने से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.
हरि नगर विधानसभा क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट
3 महीने पहले लगी थी लाइट
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये स्ट्रीट लाइट यहां तीन महीने पहले लगाई गई थी. लेकिन अब तक ये लाइट कभी जली नहीं. 'आप' विधायक ने यहां साढ़े तीन महीने पहले लाइट लगवाने का बोर्ड लगवा दिया था. लेकिन कई बार शिकायत करने के बावजूद भी सड़कें रोशन नहीं हो पाई हैं.
ऐसे में स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि विधायक को लिखित शिकायत देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही.
Intro:वेस्ट दिल्ली के हरि नगर विधानसभा में रोड लाइट के पोल लगे हुए 3 महीने से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन इन पोल आर अभी तक लाइट का कोई नामों निशान नही है.
Body:साढ़े 3 महीने पहले लगवाए थे बोर्ड..
स्थानीय लोगो का कहना है कि यहां 3 साढ़े तीन महीने पहले दिल्ली सरकार के विधायक की तरफ से लाइट लगवाने का बोर्ड लगवा दिया गया था लेकिन अभी तक लाइटें नहीं लगवाई गई है.
कई बार कर चुके है शिकायत,,
लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार लिखित में विधायक को अंधेरे और लाइट ना होने की शिकायत भी की है लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं की गई है..
Conclusion:जरूरतों और परेशानियों को लेकर कितना सजग विधायक ?..
ऐसे में बस स्थानीय लोगों के लिए यह एक सवाल बना हुआ है, कि विधायक उनकी जरूरतों और परेशानियों को लेकर कितना सजग है.
Body:साढ़े 3 महीने पहले लगवाए थे बोर्ड..
स्थानीय लोगो का कहना है कि यहां 3 साढ़े तीन महीने पहले दिल्ली सरकार के विधायक की तरफ से लाइट लगवाने का बोर्ड लगवा दिया गया था लेकिन अभी तक लाइटें नहीं लगवाई गई है.
कई बार कर चुके है शिकायत,,
लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार लिखित में विधायक को अंधेरे और लाइट ना होने की शिकायत भी की है लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं की गई है..
Conclusion:जरूरतों और परेशानियों को लेकर कितना सजग विधायक ?..
ऐसे में बस स्थानीय लोगों के लिए यह एक सवाल बना हुआ है, कि विधायक उनकी जरूरतों और परेशानियों को लेकर कितना सजग है.