ETV Bharat / bharat

एक क्लिक में पढ़िए बिहार की 5 लोकसभा सीटों पर कौन मारेगा बाजी, किसका होगा सूपड़ा साफ - Bihar Fifth Phase Voting

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 20, 2024, 8:43 PM IST

Updated : May 21, 2024, 2:33 PM IST

Bihar Fifth Phase Voting :बिहार में पांचवें चरण का चुनाव संपन्न हो गया. पांच लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया. इस बार मौसम ने लोगों को राहत दी और इसका असर भी वोटिंग परसेंट पर पड़ा. लोगों ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सेदारी निभाई. बिहार में 55.85% मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया. वोटिंग प्रतिशत गिरने से किसे नफा नुकसान हुआ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर-

कौन पास कौन फेल?
कौन पास कौन फेल? (ETV Bharat)

पटना : पांचवें चरण का लोकसभा चुनाव बिहार एनडीए के लिहाज से महत्वपूर्ण है. एनडीए के सामने पांचों लोकसभा सीट को बचाने की चुनौती है. इस चरण में चिराग पासवान, राजीव प्रताप रूडी, रोहिणी आचार्य, अजय निषाद और देवेश चंद्र ठाकुर के भाग्य का फैसला होना है. मतदाताओं ने सभी की किस्मत को ईवीएम में कैद भी कर दिया है.

कौन पास कौन फेल? : पांचवें चरण में मौसम का मिजाज बदला, कई जगहों पर बारिश हुई तो कई जगहों पर मौसम सुहाना रहा. इस बार लोगों ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सेदारी निभाई. पांचवें चरण में 55.85% मतदान हुए. सारण लोकसभा सीट 2024 के चुनाव में हॉट सीट है. सब की निगाहें सारण लोकसभा सीट पर टिकी हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव प्रताप रूडी का मुकाबला लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य से है. दोनों उम्मीदवारों के बीच आमने-सामने की लड़ाई है. वोटिंग के दौरान भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने राष्ट्रीय जनता दल पर बूथ कैपचरिंग के आरोप लगाए हैं.

रूडी और रोहिणी की जंग में विजेता कौन? : राजीव प्रताप रूडी सारण से चार बार सांसद चुने गए हैं. 1996, 1999, 2014 और 2019 में छपरा से सांसद रह चुके रूडी की लड़ाई हर बार लालू के परिवार से ही रही. वैसे राजीव प्रताप रूडी को 2004 और 2009 में लालू प्रसाद यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इस बार लालू प्रसाद यादव ने राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है. रोहिणी आचार्य के सामने विरासत की सियासत बचाने की चुनौती है.

क्या फंस गई सारण की सीट : सारण लोकसभा सीट पर 2009 में 45.81% वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 में वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 56.10% हो गया. 2019 के चुनाव में आंकड़ा थोड़ा और बढ़ा और वोटिंग प्रतिशत 56.56 प्रतिशत रहा. 2024 के चुनाव में सारण लोकसभा सीट पर 54.50% वोटिंग दर्ज किए गए. 2019 के मुकाबले 2024 में लगभग 2% वोटिंग कम दर्ज की गई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

हाजीपुर में कौन किसपर भारी ? : हाजीपुर लोकसभा सीट पर चिराग पासवान एनडीए के उम्मीदवार हैं. चिराग के समक्ष विरासत की सियासत को धार देने की चुनौती है. चिराग पासवान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार किए हैं. नरेंद्र मोदी ने अपने हनुमान के लिए लोगों से रामविलास पासवान के रिकॉर्ड को तोड़ने का अनुरोध भी किया है. चिराग पासवान का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवचंद्र राम से हैं. तेजस्वी यादव ने शिवचंद्र राम के लिए पूरी ताकत झोक रखी थी.

विरासत बचाने की चुनौती : रामविलास पासवान के परिवार की परंपरागत सीट भी कहा जा सकता है. ऐसा इसलिए कि इस सीट से रामविलास पासवान ने 1977, 1980, 1989, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2014 में जीत दर्ज की, वहीं 2019 में उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन की चुनौती को ध्वस्त करते हुए विजय पताका लहराया. रामविलास पासवान हाजीपुर से दो बार चुनाव हारे. 1984 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान को कांग्रेस के रामरतन राम ने शिकस्त दी थी, तो 2009 में एनडीए के बैनर तले रामसुंदर दास ने रामविलास पासवान को हरा दिया था.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

बड़े मार्जिन से जीतेंगे चिराग? : हाजीपुर लोकसभा सीट पर 2009 में 41.83% वोटिंग दर्ज की गयी थी. 2014 में 54.85% वोटिंग हुई तो 2019 में आंकड़ा बढ़कर 55.21% हो गया, 2024 के चुनाव में 56.84 प्रतिशत वोटिंग हुआ. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट एनडीए का पारंपरिक सीट माना जाता है और एनडीए प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीतते हैं. इस बार भाजपा ने वर्तमान प्रत्याशी अजय निषाद का टिकट काट दिया और उनकी जगह राज भूषण चौधरी को उम्मीदवार बनाया और अजय निषाद ने 'हाथ' का साथ लिया और मैदान में उतर गए.

मुजफ्फरपुर में कौन मारेगा बाजी? : ये लोकसभा सीट हमेशा से बाहरी प्रत्याशियों के लिए मुफीद रहा है. 1957 में गुजरात से आकर अशोक रणजीत राम मेहता मुजफ्फरपुर की जनता को भा गये तो जॉर्ज फर्नांडिस को यहां की जनता ने सिर-आंखों पर चढ़ाकर 5 बार सांसद बनाकर दिल्ली भेजा. 2009 से हुए पिछले 3 चुनावों में मुजफ्फरपुर सीट से जेडीयू और बीजेपी ने जीत दर्ज की है. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 2009 में 46.41 प्रतिशत वोटिंग हुए थे तो 2014 में आंकड़ा बढ़कर 61.5% हो गया 2019 में भी 61.14% वोटिंग दर्ज किए गए, 2024 में 58.10 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. 2009 के मुकाबले 3% वोटिंग में कमी आई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

सीतामढ़ी पर किसका पलड़ा भारी? : सीतामढ़ी लोकसभा सीट भी हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जदयू की टिकट पर उम्मीदवार हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने अर्जुन राय को उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट जदयू ने काट दिया है. देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाते हैं. सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं. जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के अर्जुन राय से है. देवेश चंद्र ठाकुर भी स्थानीय हैं और इस लिहाज से वहां लड़ाई दिलचस्प है.

क्या कहता है कम मतदान प्रतिशत? : सीतामढ़ी की अगर बात कर ले तो 2009 के लोकसभा चुनाव में 42.54% लोगों ने मत का इस्तेमाल किया था. 2014 में आंकड़ा बढ़कर 57.18 प्रतिशत हो गया. 2019 में मतदान प्रतिशत और बड़ा और 59.28 प्रतिशत लोगों ने मत का प्रयोग किया. 2024 के चुनाव में कुल 57.55% लोगों ने अपने मता अधिकार का प्रयोग किया. 2019 के मुकाबले 2% कम मतदान 2024 में हुए.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

अली अशरफ फातमी और अशोक यादव का मुकाबला : मधुबनी लोकसभा सीट की चर्चा काम हो रही है. एनडीए ने अशोक यादव को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है. अशोक यादव का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल नेता अली अशरफ फातमी से है. अली अशरफ फातमी की गिनती बड़े नेताओं में होती है. यूपीए की सरकार में पत्नी केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

मधुबनी में 2019 के मुकाबले 1.57% कम मतदान : मधुबनी लोकसभा सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में 39.83% वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 में आंकड़ा बढ़कर 52.86% हो गया. 2019 में 53.77 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. 2024 के चुनाव में 52.20% मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का मानना है कि ''इस बार वोटिंग परसेंट संतोषजनक रहा और एनडीए के नेता थोड़े सुकून में होगी. हाजीपुर और मुजफ्फरपुर सीट एनडीए के लिए संजीवनी की तरह है. चिराग पासवान की जीत भी लगभग तय मानी जा रही है. तो मुजफ्फरपुर से एनडीए उम्मीदवार राज भूषण चौधरी जीत की ओर अग्रसर दिख रहे हैं. राजीव प्रताप रूडी थोड़े लड़ाई में फंसे हैं. सीतामढ़ी सीट पर देवेश चंद्र ठाकुर के लिए बेहतर माहौल दिख रहा है. अशोक यादव के लिए सीट को रिपीट करना कठिन नहीं दिख रहा है.''

वरिष्ठ पत्रकार भोलानाथ का मानना है कि ''हीटवेव में कमी और सुहाना मौसम होना एनडीए के लिए फायदेमंद है. चिराग पासवान की हाजीपुर में बेहतर स्थिति है, लेकिन चाचा पशुपति पारस के लोगों ने साइलेंट रहना मुनासिब समझा. ऐसे में मार्जिन बहुत लंबी नहीं होने की संभावना है. सारण लोकसभा सीट पर रोहिणी आचार्य और राजीव प्रताप रूडी के बीच मुकाबला कड़ा है. मुजफ्फरपुर में एनडीए प्रत्याशी राज भूषण चौधरी के लिए मुश्किल नहीं दिख रही है. सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर देवेश चंद्र ठाकुर भी बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. एनडीए के वोटर बाहर निकले थे और वोटिंग भी अच्छी हुई है. मधुबनी सीट पर अशोक यादव फिर से बड़ी मार ले जा सकते हैं.''

ये भी पढ़ें-

पटना : पांचवें चरण का लोकसभा चुनाव बिहार एनडीए के लिहाज से महत्वपूर्ण है. एनडीए के सामने पांचों लोकसभा सीट को बचाने की चुनौती है. इस चरण में चिराग पासवान, राजीव प्रताप रूडी, रोहिणी आचार्य, अजय निषाद और देवेश चंद्र ठाकुर के भाग्य का फैसला होना है. मतदाताओं ने सभी की किस्मत को ईवीएम में कैद भी कर दिया है.

कौन पास कौन फेल? : पांचवें चरण में मौसम का मिजाज बदला, कई जगहों पर बारिश हुई तो कई जगहों पर मौसम सुहाना रहा. इस बार लोगों ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सेदारी निभाई. पांचवें चरण में 55.85% मतदान हुए. सारण लोकसभा सीट 2024 के चुनाव में हॉट सीट है. सब की निगाहें सारण लोकसभा सीट पर टिकी हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव प्रताप रूडी का मुकाबला लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य से है. दोनों उम्मीदवारों के बीच आमने-सामने की लड़ाई है. वोटिंग के दौरान भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने राष्ट्रीय जनता दल पर बूथ कैपचरिंग के आरोप लगाए हैं.

रूडी और रोहिणी की जंग में विजेता कौन? : राजीव प्रताप रूडी सारण से चार बार सांसद चुने गए हैं. 1996, 1999, 2014 और 2019 में छपरा से सांसद रह चुके रूडी की लड़ाई हर बार लालू के परिवार से ही रही. वैसे राजीव प्रताप रूडी को 2004 और 2009 में लालू प्रसाद यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इस बार लालू प्रसाद यादव ने राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है. रोहिणी आचार्य के सामने विरासत की सियासत बचाने की चुनौती है.

क्या फंस गई सारण की सीट : सारण लोकसभा सीट पर 2009 में 45.81% वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 में वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 56.10% हो गया. 2019 के चुनाव में आंकड़ा थोड़ा और बढ़ा और वोटिंग प्रतिशत 56.56 प्रतिशत रहा. 2024 के चुनाव में सारण लोकसभा सीट पर 54.50% वोटिंग दर्ज किए गए. 2019 के मुकाबले 2024 में लगभग 2% वोटिंग कम दर्ज की गई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

हाजीपुर में कौन किसपर भारी ? : हाजीपुर लोकसभा सीट पर चिराग पासवान एनडीए के उम्मीदवार हैं. चिराग के समक्ष विरासत की सियासत को धार देने की चुनौती है. चिराग पासवान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार किए हैं. नरेंद्र मोदी ने अपने हनुमान के लिए लोगों से रामविलास पासवान के रिकॉर्ड को तोड़ने का अनुरोध भी किया है. चिराग पासवान का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवचंद्र राम से हैं. तेजस्वी यादव ने शिवचंद्र राम के लिए पूरी ताकत झोक रखी थी.

विरासत बचाने की चुनौती : रामविलास पासवान के परिवार की परंपरागत सीट भी कहा जा सकता है. ऐसा इसलिए कि इस सीट से रामविलास पासवान ने 1977, 1980, 1989, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2014 में जीत दर्ज की, वहीं 2019 में उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन की चुनौती को ध्वस्त करते हुए विजय पताका लहराया. रामविलास पासवान हाजीपुर से दो बार चुनाव हारे. 1984 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान को कांग्रेस के रामरतन राम ने शिकस्त दी थी, तो 2009 में एनडीए के बैनर तले रामसुंदर दास ने रामविलास पासवान को हरा दिया था.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

बड़े मार्जिन से जीतेंगे चिराग? : हाजीपुर लोकसभा सीट पर 2009 में 41.83% वोटिंग दर्ज की गयी थी. 2014 में 54.85% वोटिंग हुई तो 2019 में आंकड़ा बढ़कर 55.21% हो गया, 2024 के चुनाव में 56.84 प्रतिशत वोटिंग हुआ. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट एनडीए का पारंपरिक सीट माना जाता है और एनडीए प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीतते हैं. इस बार भाजपा ने वर्तमान प्रत्याशी अजय निषाद का टिकट काट दिया और उनकी जगह राज भूषण चौधरी को उम्मीदवार बनाया और अजय निषाद ने 'हाथ' का साथ लिया और मैदान में उतर गए.

मुजफ्फरपुर में कौन मारेगा बाजी? : ये लोकसभा सीट हमेशा से बाहरी प्रत्याशियों के लिए मुफीद रहा है. 1957 में गुजरात से आकर अशोक रणजीत राम मेहता मुजफ्फरपुर की जनता को भा गये तो जॉर्ज फर्नांडिस को यहां की जनता ने सिर-आंखों पर चढ़ाकर 5 बार सांसद बनाकर दिल्ली भेजा. 2009 से हुए पिछले 3 चुनावों में मुजफ्फरपुर सीट से जेडीयू और बीजेपी ने जीत दर्ज की है. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 2009 में 46.41 प्रतिशत वोटिंग हुए थे तो 2014 में आंकड़ा बढ़कर 61.5% हो गया 2019 में भी 61.14% वोटिंग दर्ज किए गए, 2024 में 58.10 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. 2009 के मुकाबले 3% वोटिंग में कमी आई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

सीतामढ़ी पर किसका पलड़ा भारी? : सीतामढ़ी लोकसभा सीट भी हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जदयू की टिकट पर उम्मीदवार हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने अर्जुन राय को उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट जदयू ने काट दिया है. देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाते हैं. सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं. जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के अर्जुन राय से है. देवेश चंद्र ठाकुर भी स्थानीय हैं और इस लिहाज से वहां लड़ाई दिलचस्प है.

क्या कहता है कम मतदान प्रतिशत? : सीतामढ़ी की अगर बात कर ले तो 2009 के लोकसभा चुनाव में 42.54% लोगों ने मत का इस्तेमाल किया था. 2014 में आंकड़ा बढ़कर 57.18 प्रतिशत हो गया. 2019 में मतदान प्रतिशत और बड़ा और 59.28 प्रतिशत लोगों ने मत का प्रयोग किया. 2024 के चुनाव में कुल 57.55% लोगों ने अपने मता अधिकार का प्रयोग किया. 2019 के मुकाबले 2% कम मतदान 2024 में हुए.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

अली अशरफ फातमी और अशोक यादव का मुकाबला : मधुबनी लोकसभा सीट की चर्चा काम हो रही है. एनडीए ने अशोक यादव को दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है. अशोक यादव का मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल नेता अली अशरफ फातमी से है. अली अशरफ फातमी की गिनती बड़े नेताओं में होती है. यूपीए की सरकार में पत्नी केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

मधुबनी में 2019 के मुकाबले 1.57% कम मतदान : मधुबनी लोकसभा सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में 39.83% वोटिंग हुई थी, जबकि 2014 में आंकड़ा बढ़कर 52.86% हो गया. 2019 में 53.77 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. 2024 के चुनाव में 52.20% मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का मानना है कि ''इस बार वोटिंग परसेंट संतोषजनक रहा और एनडीए के नेता थोड़े सुकून में होगी. हाजीपुर और मुजफ्फरपुर सीट एनडीए के लिए संजीवनी की तरह है. चिराग पासवान की जीत भी लगभग तय मानी जा रही है. तो मुजफ्फरपुर से एनडीए उम्मीदवार राज भूषण चौधरी जीत की ओर अग्रसर दिख रहे हैं. राजीव प्रताप रूडी थोड़े लड़ाई में फंसे हैं. सीतामढ़ी सीट पर देवेश चंद्र ठाकुर के लिए बेहतर माहौल दिख रहा है. अशोक यादव के लिए सीट को रिपीट करना कठिन नहीं दिख रहा है.''

वरिष्ठ पत्रकार भोलानाथ का मानना है कि ''हीटवेव में कमी और सुहाना मौसम होना एनडीए के लिए फायदेमंद है. चिराग पासवान की हाजीपुर में बेहतर स्थिति है, लेकिन चाचा पशुपति पारस के लोगों ने साइलेंट रहना मुनासिब समझा. ऐसे में मार्जिन बहुत लंबी नहीं होने की संभावना है. सारण लोकसभा सीट पर रोहिणी आचार्य और राजीव प्रताप रूडी के बीच मुकाबला कड़ा है. मुजफ्फरपुर में एनडीए प्रत्याशी राज भूषण चौधरी के लिए मुश्किल नहीं दिख रही है. सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर देवेश चंद्र ठाकुर भी बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. एनडीए के वोटर बाहर निकले थे और वोटिंग भी अच्छी हुई है. मधुबनी सीट पर अशोक यादव फिर से बड़ी मार ले जा सकते हैं.''

ये भी पढ़ें-

Last Updated : May 21, 2024, 2:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.