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मसूरी LBS अकादमी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, ट्रेनी आईएएस अधिकारियों को किया संबोधित - Jagdeep Dhankhar in LBS Academy

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 5, 2024, 9:29 PM IST

Vice President Jagdeep Dhankhar in Mussoorie, Jagdeep Dhankhar reached LBS Academy मसूरी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईएएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएए को लेकर भी विचार साझा किये. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा सीएए कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.

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मसूरी LBS अकादमी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

मसूरी: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज देहरादून पहुंचे. देहरादून पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मसूरी LBS अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने LBS अकादमी के व्यावसायिक पाठ्यक्रम के फेज एक के समापन पर 2023 बैच के आईएएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा युवा अधिकारी सेवाभाव और समानुभूति की भावना के साथ काम करें.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा भारत को समानता के मुद्दे पर किसी से उपदेश की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा 'कुछ देशों में अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं है, जबकि हमारे यहां ब्रिटेन से भी पहले एक महिला प्रधानमंत्री बनी'.उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में फैलाई जा रही झूठी कहानी और गलत सूचना के प्रति भी आगाह किया. जगदीप धनखड़ ने कहा सीएए न तो किसी भी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित करना चाहता है, न ही यह पहले की तरह किसी को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता है. उन्होंने बताया सीएए पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करता है.

2023 बैच के आईएएस अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने युवा दिमाग से ऐसे तथ्यात्मक रूप से अस्थिर राष्ट्र-विरोधी आख्यानों के रणनीतिक आयोजन का खंडन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा हमारे गौरवशाली और मजबूत संवैधानिक निकायों को कलंकित ना किया जाये. उन्होंने कहा हाल के वर्षों में शासन व्यवस्था बेहतर हुई है. उपराष्ट्रपति ने कहा विशेषाधिकार प्राप्त वंशावली अब गलियों में सड़ रही है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा शायद ही कोई सप्ताह गुजरता हो जब हमारी नौसेना ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को बचाने या समुद्री डकैती के पीड़ितों को बचाने के लिए काम नहीं किया हो. उन्होंने कहा प्रत्येक भारतीय को उनकी उपलब्धि पर गर्व होगा. उन्होंने कहा हमारी लोकतांत्रिक राजनीति के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों से उत्पन्न हो रही है जो लंबे समय से व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं, सत्ता के पदों पर रहे हैं. अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने आईएएस प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा लोग उन्हें आदर्श के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा, 'आपको ऐसे कार्यों से उदाहरण पेश करना होगा जो अनुकरणीय हों, युवा दिमागों को प्रेरित करें, किसी भी क्षमता में बड़ों की प्रशंसा प्राप्त करें' उन्होंने कहा हमारे सभ्यतागत मूल्यों को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत बताया.

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