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प्रलय काल के समय घंटियों की आवाज सुनाई देगी, क्या है इस धार्मिक मान्यता की कहानी, जानिए

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 25, 2023, 4:10 AM IST

Temple Bell Ring Benefits मंदिर की घंटी को सृष्टि के उत्पत्ति के समय गूंजने वाला नाद या ध्वनि का प्रतीक माना गया है. ऐसी मान्यता है कि घंटी की ध्वनि से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. इसकी आवाज से वातावरण में शुद्धता आती है और समृद्धि के द्वार खुलते हैं. तो आइए आज हम आपको बताने जा रहे हैं मंदिर की घंटियों का पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है.

Temple Bell Ring Benefits
घंटे की ध्वनि

घंटे की ध्वनि का धार्मिक महत्व

रायपुर: ऐसा माना जाता है कि जब सृष्टि की शुरुआत हुई थी, तब एक ध्वनि की आवाज गूंजी थी. वह आवाज बिल्कुल घंटे की आवाज की तरह ही सुनाई दी थी. अक्सर आपने देखा होगा कि मंदिरों के द्वार पर ही घंटी लगी होती है. भक्त मंदिर में प्रवेश करते ही उस घंटी को बजाते हैं. पुराणों में घंटिया को गरुड़ का स्वरूप माना गया है. मंदिरों के द्वार पर लगे घंटिया के पीछे पौराणिक और वैज्ञानिक दोनों वजह अलग-अलग है.

घंटी है गरुड़ जी का स्वरूप:पौराणिक कारणों को लेकर एस्ट्रोलॉजर पं प्रिया शरण त्रिपाठी का बताते हैं कि "घंटी असल में गरुड़ का प्रतीक है. गरुड़, भगवान विष्णु के वाहन माने जाते हैं. देवताओं के आगमन के लिए और राक्षसों के विस्थापन के लिए घंटी बजाई जाती है. जब कभी भी आप घंटी नाद करते हैं, तो बहुत सारी बुरी ताकतें उस स्थान से चली जाती है और अच्छी सकारात्मकता का आगमन होता है. जब मंदिर में आप घंटी बजाते हैं तो गरुड़ जी जाकर भगवान को बताते हैं कि फलाना व्यक्ति का आगमन हुआ है, ऐसी धारणा है. जैसे कि आप किसी के घर के दरवाजे पर घंटी बजाते हैं इसी तरह भगवान के दरवाजे पर भी घंटी बजाई जाती है."

क्या है वैज्ञानिक वजह:वैज्ञानिक दृष्टिकोण से घंटी के महत्व को देखें तो घंटे की आवाज से आसपास के वातावरण में कंपन यानी कि वाइब्रेशन होता है. घंटी की आवाज जितनी दूर तक जाती है, उस स्थान पर वाइब्रेशन या कंपन उत्पन्न होता है. इस वाइब्रेशन से आसपास मौजूद जीवाणु, विषाणु और सभी सूक्ष्मजीव खत्म होने लगते हैं और वातावरण में शुद्धता आ जाती है. ऐसी मान्यता भी है की घंटी की आवाज से नकारात्मक एनर्जी उस स्थान से चली जाती है और लोगों के घर समृद्धि आ जाती है.

घंटे की ध्वनि का धार्मिक महत्व: धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि की शुरुआत के समय जो नाद या आवाज सुनाई दी थी, वह घंटी की ही थी. इसी तरह धार्मिक मान्यता है कि जब प्रलय काल निकट होगा, तब भी घंटे की आवाज सुनाई देगी. इस आधार पर घंटे की आवाज को काल का प्रतीक माना जा सकता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति रोजाना मंदिरों में घंटी बजाता है, उनके पिछले जन्म के पाप और बुरे कर्म की संख्या कम होने लगती है.पूजन विधि में भगवान को अगरबत्ती धूप कपूर और भोग चढ़कर उनकी आराधना की जाती है. इसी प्रकार घंटे की आवाज से ही पूजा विधि की शुरुआत की जाती है और भगवान को जागृत किया जाता है शायद यही वजह है कि मंदिर के प्रवेश द्वार में सबसे पहले घंटी या घंटा स्थापित किया जाता है.

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