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यूपी के छठे चरण के रण में किसकी चमकेगी किस्मत कौन बहाएगा आंसू, देखें क्या कहते हैं समीकरण - Election 2024 Sixth Phase

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 5:04 PM IST

Election Campaign Ends on 14 Seats of UP: यूपी की सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज (सु.), आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होगा.

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यूपी के छठे चरण के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण का प्रचार आज शाम 5 बजे खत्म हो गया. अब 25 मई को मतदान के लिए प्रत्याशी घर-घर जाकर अपील कर सकेंगे. छठे चरण में भाजपा के मेनका गांधी, सकेत मिश्रा, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ और रितेश पांडेय जैसे बड़े प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. छठे चरण भाजपा के लिए काफी कठिन माना जा रहा है.

छठे चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों और बलरामपुर जिले की गैंसण्डी विधानसभा सीट के उपचुनाव का प्रचार गुरुवार की शाम को थम गया. इसी के साथ शनिवार 25 मई को होने वाले मतदान की तैयारी शुरू हो जाएगी.

यह लोकसभ सीटें हैं-सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज (सु.), आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर. इनमें से 12 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं.

छठे चरण की प्रदेश की इन 14 लोकसभा सीटों में सुलतानपुर सीट पर भाजपा की उम्मीदवार मेनका गांधी, आजमगढ़ में भाजपा के प्रत्याशी और भोजपुरी फिल्म कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ और सपा के धर्मेन्द्र यादव व डुमरियागंज से भाजपा के मौजूदा सांसद जगदम्बिका पाल के मैदान में उतरने से इन सीटों के चुनाव ज्यादा चर्चा में हैं.

2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों के नतीजों पर गौर करें तो 14 में से 10 भाजपा, तीन बसपा और एक सपा ने जीती थी. आजमगढ़ की सीट पर मौजूदा सपा प्रमुख अखिलेश यादव जीते थे. छह सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा के उम्मीदवारों ने भाजपा प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी थी. सुलतानपुर, श्रावस्ती और मछली शहर सीटों पर बहुत करीबी मुकाबला रहा था.

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इस बार भी भारतीय जनता पार्टी को इन सारी सीटों पर कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर जिन सीटों पर बीजेपी को पिछली बार हार मिली थी. अंबेडकर नगर मैं वर्तमान सांसद को भी कमल निशान मिलने के बावजूद समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है.

जौनपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी स्थिति को 2019 के मुकाबले मजबूत कर लिया है. यहां धनंजय सिंह की पत्नी के बहुजन समाज पार्टी से न लड़ने की वजह से बीजेपी को कुछ फायदा नजर आ रहा है. सुलतानपुर सीट पर मेनका गांधी के लिए कुछ खास दिक्कतें नजर नहीं आ रही हैं.

उनके बेटे वरुण गांधी ने गुरुवार को उनके लिए प्रचार किया है. जिससे वे खुद को और अधिक मजबूत महसूस कर रही हैं. आजमगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव निरहुआ फंसे हुए नजर आ रहे हैं.

उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के गुड्डू जमाली को मुसलमान का लगभग ढाई लाख वोट यहां प्राप्त हो गया था. जिसकी वजह से निरहुआ 12000 वोट से जीत गए थे. मगर इस बार स्थिति बदली हुई नजर आ रही है.

गुड्डू जमाली आप समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं. ऐसे में ढाई लाख वोट जो जमाली ने मुसलमान का प्राप्त किया था वह अब समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकता है. जिससे समाजवादी पार्टी अब लाभ की स्थिति में है.

इन सारी सीटों पर प्रचार गुरुवार की शाम 5:00 बजे से समाप्त हो गया. पोलिंग पार्टियों शुक्रवार को मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो जाएंगी. यहां शनिवार को सुबह 7:00 से शाम 6:00 बजे तक मतदान होगा. इसके बाद में केवल एक चरण का चुनाव अगले शनिवार को बाकी रह जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश की सभी अच्छी सीटों पर जीत हासिल करने का है. इस राउंड में पिछली बार हमको चार सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. मगर इस बार हम यह सारी सीटें जीत लेंगे.

डुमरियागंज सीट पर कभी उत्तर प्रदेश में एक दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे जगदंबिका पाल भारतीय जनता पार्टी से लगातार तीसरी बार उम्मीदवार हैं. वह भी कांटे के संघर्ष में फंसे हुए बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके क्षेत्र में सभा करके कुछ मजबूती ज़रूर प्रदान की है.

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