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बिहार के मदरसों में चल रही गतिविधियों की निगरानी करे नीतीश सरकार: बीजेपी

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Published : Jan 9, 2023, 5:08 PM IST

बिहार में मदरसों को अपग्रेड करने की योजना वाले सीएम नीतीश कुमार के बयान पर बीजेपी ने सवाल पूछे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि नीतीश सरकार अपग्रेड करने को पहले स्पष्ट करे. क्योंकि, मदरसे शिक्षा का केंद्र न बनकर कहीं धार्मिक कट्टरपंथ का अड्डा न बन जाएं. पढ़ें Bihar Politics

डॉक्टर निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता
डॉक्टर निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

पटना: बिहार में मदरसाको बढ़ावा देने और अपग्रेड (Madarsa Upgradation in Bihar) करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की घोषणा पर बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद (Bihar BJP spokesperson Nikhil Anand) ने निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश सरकार से पूछा है कि अपग्रेड करने से उनका क्या आशय है? भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश सरकार से मांग की है कि बिहार में जितने भी मदरसे संचालित हो रहे हैं उनकी स्क्रूटनी करे और जो अवैध रूप से मदरसे संचालित हो रहे हैं उन्हें भी रजिस्टर्ड करके ध्यान देने की जरूरत है. इन मदरसों में कट्टरपंथ को बढ़ावा न दिया जाए.


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बिहार में होगा मदरसों का उन्नयन: दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि सभी मदरसों का उन्नयन, प्रचार-प्रसार किया जाएगा और वहां छात्रावास भी बनाए जाएंगे. बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने मदरसों को बढ़ावा देने और अपग्रेड करने की उनकी पहल पर बिहार के सीएम से सवाल किया है. निखिल ने कहा, "हम नीतीश कुमार जी से पूछना चाहते हैं कि क्या उनके कहने का मतलब है कि वहां सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम लागू होगा? क्या मदरसों में कॉलेज स्तर की पढ़ाई होगी जहाँ हर कोई पढ़ सकता है?" अगर ऐसा नहीं है तो सीएम नीतीश की घोषणा मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति या वोट बैंक की राजनीति के लिए महज बयानबाजी भर साबित होगी.


'कहीं कट्टरपंथ को बढ़ावा न देने लगें मदरसे': निखिल आनंद ने आगे स्पष्ट किया कि अगर मदरसे सामाजिक समरसता एवं सद्भावना की बुनियाद पर धार्मिक संस्थानों के रूप में भी काम कर रहे हैं तो हमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन, हमें इन मदरसों के एक कट्टरपंथी धार्मिक केंद्र के रूप में काम करने और इन संस्थानों को एक धार्मिक कट्टरपंथी केंद्र के रूप में इस्तेमाल से निश्चित रूप से समस्या है. ऐसे केंद्र देश विरोधी विचारों को बढ़ावा देते हैं. जिसके उदाहरण कई बार खुलासे में सामने भी आए हैं.



बीजेपी की मांग- बिहार में अवैध मदरसे का हो रजिस्ट्रेशन: भाजपा नेता निखिल आनंद ने सीएम नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि जिस किसी भी मदरसे को सरकारी अनुदान मिलता है, उसे पाठ्यक्रम और शैक्षणिक मानक के लिए निगरानी और जांच के दायरे में रखा जाना चाहिए. ऐसे कई मदरसे हैं जो निजी लोगों द्वारा अनधिकृत तरीके से फले-फूल रहे हैं. इन मदरसों में किसी भी संभावित अवैध, कट्टरपंथी या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इन्हें अविलंब सरकार द्वारा पंजीकृत किया जाना चाहिए. हम गंभीरता से महसूस करते हैं कि मदरसा जैसे संस्थानों को किसी कूपमंडूक कट्टरपंथी धार्मिक या राष्ट्र विरोधी भावना वाले संस्थान की बजाय आधुनिक एवं प्रगतिशील शैक्षणिक संस्थानों की तर्ज पर स्थापित किया जाना चाहिए.

''कट्टरपंथी धार्मिक सेंटर के तौर पर मदरसों को खड़ा करने की कोशिश से तकलीफ होती है. नीतीश जी से रिक्वेस्ट है कि जो भी मदरसे गवर्नमेंट ग्रांट लेते हैं. उनकी पढ़ाई, उनकी व्यवस्था की स्क्रूटनी जरूर होनी चाहिए. इसके अलावा बिहार में बड़ी संख्या में अवैध मदरसे, सरकार के संज्ञान से परे होकर संचालित हैं. ऐसे मदरसों को सरकार रजिस्टर्ड करे, उसको अपने स्क्रूटनी और विजिल के दायरे में लाए. ताकि उसका जो एकेडमिक स्तर है उसको चेक रखा जा सके. और वहां कट्टरपंथी कृत्य और धार्मिक दुर्भावना को बढ़ाने वाला काम वहां न हो.'' - डॉक्टर निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

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