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यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक की प्लानिंग फुल प्रूफ थी, एक गलती ने पहुंचा दिया जेल - up police recruitment paper leak

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 8, 2024, 8:44 AM IST

यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक की प्लानिंग पूरी तरह से फुल प्रूफ थी. एक गलती ने सभी को जेल पहुंचा दिया.

up police recruitment paper leak
up police recruitment paper leak

लखनऊः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला राजीव नयन मिश्रा, मध्य प्रदेश प्रतियोगिता परीक्षा, यूपी में नर्स भर्ती पेपर , टीजीटी परीक्षा का पेपर लीक करवाने के बाद भी बच गया लेकिन यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक करने के बाद शिकंजे में कस लिया। इसके पीछे मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा की एक गलती थी, जिसने उसे फुल प्रूफ प्लानिंग के बाद भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. सूत्रों के मुताबिक, यूपी एसटीएफ के सामने उसने पूछताछ में बताया था कि, उनकी प्लानिंग सिर्फ पेपर लीक करवा उसे अभ्यर्थियों को पढ़वाने की थी, लेकिन उसने एक अभ्यर्थी से अधिक पैसों के लालच में प्रश्नों के उत्तर लिखा लेटर टेलीग्राम में भेज दिया जिसके बाद वह पेपर वायरल हो गए और फिर उनके पूरे नेक्सेस को एसटीएफ ने खोज निकाला.


17 व 18 फरवरी को आयोजित हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. परीक्षा के दोनो दिन दूसरी पाली का पेपर उत्तरों के साथ टेलीग्राम में वायरल होने के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द करने के साथ ही यूपी एसटीएफ को जांच सौंपी थी. एसटीएफ ने पहले लीककांड से जुड़े अहमदाबाद स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के कर्मचारी, पेपर बॉक्स की सील खोलने वाले डॉक्टर और मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के ने साथियों की गिरफ्तारी की गई थी. इनकी गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही राजीव नयन मिश्रा भी गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी राजीव ने एसटीएफ के सामने पेपर लीक करने से लेकर उनका भंडाफोड़ होने तक का खुलासा किया है.

पुराने भरोसेमंद साथी ही राजीव ने किए थे गैंग में शामिल
सूत्रों के मुताबिक, राजीव नयन मिश्रा ने यूपी एसटीएफ को गिरफ्तार होने के बाद बताया था कि उसने रवि नेत्री , अंकित समेत कई लोगों को अपने गैंग में शामिल किया. ये पहले भी कई बार पेपर लीक करवाने में उसकी मदद कर चुके थे, लिहाजा एक बार फिर जब यूपी पुलिस भर्ती उनके सामने एक बड़ा अवसर लेकर आया तो उसने फिर से गैंग इकट्ठा की और पेपर लीक करने के लिए पूरी फुल प्लानिंग की.

पेपर प्रिंटिंग के बाद अहमदाबाद के जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी से एक्सपोर्ट होना था, वहां का पता लगा उसके कर्मचारियों अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरी और रोहित पांडे को अपने साथ मिलाया. इसके बाद पेपर बॉक्स की सील खोलने के लिए बिहार में रहने वाले एक्सपर्ट शुभम मंडल से संपर्क किया, जो पेशे से डॉक्टर था. पेपर हाथ में आने के बाद उसने अभ्यर्थियों को पेपर के अंदर रटवाने के लिए कोचिंग संचालकों और उनके संपर्क किया जो बीते कई पेपर में अभ्यर्थियों को पेपर बेच चुके थे.


इस बार पेपर बेचने नही बल्कि पढ़वाने की थी प्लानिंग
सूत्रों के अनुसार राजीव नयन ने एसटीएफ के अफसरों को बताया कि उनकी प्लानिंग इस बार की कुछ अलग थी. इस बार उन्होंने तय कर रखा था कि वो लोग पेपर नही बेचेंगे। बल्कि पेपर के उत्तर लिख पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को एक साथ पढ़ाया जाएगा. इसके लिए गुड़गांव, रीवा में एक रिजॉर्ट व लखनऊ में जगह का चयन किया गया. सभी प्रश्नों के उत्तर लिखे गए और फिर अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया. हालांकि इसी दौरान उससे एक गलती हो गई, जिसने उसे और उसके साथियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.


मोटी रकम के लालच में टेलीग्राम में बेच दिया पेपर
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, राजीव नयन ने बताया कि पहले से उसकी प्लानिंग थी कि पेपर सिर्फ पढ़वाए जायेंगे, वो भी सिर्फ उन्ही के गैंग के खास लोग ही इसमें शामिल होंगे. हालांकि उन्हें जो उम्मीद थी उसके अनुसार उनकी कमाई नहीं हो सकी थी. उनके पास कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तरों की डिमांड की थी, जिसके एवज में मोटी रकम मिलनी थी. लिहाजा उसने उनसे बिना मिले ही उन्हे पेपर टेलीग्राम के जरिए भेज दिया, जिसके बाद वही उत्तर टेलीग्राम में वायरल होने लगे. इसके बाद वो समझ गए थे, कि उनकी यह गलती उन्हे सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है, लिहाजा राजीव नयन और उसके दर्जनों साथी अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं.


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