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नक्सलियों ने बनाया नया KB डिवीजन, बरामद डंप में मिले दस्तावेजों से खुलासा

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Published : Oct 31, 2019, 6:58 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 9:26 PM IST

नक्सलियों ने MMC डिवीजन के बाद KB डिवीजन बनाया है. नक्सली राज्य के अलग-अलग जिलों में अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रहे हैं.

नक्सलियों ने बनाया नया KB डिवीजन

राजनांदगांव : 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य अपने 19 साल पूरे करने जा रहा है. लेकिन आज भी राज्य नक्सल समस्या से लगातार जूझ रहा है. 19 साल में नक्सल समस्या लगातार बढ़ती रही.

नक्सलियों ने बनाया नया KB डिवीजन, बरामद डंप में मिले दस्तावेजों से खुलासा

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर नक्सलियों ने अपना दायरा बढ़ाते हुए नया KB डिवीजन बना लिया है. इस बात का खुलासा कवर्धा जिले में नक्सलियों के बरामद डंप में मिले दस्तावेजों से हुआ है. कवर्धा जिले के तेरे गांव जंगल और चिल्फी घाटी के बीच 29 सितंबर को पुलिस ने नए डिवीजन के गठन से संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे.

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर लगातार चल रहे पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन से नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल ली है. बैकफुट पर आते हुए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से अपना ध्यान हटाकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर लगा दिया है.

यह है नए केबी डिवीजन का मतलब

3 साल के अंदर माओवादियों ने इस दूसरे डिवीजन को तैयार किया है. जिसका नाम मध्य प्रदेश के कान्हा और छत्तीसगढ़ के भोरमदेव के नाम पर KB डिवीजन रखा है. केबी डिवीजन में दो प्लाटून चल रहे हैं.

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MMC जोन को बांटकर बनाया

नक्सलियों ने नए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (MMC) जोन को तैयार किया था. इस पर एक डिवीजन GRB (गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट) डिवीजन था. यह पुलिस के लिए भी अब चुनौती का विषय बन गया है लगातार जॉइंट ऑपरेशन के बाद भी नक्सलियों ने नए डिवीजन को तैयार किया है.

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नक्सलियों को जिले में हुआ नुकसान

राजनांदगांव जिले में नक्सलियों को पिछले कुछ साल में लगातार नुकसान उठाना पड़ा है. तकरीबन आठ माओवादी पुलिस ने इसी साल मार गिराए हैं. इसके चलते नक्सलियों की कमर लगभग जिले में टूट चुकी है. इसलिए नक्सली अब बैकफुट पर काम करते हुए नए डिवीजन को तैयार कर अपनी पैठ बनाने में लगे हैं.

'बैकफुट पर है नक्सली'

इस मामले में ASP गोरखनाथ बघेल का कहना है कि नक्सली लगातार बैकफुट पर हैं, नक्सलियों ने कुछ समय पहले MMC जोन तैयार किया था जिस पर दो डिवीजन बनाए गए थे. GRB डिवीजन में उनके प्लाटून चल रहे थे अब नया KB डिवीजन तैयार किया गया है. जिस पर दो प्लाटून चल रहे हैं.

Intro:राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य को अपने आज 19 साल हो गए लेकिन आज भी राज्य नक्सल समस्या से लगातार जूझ रहा है 19 साल से नक्सलियों के कदम थमे नहीं है लगातार राज्य के अलग-अलग जिलों में वे लगातार पैर पसार रहे हैं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर नक्सली अपना दायरा बढ़ाते हुए नया केबी डिवीजन बना लिया है. इस बात का खुलासा कवर्धा जिले में माओवादियों के बरामद डंप में मिले दस्तावेजों से हुआ है कवर्धा जिले के तेरे गांव जंगल और चिल्फी घाटी के बीच 29 सितंबर को पुलिस ने नए डिवीजन के गठन के संबंधित दस्तावेज बरामद किए थे.


Body:छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर लगातार चल रहे पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन से नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल ली है बैकफुट पर आते हुए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से अपना ध्यान हटाकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर लगा दिया है और इसी के चलते उन्होंने इस इलाके में नया के बी डिवीजन तैयार कर लिया है. इसके पहले भी नक्सलियों ने नया एमएमसी जॉन तैयार किया था.
यह है नए केबी डिवीजन का मतलब
3 साल के भीतर माओवादियों ने इस दूसरे डिवीजन को तैयार किया है जिसका नाम मध्य प्रदेश के कान्हा और छत्तीसगढ़ के भोरमदेव के नाम पर पर केबी डिवीजन रखा है इसका खुलासा कवर्धा जिले में नक्सलियों के डंप मिलने के बाद हुआ है। इसने केबी डिवीजन में दो प्लाटून चल रहे हैं।
एमएमसी जोन को बांटकर बनाया
नक्सलियों ने नए मध्य प्रदेश महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ एमएमसी जोन को तैयार किया था इस पर एक डिवीजन grb गोंदिया राजनांदगांव बालाघाट डिवीजन था अब नक्सलियों ने दूसरे नए डिवीजन केबी कान्हा भोरमदेव को भी तैयार कर लिया है इसके भी डिवीजन में दो प्लाटून चल रहे हैं यह पुलिस के लिए भी अब चुनौती का विषय बन गया है लगातार जॉइंट ऑपरेशन के बाद भी नक्सलियों ने नए डिवीजन को तैयार किया है इससे पुलिस को बड़ी चुनौती मिलने की संभावना बताई जा रही है।
ऐसे खड़े हुए पुलिस के कान
नक्सलियों ने नए एमएमसी जोन बनाने के बाद मध्यप्रदेश के मंडला बालाघाट जिले की सीमा को लेकर विस्तार करने के लिए प्लाटून तैयार किया था इस बात की जानकारी पुलिस को काफी समय बाद मिली लेकिन पुलिस के पास इस बात के रिकॉर्ड नहीं थे कवर्धा जिले में पिछले दिनों बरामद किए गए नक्सली डंप में मिले दस्तावेजों को खंगालने पर नए डिवीजन का नाम सामने आया इसके चलते दो प्रदेशों के 3 जिलों को जोड़ने वाला वन परिक्षेत्र अब नक्सलियों का नया डिविजन बन चुका है इस बात का खुलासा हुआ है।
नक्सलियों को जिले में हुआ काफी नुकसान
राजनांदगांव जिले में नक्सलियों को पिछले कुछ सालों में लगातार नुकसान उठाना पड़ा है तकरीबन आठ माओवादी पुलिस ने इसी साल मार गिराए हैं इसके चलते नक्सलियों की कमर लगभग जिले में टूट चुकी है इसलिए नक्सली अब बैकफुट पर काम करते हुए नए डिवीजन को तैयार कर अपनी पैठ बनाने में लगे हैं। जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने 3 साल के भीतर ये दूसरा डिवीजन तैयार किया है इसके पहले 2016 17 में नक्सलियों ने एमएमसी महाराष्ट्र मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ जोन में जीआरबी गोंदिया राजनांदगांव बालाघाट के नाम से डिवीजन तैयार किया था अब इसके बाद केबी डिवीजन तैयार किया गया है इस डिवीजन में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के हिस्से को जोड़ने वाले इलाकों में नक्सलियों ने अपनी पैठ बनाने की कवायद शुरू कर दी है।



Conclusion:बैकफुट पर आ गए हैं नक्सली
इस मामले में ए एस पी गोरखनाथ बघेल का कहना है कि नक्सली लगातार बैकफुट पर है नक्सलियों ने कुछ समय पहले एमएमसी जॉन तैयार किया था जिस पर दो डिवीजन बनाए गए थे जीआरबी डिवीजन में उनके प्लाटून चल रहे थे अब नया केबी डिवीजन तैयार किया गया है जिस पर दो प्लाटून चल रहे हैं।
Last Updated :Oct 31, 2019, 9:26 PM IST

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