'जब तक बिहार में नीतीश कुमार तब तक मदरसा, मस्जिद व कब्रिस्तान महफूज'

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Published : May 23, 2022, 7:21 PM IST

Madrasa Mosque Graveyard Are Safe In Bihar

बिहार में सियासी उलटफेर के संकेत (Signs of political upheaval in Bihar) के बीच जदयू ने भी पार्टी को मजबूत करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. जदयू नेता सलीम परवेज की बातों से तो इसी बात का अंदाजा लगाया जा रहा है. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बिहार में जबतक नीतीश कुमार हैं तब तक मदरसा, मस्जिद व कब्रिस्तान महफूज है. क्या हैं इस बयान के मायने आगे पढ़ें..

वैशाली: विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज (Former Deputy Chairman Of Legislative Council Salim Parvez) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हैं मदरसा, मस्जिद व कब्रिस्तान महफूज (Madrasa Mosque Graveyard Are Safe In Bihar) हैं. वहीं उन्होंने आगे कहा की ज्ञानवापी की मस्जिद थी और रहेगी. हिंदू मुस्लिम में तनाव के लिए यह सब हो रहा है ताकि सभी अलग-अलग गुटों में बंट जाए और लोगों का उल्लू सीधा हो सके.

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हो सकते हैं बड़े उलटफेर: बिहार की राजनीति में इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. एक तरफ जहां बीजेपी बिहार में अपने सीएम उम्मीदवार को प्रोजेक्ट करने की अंदरूनी तैयारी में जुटी है. वहीं संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटे जदयू ने भी तैयारी शुरू कर दी है. इतना ही नहीं जदयू के मुस्लिम नेता (JDU leader salim parvez) के द्वारा यह कहा जाना कि जब तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं तब तक सब कुछ सुरक्षित है, यह साफ तौर पर इशारा करता है कि जदयू का आने वाले समय में क्या स्टैंड हो सकता है. वहीं ज्ञानवापी पर बीजेपी के स्टैंड से अलग जदयू का स्टैंड है. सीध तौर पर जदयू अपने को मजबूत करने के लिए एक विशेष वर्ग तक नेताओं के जरिए संदेश भेजने के काम में लग चुका है.

जदयू की तैयारी तेज: जदयू ने संगठन को मजबूत बनाने की कवायद तेज कर दी है. जिसके तहत राज्य मुख्यालय के बाद अब जिलास्तर पर पार्टी के सभी विंग की समीक्षा की जा रही है. जिसकी शुरुआत जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने हाजीपुर से की है. जिला कार्यालय में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई जिसमें विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने भाग लिया. बैठक के दौरान लोकसभा और विधानसभा में मजबूती से लड़ने के साथ साथ संगठन को मजबूत बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई.

पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया गया विशेष टास्क: जदयू नेता ने जिलास्तर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जरूरी टास्क दिया. जिसपर अमल करने का निर्देश भी दिया गया. इस दौरान अजान के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के बारे में जदयू नेता ने कहा कि जबतक नीतीश कुमार हैं तबतक मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान सुरक्षित रहेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में मस्जिद रहेगा, वह पहले भी था और हमेशा रहेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है.

"हमारे मददगार नीतीश कुमार हैं. जब तक वह हैं हमारे तमाम मदरसा, मस्जिद व कब्रिस्तान यह सब महफूज हैं. हम आधी रात को भी सड़क पर निकल रहे हैं, इबादत कर रहे हैं, नमाज अदा कर रहे हैं. हमें भटकाने के लिए हिंदू - मुस्लिम में तनाव के लिए यह सब किया जा रहा है. ताकि हम अलग-अलग गुटों में बट जाए जिससे दूसरी पार्टी के लोग अपना उल्लू सीधा तक सकें."- सलीम परवेज, जदयू नेता

आर-पार के लड़ाई के मूड में जदयू: बिहार में भले ही एक अरसे से नीतीश कुमार का शासन है, बावजूद संगठन के मामले में जदयू को बेहद कमजोर माना जाता है. ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी अंदर खाने अपने सीएम उम्मीदवार की तैयारी कर रही है. यही कारण है कि जदयू ने संगठन मजबूत करने की तैयारी तेज कर दी है. जिस तरीके से सलीम परवेज ने बयान दिया है उससे साफ है कि जदयू भी अब आर पार की लड़ाई की तैयारी कर रहा है.


CM नीतीश को इस बात की है चिंता:जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कार्यकर्ताओं और विधायकों की मीटिंग ले रहे हैं उससे साफ है कि बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है. खबर है कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों को पटना नहीं छोड़ने की सख्त हिदायत दी है. जो पटना से बाहर हैं उन्हें भी वापस बुला लिया गया है. नीतीश को आरसीपी से जेडीयू के टूट का डर सता रहा है. सियासी गलियारे में चर्चा है कि अगर आरसीपी सिंह को जेडीयू राज्यसभा उम्मीदवार (RCP Singh candidature for Rajya Sabha) नहीं बनाती है तो जेडीयू टूट जाएगी. इसी डर से सीएम नीतीश लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को आंक रहे हैं. विधायकों को पटना नहीं छोड़ने का एक ये भी वजह बताया जा रहा है. सीएम नीतीश अपने विधायकों को आंकने के लिए कई बार सीएम हाउस में बैठक ले चुके हैं. बैठक में उम्मीदवारों की घोषणा के लिए नीतीश को अधिकृत किया गया था.



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