छत्तीसगढ़

chhattisgarh

छत्तीसगढ़ का ये माटीपुत्र न होता तो आप हिन्दी में संविधान कैसे पढ़ते, पढ़ें दिग्गजों का योगदान

By

Published : Nov 26, 2021, 9:15 AM IST

संविधान निर्माण में देशभर की महान विभूतियों ने योगदान दिया. छत्तीसगढ़ के भी दिग्गजों ने संविधान देश को समर्पित करने में खास भूमिका निभाई. छत्तीसगढ़ के इन माटीपुत्रों का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में हमेशा के लिए अंकित हो गया. ETV भारत आपको उन्हीं विभूतियों से मिलवा रहा है.
making of Constitution of India
संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ का योगदान

रायपुर:आज संविधान दिवस (Constitution Day 2021) है. आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन खास महत्व रखता है. वो इसलिए क्योंकि इसी दिन परतंत्रता की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व के लिए भारत ने संविधान को अंगीकार किया था. 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा की आखिरी बैठक हुई थी. इस बैठक में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने समापन भाषण दिया था. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था.

संविधान निर्माण में देशभर की महान विभूतियों ने योगदान दिया. छत्तीसगढ़ के भी दिग्गजों ने संविधान देश को समर्पित करने में खास भूमिका निभाई. छत्तीसगढ़ के इन माटीपुत्रों का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में हमेशा के लिए अंकित हो गया. ETV भारत आपको उन्हीं विभूतियों से मिलवा रहा है.

इन विभूतियों का रहा योगदान

संविधान निर्माण परिषद में छत्तीसगढ़ से पंडित रविशंकर शुक्ल, डॉक्टर छेदीलाल बैरिस्टर और घनश्याम गुप्त निर्वाचित हुए. भारतीय संविधान सभा के लिए छत्तीसगढ़ के सामंतीय नरेशों की ओर से सरगुजा के दीवान रारूताब रघुराज सिंह नामजद हुए. छत्तीसगढ़ की रियासती जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी, रायगढ़ और कांकेर के रामप्रसाद पोटाई निर्वाचित किए गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details