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क्या लालू यादव के प्रयोग के कारण बिहार की इस लोकसभा सीट पर बीजेपी को मिलती रही है जीत! - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 26, 2024, 7:53 PM IST

Patliputra Lok Sabha Seat: बिहार के औपर हमेशा बीजेपी प्रत्याशियों की जीत होती रही है. 2009 से लेकर 2019 तक बीजेपी की जीत हुई है. इसका बड़ा कारण राजद सुप्रीमो लालू यादव को माना जाता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि हमेशा लालू यादव बीजेपी को वॉक ऑवर देने का काम करते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

पटना साहिब लोकसभा सीट
पटना साहिब लोकसभा सीट (ETV Bharat)

पटना साहिब लोकसभा सीट को लेकर विशेषज्ञ की राय (ETV Bharat)

पटनाः बिहार के 40 सीटों में पटना साहिब लोकसभा सीट बीजेपी के लिए सेफ मानी जाती है. यहां हर बार बीजेपी प्रत्याशियों की जीत होती रही है. विशेषज्ञ इसका बड़ा कारण राजद सुप्रीमो लालू यादव को मानते हैं. क्योंकि इस सीट पर विपक्ष कभी भी एक पार्टी से प्रत्याशी को नहीं उतारा है. हर बार प्रत्याशी और पार्टी बदलती रही है. 2009 में तो राजद और कांग्रेस ने अलग अलग प्रत्याशी उतारा था.

शत्रुघ्न सिन्हा बने थे पहले सांसदः इस सीट पर सबसे पहला सांसद बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा बने थे. शत्रुघ्न सिन्हा लगातार दो बार 2009 और 2014 में बीजेपी के टिकट पर सांसद बने थे. हालांकि किसी कारण 2019 में बीजेपी ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतरा था. शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी हार हो गई थी.

पटना साहिब लोकसभा सीट
पटना साहिब लोकसभा सीट (ETV Bharat GFX)

2019 में बीजेपी ने बदले प्रत्याशीः 2019 में रविशंकर प्रसाद को 6 लाख 75000 से अधिक वोट मिले थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को 3 लाख 22 हजार 849 वोट मिले थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा बड़े मतों के अंतर से चुनाव हार गए.

2009 में बीजेपी की जीतः विशेषज्ञ बताते हैं कि पटना साहिब लोकसभा सीट इसलिए भी भाजपा के खाते में जाता रहा क्योंकि महागठबंधन ने हर चुनाव में नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. 2009 के लोकसभा चुनाव में RJD ने भाजपा के सुपरस्टार नेता शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ विजय कुमार को मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने भी फिल्म अभिनेता शेखर सुमन को टिकट दिया था. RJD और INC दोनों की हार हुई थी.

पटना साहिब लोकसभा सीट
पटना साहिब लोकसभा सीट (ETV Bharat GFX)

2014 में बीजेपी की जीतः 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से मुकाबले के लिए कांग्रेस पार्टी ने भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह को मैदान में उतारा. लेकिन इसबार भी विपक्ष की हार हुई. शत्रुघ्न सिन्हा को 57% वोट शेयर हासिल हुआ तो कुणाल सिंह महज 25% वोट शेयर पर सिमट गए थे. दो बार देखा गया कि बीजेपी की जीत हुई.

2019 में बीजेपी की जीतः 2019 के लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा ने पाला बदला और इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े. उन्हें 33% वोट हासिल हुए जबकि भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद को 62% वोट हासिल हुए. इससे साफ है कि प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन बीजेपी का यहां झंडा बुलंद रहा है. आज के समय में अगर कोई कांग्रेस नेता भी बीजेपी से इस सीट पर चुनाव लड़ लेता तो बीजेपी की जीत पक्की मानी जाती है.

इसबार भी कांग्रेस से नया चेहराः घड़ी की सुई घूमती गई और 2024 का लोकसभा चुनाव आ गया. महागठबंधन को प्रत्याशी घोषित करने में पसीने छूट गया. महज 15 दिन पहले पटना साहिब लोकसभा सीट पर प्रत्याशी का ऐलान किया गया. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अविजित को कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. इस बार भी महागठबंधन की ओर से मैदान में नए चेहरे को उतारा गया है.

कांग्रेस ने अंतिम में प्रत्याशी घोषणा कीः राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ संजय कुमार का कहना है कि अगर सभी 6 विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी को घूमना हो तो कम से कम 3 महीने लग जाएंगे. 15 दिन के चुनाव प्रचार में महागठबंधन प्रत्याशी कहां-कहां जा पाएंगे यह तो समझने वाली बात है. इसका मतलब साफ है कि इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी की हार होगी.

"हर बार चुनाव में नए उम्मीदवार के सामने आने से भाजपा के लिए जीत की राह आसान हो जाती है, क्योंकि विपक्ष से जो उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं उन्हें यह पता नहीं होता कि वह अगली बार इस सीट पर लड़ पाएंगे या नहीं. चुनाव लड़ने के बाद वह क्षेत्र से गायब हो जाते हैं. लालू प्रसाद यादव के प्रयोग के चलते ही भाजपा को पटना साहिब लोकसभा सीट पर लगातार जीत हासिल हो जाती है." -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ

2009 में अस्तित्व में आयाः पटना साहिब लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आया. 21 लाख 42 हजार 842 मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा जिसमें बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर ,कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा शामिल है. यह सीट कायस्थ डोमिनेंट माना जाता है. 5 लाख के आसपास यादव और राजपूत वोटर भी हैं. 6% से अधिक आबादी दलितों की है.

1 जून को वोटिंगः पटना साहिब लोकसभा सीट पर 1 जून को अंतिम चरण में वोटिंग है. एनडीए प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद और महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित के बीच मुकाबला है. 4 जून को एक साथ पूरे देश में रिजल्ट आएगा. इस दिन तय हो जाएगा कि फिर से बीजेपी इस सीट पर विजयी होते हैं या इसबार कांग्रेस को मौका मिलता है.

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