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आर्थिक तंगी के चलते इंजीनियर ने बेटा-बेटी का गला रेता, खुद भी पत्नी के साथ पी लिया जहर

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Published : Aug 28, 2021, 9:06 PM IST

आर्थिक तंगी से परेशान भोपाल के एक इंजीनियर और उसके परिवार ने सामूहिक सुसाइड का प्रयास किया. घटना में इंजीनियर शख्स और बेटे की मौत हो गई जबकि बेटी और मां और का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें परिवार की खराब आर्थिक स्थिति का जिक्र है. लिखा है कि दो साल से बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे. कोरोना काल में नौकर चली गई और अब परिवार के साथ मरने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.

आर्थिक तंगी
आर्थिक तंगी

भोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल के सहारा स्टेट में सामूहिक सुसाइड (Mass suicide) का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक ही परिवार के चार लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की, जिसमें दो की मौत हो गई, जबकि दो का इलाज जारी है. इस घटना में हृदय विदारक खुलासे हो रहे हैं. बेरोजगारी से जूझ रहे परिवार के पास पैसे नहीं बचे थे कि वो घर खर्च चला सकें और बच्चे स्कूल में पढ़ाई जारी रख सकें. चार पन्नों के सुसाइड नोट में मृतक रवि ठाकरे ने लिखा है कि उसके पास अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. पिछले दो साल में वो फीस भर पाने के लिए भी जद्दोजहद कर रहा है.

जहर पीकर बच्चों का काट दिया गला
दरअसल, परिवार का मुखिया मृतक सिविल इंजीनियर था और कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई. काफी समय से वह बेरोजगार था. आर्थिक तंगी के चलते उसने यह कदम उठाया. सामूहिक सुसाइड की घटना को अंजाम देने के लिए पति-पत्नी ने जहर पी लिया और अपने दोनों बच्चों (लड़का और लड़की) का कटर से गला काट दिया. घटना में पति और बेटे की मौत हो गई, वहीं मां और बेटी का इलाज निजी अस्पताल में जारी है. ये कटर और जहर मृतक एक दिन पहले मार्केट से लेकर आया था. घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस के पहुंचने से पहले ही 2 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि दो लोगों की सांसे चल रही थीं. जिन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मामले की जांच में जुटी पुलिस
गंभीर हालत में मिली मां और बेटी को हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस को मौके से चार पन्नों का सुसाइड लेटर बरामद हुआ है. इसी के आधार पर जांच आगे बढ़ेगी. हमीदिया अस्पताल में मृत बाप-बेटे का पोस्टमार्टम होगा.

परिवार की दर्दनाक कहानी
रवि ठाकरे एमपी के बैतूल जिले के सारणी का मूल निवासी है. गोविंदपुरा में एक कंपनी में क्वालिटी इंजीनियर के पद पर काम करता थी. कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई. मृतक की पत्नी रंजना महाराष्ट्र के वर्धा जिले की थी. बेटा चिराग 11वीं, बेटी गुंजन 8वीं क्लास में भोपाल के मशहूर कॉर्मल कॉन्वेंट में पढ़ते थे. बच्चे पढ़ने में मेधावी थे. मगर मृतक ने लेटर में लिखा है कि जब फीस के लिए ही पैसे नहीं तो अच्छे नंबर्स से क्या होता है?

खौफनाख था घर के अंदर का मंजर
मृतक के आसपास रहने वाले लोग जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे तो घर के अंदर का मंजर देखकर दहल गए. घर के अंदर चारों तरफ खून था. दोनों बच्चे खून से लथपथ पड़े थे, वहीं रवि के मुंह से झाग निकल रहे थे. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मां और बेटी को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, जबकि बेटे और पिता के शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया.

रंजना मानसिक रूप से है बीमार
बताया जा रहा है कि रंजना ब्यूटी पार्लर संचालित करती थी, काम नहीं होने के कारण उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई थी और उसका इलाज भी चल रहा था. आसपास के लोगों ने रंजना को अजीब हरकते करते हुए भी देखा था.

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