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Jabalpur Fraud Case: सड़क किनारे ठेले पर फल बेचने वालों के नाम कैसे पहुंच गई अमीर महिला की 500 करोड़ की संपत्ति

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 2:18 PM IST

Updated : Sep 11, 2023, 10:55 PM IST

फल बेचने वाले दो युवकों ने एक महिला की 500 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करवा ली. आरोपियों ने फर्जी वसीयत तैयार कर इस कारनामे को अंजाम दिया. मृतक महिला के भतीजे ने इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसके बाद कोर्ट ने संपत्ति ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है. मामला होशंगाबाद जिले का है.

Jabalpur Fraud Case
फर्जी वसीयत के आधार पर संपत्ति हड़पी

एडवोकेट प्रशांत पाठक, आनंद चौधरी के वकील

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से सनसनीखेज मामला सामने आया है. प्रभा मुखर्जी नाम की महिला के परिवार के सदस्य आनंद चौधरी ने आरोप लगाया है कि उनकी बुआ की लगभग 500 करोड़ की संपत्ति फल बेचने वालों ने फर्जी वसीयत के आधार पर अपने नाम करवा ली है. आनंद चौधरी की याचिका पर हाईकोर्ट ने वसीयत के आधार पर संपत्तियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है और जबलपुर पुलिस को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं.

वसीयत की जांच कराने की मांग: होशंगाबाद के निवासी आनंद चौधरी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने अपनी बुआ प्रभा मुखर्जी की संदिग्ध मौत पर और उनकी वसीयत पर जांच करने की मांग की है. आनंद चौधरी ने अपनी शिकायत में कहा है कि ''प्रभा मुखर्जी के पास केबल बड़ा फुहारा इलाके में 25000 वर्ग फुट की एक कोठी थी. इसके अलावा जबलपुर और होशंगाबाद में 400 एकड़ जमीन थी. जबलपुर शहर में इस कोठी के अलावा कई दूसरे स्थानों पर जायजाद थी, बड़े प्लॉट्स और कई घर थे. उनकी संपत्ति की कुल कीमत कई सौ करोड़ में बताई जा रही है. जिसे फल वालों ने हड़प लिया.'' हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केवल वसीयत के आधार पर जमीनों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है और जबलपुर पुलिस को इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं.

स्लो पॉइजन से महिला के बेटों की मौत:एडवोकेट प्रशांत पाठक का कहना है कि ''यह मामला 2008 के करीब से शुरू होता है जब प्रभा मुखर्जी के घर के सामने चौराहे पर दो युवक फल की दुकान लगाते थे. इन दोनों ही युवकों का नाम अशरफ बताया गया है. इन दोनों ने फल की दुकान लगाने के पहले प्रभा मुखर्जी के परिवार से अनुमति ली थी. इसके बाद इन दोनों युवकों ने प्रभा मुखर्जी से उनकी कोठी में एक कमरा किराए से ले लिया. कोठी बहुत बड़ी थी, इसमें प्रभा मुखर्जी और उनके दो लड़के रहते थे. इन दोनों की ही उम्र 32 से 35 वर्ष के लगभग थी. इनमें से एक लड़के की शादी हो गई थी लेकिन उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी. घर में कुल मिलाकर यह दोनों लड़के और प्रभा मुखर्जी रहती थी. लेकिन 2010 और 2015 के बीच प्रभा मुखर्जी के इन दोनों बेटों की मौत हो गई. दोनों के बारे में जो आरोप लगाया गया है कि उन्हें स्लो पॉइजन दिया गया था और यह अलग-अलग जगहों पर मृत अवस्था में पाए गए थे.

फल बेचने वालों के नाम सैकड़ों करोड़ की संपत्ति:एडवोकेट प्रशांत पाठक ने बताया कि ''प्रभा मुखर्जी का पहले ही अपने देवर के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था और इनके परिवार में कोई दूसरा करीबी रिश्तेदार नहीं था. बड़ी कोठी थी. इसलिए आस-पड़ोस के लोग भी इन लोगों से बहुत मेलजोल नहीं रखते थे. वहीं इस इलाके में यह अकेला बंगाली परिवार था. सड़क पर बाजार की हलचल थी और पीछे कोठी में 2015 के बाद केवल प्रभा मुखर्जी रहती थी. इस बात की जानकारी सड़क पर फल बेचने वाले दोनों अशरफ को थी और केवल वही इस कोठी में आते जाते थे.''

जमीन ट्रांसफर के आवेदन से मामला खुला:एडवोकेट प्रशांत पाठक का कहना है कि ''किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि प्रभा मुखर्जी की मौत कैसे हुई और वह अपनी संपत्ति किसके नाम पर करके गई हैं. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इन दोनों ही अशरफ में से एक ने होशंगाबाद में प्रभा मुखर्जी की 100 एकड़ जमीन पर अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन दिया और इस आवेदन में उन्होंने एक वसीयत लगाई. जब इस वसीयत की जानकारी प्रभा मुखर्जी के भाई के बेटे आनंद चौधरी को पता लगी तब उन्होंने इस मामले की पड़ताल शुरू की. जांच में प्रभा मुखर्जी की दो वसीयत सामने आई जो दोनों ही अलग-अलग अशरफ के नाम पर थीं. इसके बाद उन्होंने प्रभा मुखर्जी की मृत्यु की पड़ताल शुरू की तो पता लगा कि उनकी मृत्यु 24 अप्रैल 2015 को हुई जो रिकॉर्ड में दर्ज है लेकिन उनका अंतिम संस्कार 29 अप्रैल 2015 को करवाया गया. अंतिम संस्कार में मात्र 3 लोग शामिल थे, जिनमें अशरफ गुड्डू, अशरफ जिलानी और जबलपुर का एक प्रॉपर्टी ब्रोकर था, बाकी परिवार का कोई भी सदस्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल होना नहीं बताया गया.''

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संपत्ति फल लगाने वालों के नाम पर दर्ज:आज की स्थिति में वसीयत के आधार पर बहुत सारी संपत्ति प्रभा मुखर्जी से अशरफ के नाम पर ट्रांसफर हो गई है. आनंद चौधरी के एडवोकेट प्रशांत पाठक का कहना है कि ''इसमें बहुत सी संपत्ति ट्रांसफर करने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार भी किया गया है और इसमें कई अधिकारियों ने पैसा लेकर जमीन प्रभा मुखर्जी से अशरफ के नाम पर ट्रांसफर की है. फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस इस मामले में यह जांच कर रही है कि आखिर इस पूरे फर्जीवाड़े में अशरफ के अलावा और कौन-कौन शामिल था.

कई सवालों के जवाब बाकी: इस संपत्ति में से कुछ संपत्ति बेची जा चुकी है. वही कुछ संपत्तियों के ट्रांसफर पर आनंद चौधरी ने आपत्ति लगवा दी है और फिलहाल इन संपत्तियों का ट्रांसफर नहीं हो रहा है. पुलिस का कहना है कि ''उनके पास जो शिकायत आई है उसके आधार पर अभी जांच चल रही है. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में अभी भी कुछ सवालों के जवाब बाकी हैं कि प्रभा मुखर्जी ने आखिर फल बेचने वाले 2 लोगों के खिलाफ 500 करोड़ की संपत्ति कैसे ट्रांसफर की. उनके दो बेटों की मौत कैसे हुई और जब यह घटनाक्रम चल रहा था तो परिवार के बाकी सदस्य कहां थे. क्या प्रभा की करोड़ों की संपत्ति ही उसकी बर्बादी की वजह बन गई.''

Last Updated :Sep 11, 2023, 10:55 PM IST

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