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Inspirational story of Padala Rupadevi : व्हीलचेयर पर जिंदगी आने पर भी नहीं मानी हार, पैरा बैडमिंटन में पदक जीत दिखाया जुनून

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Published : Apr 29, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Apr 29, 2023, 2:31 PM IST

आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम जिले की पडाला रूपा देवी ने 23 साल की उम्र में ही पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते हैं. अब उनकी नजर थाईलैंड में मई के तीसरे सप्ताह में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता पर है. जिसकी तैयारी के लिए उन्हें पैंसो की जरूरत थी. ऐसे में रूपा की मदद के लिए आगे आये रामोजी राव ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव. जिन्होंने रूपा को तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद की.

Inspirational story of Roopa from Srikakulam
श्रीकाकुलम जिले की पडाला रूपा देवी

पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता में जीत चुके हैं कई पदक.

श्रीकाकुलम :आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम जिले की पडाला रूपा देवी शारीरिक और आर्थिक बाधाओं के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाली पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा साबित कर रही है. 19 साल की उम्र में, 2019 में अपने रिश्तेदारों के घर की दूसरी मंजिल से गिरने के बाद उसके निचले अंगों की गतिशीलता चली गई. बचपन से ही एक प्रतिभाशाली छात्रा रही रूपा ने इसके बाद भी बैडमिंटन के लिए अपने जुनून को बनाये रखा. और इसमें आगे बढ़ती गई.

अब तक, उनके पास कुल चार पदक हैं, जिसमें एकल (व्हीलचेयर श्रेणी) में एक स्वर्ण और रजत (युगल) शामिल हैं. यह स्वर्ण पदक उन्होंने 23 से 26 मार्च के बीच लखनऊ में आयोजित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित 5वीं राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान जीते थे. इससे पहले उन्हें विशाखापत्तनम में आयोजित राज्य स्तरीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते थे.

मैसूरु में ले रही प्रशिक्षण : अपनी मां यशोदा के सहयोग से, वह मैसूरु में प्रशिक्षण ले रही हैं. रूपा ने कहा कि मैं बिस्तर तक ही सीमित थी. मेरी मां मेरा इलाज कराने के लिए विजयवाड़ा, श्रीकाकुलम, बेंगलुरु और वेल्लोर के कई अस्पतालों में गईं. अंत में, वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मुझे स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जीने में मदद करने के लिए व्हीलचेयर के उपयोग का प्रशिक्षण दिया.

रूपा ने कहा कि मेरी मां ने मुझे शिक्षित करने और मेरे सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की. उन्होंने कहा कि मैंने YouTube पर कुछ व्हीलचेयर तकनीकें सीखीं और अपने दोस्तों की मदद से 2021 में बेंगलुरु में आयोजित स्टेट ओपन पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में भाग लिया. 23 वर्षीय इस लड़की ने अगस्त, 2022 में भी बेंगलुरु में आयोजित पैरा बैडमिंटन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है. अब उनका ध्यान थाईलैंड में मई के तीसरे सप्ताह में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता पर है.

रामोजी राव ने की मदद : बता दें कि कुछ दिनों पहले रूपा के पास प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए पैसे नहीं थे. तब कुछ शुभचिंतकों ने नई दिल्ली और मैसूर सहित विभिन्न स्थानों में यात्रा और प्रशिक्षण के लिए उन्हें आवश्यक राशि दी. हालांकि, रूपा को अपने सपनों को पूरा करने के लिए और पैसों की जरूरत है. रोमोजी राव ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने रूपा को तीन लाख रुपये का दान दिया है. रूपा को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAAP) से 3 लाख रुपये मिलने हैं जिसका आवंटन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. इसके साथ ही रोमोजी राव ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने रूपा को तीन लाख रुपये का दान दिया है.

'आपकी कहानी...आंखें खोलने वाली है' :रामोजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष रामोजी राव ने जब 'ईटीवी युवा' और ईटीवी भारत में उनकी हालत के बारे में खबरें देखीं तो उन्हें बुरा लगा. उन्होंने तुरंत थाईलैंड जाने के लिए आवश्यक 3 लाख रुपये प्रदान किए. दोनों पैर गंवाने के बाद भी दृढ़ इच्छाशक्ति से पैरा बैडमिंटन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही रूपादेवी को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने पत्र लिखा. रामोजी राव ने पत्र में लिखा कि आपकी कहानी उन लोगों के लिए आंखें खोलने वाली है, जिन्हें लगता है कि वे कुछ नहीं कर सकते. एक ओर खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन और फिर अपनी पढ़ाई जारी रखने की आपकी महत्त्वाकांक्षा ने मुझमें एक नया उत्साह भर दिया है.

उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं थाईलैंड में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए सहायता के रूप में 3 लाख रुपये प्रदान कर रहा हूं. आप जैसी बहादुर महिला की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए मुझे गर्व हो रहा है. यदि आप इन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रतिभा दिखाती हैं और देश को गौरवान्वित करती हैं, तो मैं इसे देख कर खुश होने वाले लाखों लोगों में मैं भी शामिल होऊंगा.

विश्वास को खोने नहीं दूंगी : रूपादेवी :रूपा देवी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सांतापुरिटी के ग्रामीणों ने रामोजी राव को धन्यवाद दिया. रूपादेवी ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि रामोजी राव ने यह खबर देखी और मेरी मदद की. बहुत अच्छा लग रहा है कि मेरा नाम उन तक पहुंच गया है. मैं मुझ पर उनके विश्वास को खोने नहीं दूंगी. मुझे विश्वास है कि रामोजी राव को और मेरे पूरे देश को मूझ पर गर्व होगा.

क्या कहते हैं रूपादेवी के कोच : एक पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच आनंद कुमार ने रूपा के खेल को देखा और उसे मैसूरु में मुफ्त में प्रशिक्षित करने की पेशकश की. उन्होंने अपने प्रशिक्षण के तहत राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वर्ण और रजत पदक और राज्य स्तर पर दो स्वर्ण पदक जीते. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं एक साधारण खेल व्हीलचेयर पर खेल का अभ्यास करा रहा हूं, जिसे एक गैर सरकारी संगठन द्वारा प्रायोजित किया गया था. मुझे पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एक उन्नत व्हीलचेयर, एक रैकेट, अच्छी डाइट और अन्य सुविधाओं की जरूरत है.

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Last Updated :Apr 29, 2023, 2:31 PM IST

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