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राजस्थान : जंगल से चूल्हे के लिए लकड़ी लेने की सजा 46 साल बाद, पुलिस ने 70 पार 7 महिलाओं को किया गिरफ्तार

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Published : Jul 18, 2023, 3:31 PM IST

राजस्थान के बूंदी जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. पुलिस ने 46 साल बाद 7 बुजुर्ग महिलाओं को गिरफ्तार किया है. क्या है पूरा मामला, यहां जानिए...

Forest act women arrested
पुलिस ने 7 बुजुर्ग महिलाओं को किया गिरफ्तार

बूंदी. जिले के हिंडोली इलाके की बुजुर्ग महिलाओं को करीब 46 साल पहले लकड़ी काटने के मामले में अब हवालात की हवा खानी पड़ी है. उन पर लंबे समय से पुलिस कार्रवाई लंबित थी. लगातार इन महिलाओं के खिलाफ स्थाई वारंट जारी हो रहे थे. ऐसे में इनकी तलाश पुलिस ने शुरू की, साथ ही मुकदमे के निस्तारण के लिए महिलाओं को गिरफ्तार किया और एडिशनल चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट बूंदी में पेश किया.

न्यायालय ने भी मामले का निस्तारण करते हुए महिलाओं पर जुर्माना लगा दिया. इस मामले में 7 बुजुर्ग महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अभी फरार हैं. वहीं, तीन बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो चुकी है. गिरफ्तार की गई बुजुर्ग महिलाओं में 70 वर्षीय जुम्मा देवी, 75 वर्षीय मोतियां बाई, 72 वर्षीय टीकड, 75 वर्षीय लालीबाई, 70 वर्षीय बच्ची बाई, 75 वर्षीय पुष्पा और 70 वर्षीय कमला शामिल हैं. इसके अलावा 5 अन्य महिलाओं पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है. परिजन इनके डेथ सर्टिफिकेट न्यायालय को सौंप चुके हैं, जबकि 2 महिलाओं की तलाश अभी भी पुलिस को है.

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महिलाएं बोलीं- हम भूल गए थे कि क्या हुआ था : मामला 1977 का है, जब बुजुर्ग महिलाओं ने जंगल से लकड़ी काट ली थी. इस संबंध में उनके खिलाफ वन विभाग के तत्कालीन कार्मिकों ने मुकदमा बूंदी सदर थाने में दर्ज करवाया था. यह मामला हिंडोली इलाके का था. पहले हिंडोली थाना नहीं था. ऐसे में इस मामले में सदर थाना पुलिस द्वारा करीब 46 साल बाद कार्रवाई अमल में लाई गई.

डीजीपी की तरफ से सभी पुराने लंबित मामलों के निस्तारण के आदेश दिए गए हैं. पुलिस स्थाई वारंटी और अन्य लोगों को पकड़ रही है. उसी के तहत इस मामले में भी कार्रवाई की गई थी. पुलिस उप अधीक्षक बूंदी ओमेंद्र सिंह का कहना है कि वन अधिनियम के मामले में न्यायालय ने वारंट जारी किए थे. वारंट तामिल करवा महिलाओं को 5 जुलाई को ही गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था.

इन महिलाओं का कहना है कि वे जंगल के मामले को समझती नहीं थीं. खाना बनाने के लिए चूल्हे का उपयोग किया जाता था. ऐसे में चूल्हे के लिए लकड़ियां बीनने वे जंगल में जाया करती थीं, तभी किसी वन कार्मिक ने उन्हें देख लिया और उनके खिलाफ पुलिस रिपोर्ट की हुई थी. हालांकि, तब इन महिलाओं की उम्र करीब 22 से 30 साल के आसपास की थी. अधिकांश महिलाओं का कहना है कि वे तो मामले को भी भूल चुकी थीं और उनके पोता-पोती भी हो गए हैं. अब तो घरों में रसोई गैस का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन अचानक से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और पुराने मामले में कार्रवाई की है.

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