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मंत्री सौरभ भारद्वाज के OSD ने बेबी केयर सेंटर के रजिस्ट्रेशन के लिए दी थी खास दलील!, पढ़ें क्या-क्या लिखा - Baby Care Hospital Fire Tragedy

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 29, 2024, 6:12 AM IST

दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में 7 नवजात की जलकर मौत हो जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस हादसे के पीछे बड़ी लापरवाही सामने आई है. द‍िल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी सवालों के घेरे में आ गए हैं.

सवालों के घेरे में सौरभ भारद्वाज के ओएसडी
सवालों के घेरे में सौरभ भारद्वाज के ओएसडी (Etv Bharat GFX)

नई द‍िल्‍ली: व‍िवेक व‍िहार इलाके में बेबी केयर सेंटर में लगी भीषण आग और उसमें 7 मासूमों की दर्दनाक मौत ने राजधानी द‍िल्‍ली को ह‍िलाकर रख द‍िया है. इस हादसे में शासन और प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है. इस हादसे के बाद अब कई स्‍तर पर अलग-अलग जांच जारी है. ऐसे में द‍िल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के एक बड़े च‍िकि‍त्‍सा अध‍िकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं. वर्तमान में यह अध‍िकारी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी की अत‍िर‍िक्‍त ज‍िम्‍मेदारी संभाल रहे हैं. इन्होंने ही स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग में रहते 'बेबी केयर न्‍यू बोर्न अस्‍पताल' को रज‍िस्‍ट्रेशन द‍िलाने में अहम भूम‍िका न‍िभाई थी. इसकी डिटेल्स र‍िपोर्ट ETV भारत के पास है.

स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय की एक र‍िपोर्ट के मुताबिक, 25 मई 2024 को ज‍िस 'बेबी केयर अस्‍पताल' में यह दर्दनाक हादसा हुआ है वो पहले दूसरे नाम से अवैध तरीके से संचाल‍ित हो रहा था. 'बेबी केयर न्‍यू बॉर्न अस्‍पताल' सी-54, फेज-1, व‍िवेक व‍िहार में है. जबक‍ि, अवैध चलने वाला अस्‍पताल बी-22, व‍िवेक व‍िहार में चलता है. हादसे का श‍िकार नर्स‍िंग होम को 30 स‍ितंबर, 2021 को रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी क‍िया गया था, जो‍ 31 मार्च, 2024 तक वैध था. इसके बाद इस अस्‍पताल का र‍िन्‍युअल होना बाकी था. यानी इस नर्स‍िंग होम का वर्तमान में न‍ियमों के मुताब‍िक संचालन अवैध था.

दो अदालतों में चल रहा नर्स‍िंग होम के खिलाफ मुकदमा: हैरान की बात है क‍ि नर्स‍िंग होम माल‍िक की सब करतूतों के पता होने के बाद भी स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के आला अफसरों की उस पर खूब मेहरबानी रही. द‍िल्‍ली की दो अदालतों में उसके नर्स‍िंग होम्‍स को लेकर अलग-अलग मामले भी दर्ज हुए. कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में उसके ख‍िलाफ खुद स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय ने मामले दर्ज करवाए. इन सबको दरक‍िनार करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के आला अफसरों का उनको संरक्षण म‍िलता रहा. तमाम खाम‍ियों को नजरंदाज कर रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी क‍िया गया था.

अवैध तरीके से चल रहे नर्स‍िग होम पर की गई थी छापेमारी: र‍िपोर्ट के अनुसार, हादसे वाले साइट पर संचाल‍ित अस्‍पताल 2021 में रजिस्‍टर्ड होने से पहले दूसरी जगह पर अवैध तरीके से व‍िवेक व‍िहार एर‍िया में ही चलाया जा रहा था. बी-22, राम मंद‍िर के व‍िपर‍ित, व‍िवेक व‍िहार, द‍िल्‍ली में इसका संचालन अवैध तरीके हो रहा था. इसके खिलाफ दिल्‍ली स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय की नर्स‍िंग होम सेल की ओर से छापेमारी भी की थी.

डॉ. नवीन ख‍िची 'केयर न्‍यू बॉर्न एंड चाइल्‍ड हॉस्‍प‍िटल' के नाम से इसको संचालन कर रहे थे. द‍िल्‍ली नर्स‍िंग होम्‍स रज‍िस्‍ट्रेशन एक्‍ट, 1953 के धारा 3, 6 और 14 के अंतर्गत कड़कड़डूमा कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया. कोर्ट में मामला 2019 में दायर क‍िया गया था. 'केयर न्‍यू बॉर्न एंड चाइल्‍ड हॉस्‍प‍िटल' के नाम से जनवरी, 2018 में रज‍िस्ट्रेशन के ल‍िए अप्‍लाई क‍िया था, लेक‍िन स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने 28 जनवरी, 2019 को लाइसेंस देने से इनकार कर द‍िया.

नर्स‍िंग होम के रज‍िस्‍ट्रेशन से जुड़ा पूरा मामला मेड‍िकल सुपर‍िंटेंडेंट नर्स‍िंग होम्‍स डॉ. आरएन दास के पास ही रहा, जो वर्तमान में सौरभ भारद्वाज के ओएसडी भी हैं. इस बीच बेबी केयर अस्पताल, सी-54, विवेक विहार, फेज-1, नई दिल्ली-95 के रज‍िस्‍ट्रेशन के लिए डॉ. नवीन खिची की ओर से 29 जनवरी, 2021 को एक और एप्‍लीकेशन दी. इसके बाद र‍िपोर्ट में द‍िल्‍ली नर्स‍िंग होम्‍स रज‍िस्‍ट्रेशन एक्‍ट, 1953 के सेक्‍शन 7 के तहत रज‍िस्‍ट्रेशन कैंस‍िलेशन का हवाला भी द‍िया गया.

रजिस्‍ट्रेशन द‍िलाने के ल‍िए र‍िपोर्ट में दी गई थी खास दलील: डॉ. आरएन दास की हस्‍ताक्षर‍ित र‍िपोर्ट में साफ ल‍िखा गया क‍ि चूंकि मामला अभी भी केयर न्यू बॉर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, विवेक विहार का है, जो अभी भी मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष लंबित है. डॉ नवीन खिची को अभी तक दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 के तहत अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है. इसलिए बेबी केयर हॉस्पिटल, सी -54, विवेक विहार, फेज-1, के पंजीकरण के लिए आवेदन पर कार्रवाई की जा रही है और कम‍ियों को लेकर एक पत्र 8 मार्च, 2021 को संचालक को जारी किया गया है. इस तरह की स‍िफार‍िश और अनुमोदन मेड‍िकल सुपर‍िंटेंडेंट नर्स‍िंग होम्‍स डॉ. आरएन दास की ओर से 15 मार्च, 2021 को सौंपी गई. जबक‍ि, पूर्व में नर्स‍िंग होम के रज‍िस्‍ट्रेशन और लाइसेंस देने से साफ इनकार कर द‍िया गया था.

न‍िरीक्षण टीम ने 5 बेड्स के ल‍िए माना फ‍िट: इसके बाद नर्स‍िंग होम संचालक की ओर से पीयूसी नं. 279/एनएससी 18 अप्रैल, 2021 को प्राप्‍त हुआ. इसको लेकर डॉ. दास की ओर से 31 मई, 2021 को सबम‍िट की गई र‍िपोर्ट में ज‍िक्र क‍िया गया है. 'बेबी केयर न्‍यू बॉर्न अस्‍पताल' को रज‍िस्‍ट्रेशन देने से पहले 8 जुलाई, 2021 को सीडीएमओ (शाहदरा) की ओर से एक साइट न‍िरीक्षण कर र‍िपोर्ट सौंपने को कहा गया. साइट व‍िज‍िट करने वाली टीम ने 26 अगस्‍त, 2021 को अस्‍पताल को 5 बेड के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट देने के ल‍िए उच‍ित पाया, ज‍िसकी र‍िपोर्ट को नर्स‍िंग होम सेल को आगे की कार्रवाई के ल‍िए भेज द‍िया गया.

अस्‍पताल ने कराई 10 बेड्स के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन फीस: न‍िरीक्षण करने वाली टीम में एड‍िशनल सीडीएमओ डॉ. सतीश चंद्र, एसएमओ डॉ. एसके नायक और पीएचएनओ गीतांजल‍ि स्‍टोन शाम‍िल रहीं. र‍िपोर्ट को सीडीएमओ शाहदरा की ओर से 24 स‍ितंबर, 2021 को आगे फारवर्ड क‍िया गया. इसके बाद डॉ. दास ने 27 स‍ितंबर, 2021 को र‍िपोर्ट को अप्रूव कर आगे भेज द‍िया और रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी करने के न‍िर्देश द‍िए. अहम बात यह है क‍ि न‍िरीक्षण टीम ने अपनी र‍िपोर्ट में अस्‍पताल को 5 बेड के ल‍िए उच‍ित बताया था. लेक‍िन डॉ. दास ने अपनी र‍िपोर्ट में ज‍िक्र क‍िया था क‍ि अस्‍पताल ने 2021-24 के ल‍िए 10 बेड्स के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन की फीस जमा कराई है.

पश्चिम पुरी के 'केयर न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' का रज‍िस्‍ट्रेशन भी कैंस‍िल: इस र‍िपोर्ट में यह भी सामने आया है क‍ि डॉ. नवीन खिची पश्चिम पुरी में भी 'केयर न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' नाम से एक नर्सिंग होम चलाते हैं. स्‍वास्‍थ्‍य निदेशालय की ओर से भी इस नर्सिंग होम का रज‍िस्‍ट्रेशन कैंस‍िल कर द‍िया गया था. बावजूद इसके संचालक ने नर्सिंग होम की गतिविधियां जारी रखी. इसको लेकर भी स्‍वास्‍थ्य निदेशालय कोर्ट में चला गया था. यह मामला तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर हुआ था. लेक‍िन न‍िदेशालय की कार्रवाई से बचने के लिए संचालक ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष एक शिकायत भी दर्ज कराई थी.

द‍िल्‍ली सरकार के व‍िश्‍वस्‍त सूत्र बताते हैं क‍ि एक नर्स‍िंग होम को रज‍िस्‍ट्रेशन द‍िलाने के ल‍िए न‍िर्धार‍ित न‍ियमों को ताक पर रखा गया था. मामले में कई अलग-अलग जांच हो रही हैं. जल्‍द ही मामले की जांच र‍िपोर्ट सामने आएगी. च‍िक‍ित्‍सा अध‍िकारी के ख‍िलाफ पहले से ही कई मामलों में संद‍िग्‍ध भूम‍िका के चलते जांच की जा रही है.

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स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय की एक र‍िपोर्ट के मुताबिक, 25 मई 2024 को ज‍िस 'बेबी केयर अस्‍पताल' में यह दर्दनाक हादसा हुआ है वो पहले दूसरे नाम से अवैध तरीके से संचाल‍ित हो रहा था. 'बेबी केयर न्‍यू बॉर्न अस्‍पताल' सी-54, फेज-1, व‍िवेक व‍िहार में है. जबक‍ि, अवैध चलने वाला अस्‍पताल बी-22, व‍िवेक व‍िहार में चलता है. हादसे का श‍िकार नर्स‍िंग होम को 30 स‍ितंबर, 2021 को रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी क‍िया गया था, जो‍ 31 मार्च, 2024 तक वैध था. इसके बाद इस अस्‍पताल का र‍िन्‍युअल होना बाकी था. यानी इस नर्स‍िंग होम का वर्तमान में न‍ियमों के मुताब‍िक संचालन अवैध था.

दो अदालतों में चल रहा नर्स‍िंग होम के खिलाफ मुकदमा: हैरान की बात है क‍ि नर्स‍िंग होम माल‍िक की सब करतूतों के पता होने के बाद भी स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के आला अफसरों की उस पर खूब मेहरबानी रही. द‍िल्‍ली की दो अदालतों में उसके नर्स‍िंग होम्‍स को लेकर अलग-अलग मामले भी दर्ज हुए. कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में उसके ख‍िलाफ खुद स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय ने मामले दर्ज करवाए. इन सबको दरक‍िनार करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के आला अफसरों का उनको संरक्षण म‍िलता रहा. तमाम खाम‍ियों को नजरंदाज कर रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी क‍िया गया था.

अवैध तरीके से चल रहे नर्स‍िग होम पर की गई थी छापेमारी: र‍िपोर्ट के अनुसार, हादसे वाले साइट पर संचाल‍ित अस्‍पताल 2021 में रजिस्‍टर्ड होने से पहले दूसरी जगह पर अवैध तरीके से व‍िवेक व‍िहार एर‍िया में ही चलाया जा रहा था. बी-22, राम मंद‍िर के व‍िपर‍ित, व‍िवेक व‍िहार, द‍िल्‍ली में इसका संचालन अवैध तरीके हो रहा था. इसके खिलाफ दिल्‍ली स्‍वास्‍थ्‍य महान‍िदेशालय की नर्स‍िंग होम सेल की ओर से छापेमारी भी की थी.

डॉ. नवीन ख‍िची 'केयर न्‍यू बॉर्न एंड चाइल्‍ड हॉस्‍प‍िटल' के नाम से इसको संचालन कर रहे थे. द‍िल्‍ली नर्स‍िंग होम्‍स रज‍िस्‍ट्रेशन एक्‍ट, 1953 के धारा 3, 6 और 14 के अंतर्गत कड़कड़डूमा कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया. कोर्ट में मामला 2019 में दायर क‍िया गया था. 'केयर न्‍यू बॉर्न एंड चाइल्‍ड हॉस्‍प‍िटल' के नाम से जनवरी, 2018 में रज‍िस्ट्रेशन के ल‍िए अप्‍लाई क‍िया था, लेक‍िन स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने 28 जनवरी, 2019 को लाइसेंस देने से इनकार कर द‍िया.

नर्स‍िंग होम के रज‍िस्‍ट्रेशन से जुड़ा पूरा मामला मेड‍िकल सुपर‍िंटेंडेंट नर्स‍िंग होम्‍स डॉ. आरएन दास के पास ही रहा, जो वर्तमान में सौरभ भारद्वाज के ओएसडी भी हैं. इस बीच बेबी केयर अस्पताल, सी-54, विवेक विहार, फेज-1, नई दिल्ली-95 के रज‍िस्‍ट्रेशन के लिए डॉ. नवीन खिची की ओर से 29 जनवरी, 2021 को एक और एप्‍लीकेशन दी. इसके बाद र‍िपोर्ट में द‍िल्‍ली नर्स‍िंग होम्‍स रज‍िस्‍ट्रेशन एक्‍ट, 1953 के सेक्‍शन 7 के तहत रज‍िस्‍ट्रेशन कैंस‍िलेशन का हवाला भी द‍िया गया.

रजिस्‍ट्रेशन द‍िलाने के ल‍िए र‍िपोर्ट में दी गई थी खास दलील: डॉ. आरएन दास की हस्‍ताक्षर‍ित र‍िपोर्ट में साफ ल‍िखा गया क‍ि चूंकि मामला अभी भी केयर न्यू बॉर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, विवेक विहार का है, जो अभी भी मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष लंबित है. डॉ नवीन खिची को अभी तक दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 के तहत अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है. इसलिए बेबी केयर हॉस्पिटल, सी -54, विवेक विहार, फेज-1, के पंजीकरण के लिए आवेदन पर कार्रवाई की जा रही है और कम‍ियों को लेकर एक पत्र 8 मार्च, 2021 को संचालक को जारी किया गया है. इस तरह की स‍िफार‍िश और अनुमोदन मेड‍िकल सुपर‍िंटेंडेंट नर्स‍िंग होम्‍स डॉ. आरएन दास की ओर से 15 मार्च, 2021 को सौंपी गई. जबक‍ि, पूर्व में नर्स‍िंग होम के रज‍िस्‍ट्रेशन और लाइसेंस देने से साफ इनकार कर द‍िया गया था.

न‍िरीक्षण टीम ने 5 बेड्स के ल‍िए माना फ‍िट: इसके बाद नर्स‍िंग होम संचालक की ओर से पीयूसी नं. 279/एनएससी 18 अप्रैल, 2021 को प्राप्‍त हुआ. इसको लेकर डॉ. दास की ओर से 31 मई, 2021 को सबम‍िट की गई र‍िपोर्ट में ज‍िक्र क‍िया गया है. 'बेबी केयर न्‍यू बॉर्न अस्‍पताल' को रज‍िस्‍ट्रेशन देने से पहले 8 जुलाई, 2021 को सीडीएमओ (शाहदरा) की ओर से एक साइट न‍िरीक्षण कर र‍िपोर्ट सौंपने को कहा गया. साइट व‍िज‍िट करने वाली टीम ने 26 अगस्‍त, 2021 को अस्‍पताल को 5 बेड के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट देने के ल‍िए उच‍ित पाया, ज‍िसकी र‍िपोर्ट को नर्स‍िंग होम सेल को आगे की कार्रवाई के ल‍िए भेज द‍िया गया.

अस्‍पताल ने कराई 10 बेड्स के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन फीस: न‍िरीक्षण करने वाली टीम में एड‍िशनल सीडीएमओ डॉ. सतीश चंद्र, एसएमओ डॉ. एसके नायक और पीएचएनओ गीतांजल‍ि स्‍टोन शाम‍िल रहीं. र‍िपोर्ट को सीडीएमओ शाहदरा की ओर से 24 स‍ितंबर, 2021 को आगे फारवर्ड क‍िया गया. इसके बाद डॉ. दास ने 27 स‍ितंबर, 2021 को र‍िपोर्ट को अप्रूव कर आगे भेज द‍िया और रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट जारी करने के न‍िर्देश द‍िए. अहम बात यह है क‍ि न‍िरीक्षण टीम ने अपनी र‍िपोर्ट में अस्‍पताल को 5 बेड के ल‍िए उच‍ित बताया था. लेक‍िन डॉ. दास ने अपनी र‍िपोर्ट में ज‍िक्र क‍िया था क‍ि अस्‍पताल ने 2021-24 के ल‍िए 10 बेड्स के ल‍िए रज‍िस्‍ट्रेशन की फीस जमा कराई है.

पश्चिम पुरी के 'केयर न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' का रज‍िस्‍ट्रेशन भी कैंस‍िल: इस र‍िपोर्ट में यह भी सामने आया है क‍ि डॉ. नवीन खिची पश्चिम पुरी में भी 'केयर न्यू बोर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' नाम से एक नर्सिंग होम चलाते हैं. स्‍वास्‍थ्‍य निदेशालय की ओर से भी इस नर्सिंग होम का रज‍िस्‍ट्रेशन कैंस‍िल कर द‍िया गया था. बावजूद इसके संचालक ने नर्सिंग होम की गतिविधियां जारी रखी. इसको लेकर भी स्‍वास्‍थ्य निदेशालय कोर्ट में चला गया था. यह मामला तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर हुआ था. लेक‍िन न‍िदेशालय की कार्रवाई से बचने के लिए संचालक ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष एक शिकायत भी दर्ज कराई थी.

द‍िल्‍ली सरकार के व‍िश्‍वस्‍त सूत्र बताते हैं क‍ि एक नर्स‍िंग होम को रज‍िस्‍ट्रेशन द‍िलाने के ल‍िए न‍िर्धार‍ित न‍ियमों को ताक पर रखा गया था. मामले में कई अलग-अलग जांच हो रही हैं. जल्‍द ही मामले की जांच र‍िपोर्ट सामने आएगी. च‍िक‍ित्‍सा अध‍िकारी के ख‍िलाफ पहले से ही कई मामलों में संद‍िग्‍ध भूम‍िका के चलते जांच की जा रही है.

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