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हल्द्वानी हिंसा को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, न्यायिक जांच की मांग

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 9, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Feb 9, 2024, 9:46 PM IST

Haldwani violence हल्द्वानी हिंसा को लेकर उत्तराखंड में सियासत गर्मा गई है. सभी पार्टियों की ओर से बयानों की बौछार हो रही है. इसी बीच आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. जिसमें AAP नेत्री उमा सिसोदिया ने CM धामी से इस्तीफा देने की मांग उठाई है.

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हल्द्वानी हिंसा को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक

हल्द्वानी: बनभूलपुरा में गुरुवार को हुई हिंसक घटना के बाद प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. इस हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है. इसी बीच आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई. मीटिंग में आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा सिसोदिया ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री धामी से इस्तीफा देने की मांग उठाई है. बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा, शीशपाल बिष्ट, भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, सीपीआई के वरिष्ठ नेता समर भंडारी, आप के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र आनंद, आप की वरिष्ठ नेत्री उमा सिसोदिया, समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में सुरेश यादव और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए.

आप नेत्री बोली सीएम धामी ने इस्तीफा:आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा सिसोदिया ने हल्द्वानी में हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था हल्द्वानी हिंसा को रोकने में विफल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी इस घटना को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं. वहां के एसएसपी और डीएम को तत्काल बर्खास्त किया जाए.

भाकपा माले के राज्य सचिव ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण:भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने हल्द्वानी हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन स्थितियों का आकलन करने में पूरी तरह विफल रहा है, इसलिए इतनी बड़ी हिंसक घटना घटी है. उन्होंने हल्द्वानी में हुई हिंसा की न्यायिक जांच और वहां के डीएम और एसएसपी को तत्काल हटाने मांग उठाई है.

इंद्रेश मैखुरी बोले अतिक्रमण हटाने की जल्दबाजी क्यों:इंद्रेश मैखुरी का कहना है कि इस प्रदेश में पहली बार ऐसे हालात पैदा हुए हैं, लेकिन शांति कायम करने के उपायों की बजाय सरकार और प्रशासन की भाषा एक पक्ष के लिए दिखाई दे रही है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब यह मामला अदालत में था, तब प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई.

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Last Updated :Feb 9, 2024, 9:46 PM IST

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