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धर्मशाला में पीएम नरेंद्र मोदी ने दिए शिक्षा जगत में सुधार के सूत्र, भविष्य के रोडमैप पर हुई चर्चा

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Published : Jun 18, 2022, 7:28 AM IST

नीति आयोग की तरफ से देश भर के राज्यों के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में भारत के भविष्य पर चर्चा हुई. सम्मेलन के तीसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा जगत में सुधार के सूत्र दिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि (Discussion of education sector) शिक्षा जगत में नवीन प्रयोग किए जाने चाहिए. उन्होंने सभी राज्यों को पूर्व में अवार्ड विनिंग टीचर्स के अनुभव से लाभ लेने की सलाह दी. साथ ही कहा कि केवल और केवल शिक्षा जगत के लिए एक पूर्ण समर्पित चैनल की जरूरत है. इसमें अध्यापकों के प्रशिक्षण को लेकर कार्यक्रम होने चाहिए.

PM Narendra Modi in Dharamshala
धर्मशाला में पीएम नरेंद्र मोदी

शिमला:नीति आयोग की तरफ से देश भर के राज्यों के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में (national conference of chief secretaries in Dharamshala) भारत के भविष्य पर चर्चा हुई. सम्मेलन के तीसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा जगत में सुधार के सूत्र दिए. पीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति को भविष्य के हिसाब से लागू करने और उसमें समय के अनुकूल परिवर्तन करने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि आने वाला समय 5 ट्रिलियन की आर्थिकी को हासिल करने के नजरिए से काफी संवेदनशील है और सभी को मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करना होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा जगत में नवीन प्रयोग किए जाने चाहिए. उन्होंने सभी (Discussion of education sector) राज्यों को पूर्व में अवार्ड विनिंग टीचर्स के अनुभव से लाभ लेने की सलाह दी. साथ ही कहा कि केवल और केवल शिक्षा जगत के लिए एक पूर्ण समर्पित चैनल की जरूरत है. इसमें अध्यापकों के प्रशिक्षण को लेकर कार्यक्रम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अध्यापकों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाए और मोबाइल एप का अधिक से अधिक प्रयोग हो. उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों को प्राइमरी स्कूलों के साथ एकीकृत करने की जरूरत पर बल दिया.

पीएम ने युवा अफसरों और मुख्य सचिवों को (national conference of chief secretaries in Dharamshala) कहा कि सभी राज्यों को अपनी सीमाओं और क्षमता की पहचान कर आगे बढ़ना चाहिए. तीसरे दिन का सत्र अधिकांशत: शिक्षा के क्षेत्र की चर्चा को समर्पित था. इस दौरान मिशन कर्मयोगी पर भी चर्चा हुई. यह सिविल सर्वेंट की कैपेसिटी बिल्डिंग पर केंद्रित मिशन है. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य मिलकर काम करें तो लक्ष्य आसानी से हासिल हो सकते हैं.

उन्होंने सम्मेलन में सुझाए गए उपायों पर त्वरित रूप से काम करने की जरूरत पर जोर दिया.उन्होंने मिनिमम गवर्नमेंट व मैक्सिमम गवर्नेंस के सूत्र को फिर दोहराया. उन्होंने स्थानीय निकायों में खरीद के लिए जेम पोर्टल प्रयोग करने पर जोर दिया. पीएम ने कहा कि विकास की दृष्टि से जो जिले पिछड़े हुए हैं, उन्हें एस्पिरेंट डिस्ट्रिक्ट से इंस्पिरेशन डिस्ट्रिक्ट में बदलना होगा. पीएम ने आजादी का अमृत महोत्सव 2047 का रोडमैप विषय पर विशेष सत्र में कहा कि केंद्र व राज्य की योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचानी होंगी. दरसल 2047 में देश की आजादी को 100 साल हो जाएंगे, इस साल आजादी की 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इसलिए बैठक के दौरान पीएम मोदी का फोकस अगले 25 वर्षों में नया भारत बनाने पर रहा.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है. इस वर्ग में चंबा जिले ने बेहतर काम करते हुए देश में पहला स्थान बनाया है. पीएम ने सर्विस सैक्टर में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी जोर दिया. प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में सभी सेक्टर में खाली पदों को भरने के लिए कहा गया. इस सम्मेलन में देश में क्रॉप मैनेजमेंट, प्रशासनिक सुधार, शहरों के व्यवस्थित ढांचे के विकास और 2047 के भारत की तस्वीर को साकार करने के दिशा में काम करने का संकल्प लिया गया. नीति आयोग के इस सम्मेलन की पीएम नरेंद्र मोदी ने सराहना की. शुक्रवार देर शाम पीएम नरेंद्र मोदी धर्मशाला से वापिस दिल्ली के लिए रवाना हुए. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ और सीएम जयराम ठाकुर ने पीएम नरेंद्र मोदी को विदाई दी.

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