प्रयागराज :जिले में हुए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड की जांच एसआईटी और न्यायिक जांच आयोग की टीम कर रही है. दोनों ही जांच टीमें पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहीं हैं. एसआईटी के बाद न्यायिक जांच आयोग की टीम भी पुलिस कर्मियों के साथ कॉल्विन अस्पताल के कर्मचारियों और वारदात के समय मौके पर मौजूद पत्रकारों के बयान दर्ज कर चुकी है. जांच टीमें बयान लेने से पहले मीडिया कर्मियों को घटना का सीसीटीवी फुटेज दिखाकर वारदात से जुड़ी जानकारियां हासिल करने का प्रयास कर रहीं हैं.
अतीक व अशरफ हत्याकांड की जांच एक तरफ जहां पुलिस द्वारा गठित एसआईटी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ 5 सदस्यों वाली न्यायिक जांच आयोग की टीम भी जांच में जुटी है. एसआईटी ने एक सप्ताह पहले मेडिकल और पुलिस कर्मियों के साथ ही पत्रकारों के भी बयान दर्ज किए थे. 17 मई से न्यायिक जांच आयोग की टीम भी पत्रकारों और पुलिस वालों के बयान ले रही है.
न्यायिक जांच आयोग की टीम में 5 सदस्य हैं. इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोंसले के साथ ही झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह, जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी के अलावा जिला जज बृजेश कुमार सोनी, रिटायर आईपीएस सुबेश कुमार सिंह भी शामिल हैं. जांच कमेटी ने गुरुवार को पुलिस वालों से थाने से लेकर अस्पताल तक लाने और ले जाने से जुड़े हर एंगल पर सवाल पूछे. न्यायिक जांच आयोग ने घटना का वीडियो और सीसीटीवी फुटेज दिखाकर उससे जुड़े कई तरह के सवालों की भी जानकारी हासिल की. इसके साथ ही टीम ने उस वक्त अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ से कई तरह के सवाल पूछे. इसी के साथ न्यायिक जांच आयोग ने हत्याकांड के समय मौके पर मौजूद पत्रकारों से भी कई सवाल किए. टीम ने मीडिया के लोगों से यह भी पूछा कि वो कब से कब तक, कहां से कहां अतीक-अशरफ के काफिले के पीछे-पीछे चल रहे थे. उन्हें अतीक-अशरफ के काफिले का पीछा करने का निर्देश कौन देता था, इससे पहले इस तरह से उन्होंने किसका-किसका पीछा किया था.