Union Minister Mansukh Mandaviya: कोविड-19 महामारी ने भारत में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की कमियों को उजागर किया
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Published : Jul 6, 2023, 6:55 PM IST
Union Minister Mansukh Mandaviya:केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया आज रायपुर पहुंचे. यहां एम्स में क्रिटिकल केयर हेल्थ ब्लॉक की आधारशिला रखे. इसमें 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सीसीएचबी में 150 बैड्स की मदद से गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.
मनसुख मंडाविया
रायपुर:केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रायपुर एम्स में क्रिटिकल केयर हेल्थ ब्लॉक की आधारशिला रखी. करीब 100 करोड़ रुपये लागत से बनने वाले सीसीएचबी में 150 बैड्स की मदद से गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज दिया जा सकेगा. क्रिटिकल केयर यूनिट में 100 से ज्यादा बिस्तर, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधाएं होंगी. ऐसी सुविधाएं आपातकालीन और सामान्य स्थितियों के दौरान मदद करेंगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एम्स रायपुर के फेकल्टी और स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की. उन्होंने चिकित्सा शिक्षा और उपचार को बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव दिए. डॉ. मंडाविया ने डेटा कंपाइलिएशन और मेटा डेटा पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया. उन्होंने भारतीय चिकित्सा व्यवस्था को दुनिया का बेहतरीन मॉडल बताते हुए रिसर्च और नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है. स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं. हमने COVID-19 के दौरान बहुत सी चीजें सीखीं. कोविड-19 महामारी ने देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में कमियों और उन्हें पाटने के लिए उठाए जाने वाले उपायों को उजागर किया है. फिर पीएम मोदी ने फैसला किया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (National Health Infrastructure Mission) के तहत 64,000 करोड़ रुपये की लागत से देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट शुरू की जाएगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में 1,60,000 से ज्यादा स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र काम कर रहे हैं. जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का काम तेजी से चल रहा है. आज देश में 16 एम्स की स्थापना का काम पूरा हो चुका है. 22 नए एम्स स्थापित किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत अगले चार वर्षों में 750 जिलों में से प्रत्येक में औसतन 100 करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य है.