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JDU सांसद का बड़ा बयान- 'बिहार BJP के नेता चाहते हैं जातीय जनगणना, लेकिन विरोध में हैं केंद्र के बड़े नेता'

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Published : Dec 5, 2021, 1:33 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 2:56 PM IST

Caste Census Politics : जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार ने संसद में जो बयान दिया है, उससे हम लोग बहुत दुखी हैं. जदयू के सभी सांसद संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि जातीय जनगणना पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. पढ़ें पूरी खबर...

केंद्र सरकार जातीय जनगणना पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे : JDU
केंद्र सरकार जातीय जनगणना पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे : JDU

पटना/नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से मांग खारिज किए जाने के बाद बिहार में जातीय जनगणना (Politics On Caste Census In Bihar) पर सियासत जारी है. अब नई दिल्ली में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू (JDU MP Sunil Kumar Pintu ) ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार ने संसद में जो बयान दिया है, उससे हम लोग बहुत दुखी हैं. जदयू के सभी सांसद संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि जातीय जनगणना पर अपने फैसले पर (Reconsider Decision On Caste Census ) पुनर्विचार करे.


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उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम लोग समझौता नहीं कर सकते हैं. केंद्र सरकार पूरे देश में नहीं कराएगी तो कम से कम बिहार में जरूर कराए और केंद्र अगर नहीं कराएगी तो फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद से बिहार में जातीय जनगणना कराने पर विचार करेंगे. लेकिन यह होगा जरूर, चाहे केंद्र कराए या बिहार सरकार करे. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर बीजेपी दो भागों में बंटी हुई है.

केंद्र सरकार जातीय जनगणना पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे : JDU

'बिहार बीजेपी के नेता चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो लेकिन केंद्र में जो नेता हैं, वे नहीं चाहते कि जातीय जनगणना हो. पीएम मोदी से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ जब सीएम नीतीश ने जातीय जनगणना पर मुलाकात की थी तो उस दौरान बिहार बीजेपी के नेता मौजूद थे.':- सुनील कुमार पिंटू, जेडीयू सांसद

सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जो मजबूत वर्ग की जातियां हैं उनकी संख्या कम है, वे सरकारी योजनाओं का लाभ आगे आकर ले लेते हैं. लेकिन कमजोर वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है, वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, इसलिए जातीय जनगणना होगी तो पता चलेगा कि किसकी कितनी संख्या है. कमजोर वर्ग के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचेगा. उनको मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी. कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रमों को बनाने में मदद मिलेगी.

बता दें केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि आजादी के बाद से केंद्र ने जनगणना में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अलावा जाति आधारित गणना नहीं की है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एवं बिहार से बीजेपी सांसद नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही है. प्रश्न पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना के लिए कोई योजना या नीति बनाई है.

जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद से राजद एवं जदयू नाराज है. तेजस्वी यादव भी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से एक बार फिर इस मुद्दे पर मुलाकात की है. बिहार सरकार से मांग की है कि वह खुद जातीय जनगणना अपने खर्च पर बिहार में करे.

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Last Updated :Dec 5, 2021, 2:56 PM IST

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