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दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना

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Published : Feb 23, 2022, 6:13 PM IST

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में बुधवार 23 से 26 फरवरी तक पक्षियों की गणना की जाएगी. इससे पक्षियों की प्रजाति, तादाद व गुण वगैरह का पता चलेगा. दिल्ली में पुराने पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को वापस लाने के लिए डीडीए द्वारा दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में इन सभी सातों पार्कों की स्थापना की गई है.

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नई दिल्ली : दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में बुधवार 23 से 26 फरवरी तक पक्षियों की गणना की जाएगी. इससे पक्षियों की प्रजाति, तादाद व गुण वगैरह का पता चलेगा. दिल्ली के सभी बायो-डायवर्सिटी पार्क में कितनी संख्या में पक्षी हैं और किस-किस प्रजाति के पक्षी प्रवास के लिए यहां पर आ रहे हैं.

दिल्ली में पुराने पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को वापस लाने के लिए डीडीए द्वारा दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में इन सभी सातों पार्कों की स्थापना की गई है. इनमें बुराड़ी-जगतपुर इलाके में यमुना किनारे डेवलप किया गया बायो-डायवर्सिटी पार्क सबसे पुराना है.

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना


ईटीवी भारत से बात करते हुए बायो-डायवर्सिटी पार्क के चीफ़ वैज्ञानिक डॉ. फैयाज खुदसर ने बताया कि दिल्ली के सभी पार्को को डीडीए द्वारा पर्यावरण को साफ और मजबूत करने के लिए डेवलप किया गया है. ये पार्क पर्यावरण के लिए किडनी का काम करते हैं. जिस तरह से किडनी पूरे शरीर के लिए खून को साफ करती है. उसी तरह पाक भी पर्यावरण के लिए ऑक्सीजन को फिल्टर करते हैं.

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना

अब पक्षियों की गणना का कार्यक्रम बुधवार से 4 दिनों तक चलेगा. इसका मुख्य मकसद पक्षियों की प्रजातियों और उनकी विविधताओं के बारे में पता करना है. बायो डायवर्सिटी पार्क में किस-किस तरह के पक्षी आते हैं और किस तरह से उनका रहन-सहन है और कैसा वातावरण पसंद है. इसके आकलन के बाद पर्यावरण को लेकर आगे क्या काम किया जा सकता है, जिससे पक्षियों की तादाद भी बढ़े. इस पर फैसला लिया जाएगा.

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना



वैज्ञानिक लगातार नोटिस कर रहे हैं कि कुछ पक्षी पेड़ों की चोटी पर रहते हैं, तो कुछ पेड़ों के बीच में रहना पसंद करते हैं. कुछ पक्षी और सरीसृप प्रजाति के जीव जमीन पर रहते हैं, तो कुछ पानी में रहना पसंद करते हैं. सभी पक्षियों की विविधता और प्रजातियां भी अलग-अलग हैं.

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना

इन सब को नोटिस करने के बाद इनकी गणना की जाएगी और इससे पता चलेगा कि किस इलाके में पर्यावरण का तंत्र कितना मजबूत है. जिस इलाके में पक्षियों और सरीसृप के साथ-साथ वृक्षों की तादाद ज्यादा होगी उस वेटलैंड के आसपास पर्यावरण काफी मजबूत होगा. वहां पेड़ों की तादाद अधिक होगी. जिससे पर्यावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी.

दिल्ली के सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में परिंदों की गिनती का दौर शुरू, 26 फरवरी तक चलेगी गणना

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दिल्ली के सभी सातो बायो-डायवर्सिटी पार्क में बुराड़ी-जगतपुर इलाके में यमुना किनारे विकसित किया गया बायो-डायवर्सिटी पार्क सबसे पुराना है. इसकी स्थापना डीडीए द्वारा साल 2002 में की गई थी. बुधवार से सभी पक्षियों की प्रजाति, संख्या, नर-मादा, बच्चों व अंडों के प्रजनन के साथ-साथ उनकी सक्रियता, प्रवास और पर्यावास आदि की जानकारी एकत्र की जाएगी, जोकि पहले भी समय-समय पर की जाती रही है. इस बार ख़ास तौर से यह कार्यक्रम 23 फरवरी से 26 फरवरी तक चलाया जा रहा है. परिंदों की गिनती के बाद पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

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