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इसरो प्रमुख सोमनाथ बोले- अंतरिक्ष का मलबा भारत के लिए चिंता का विषय, तकनीक से करेंगे खत्म - ISRO Chairman Somanath

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 16, 2024, 6:01 PM IST

Updated : Apr 16, 2024, 9:26 PM IST

ISRO Chairman Somanath: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि आईएडीसी की बैठक में अंतरिक्ष के मलबे और उसकी चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. बैठक के नतीजों का विश्लेषण किया जाएगा और विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर.

ISRO Chairman Somanath
इसरो प्रमुख सोमनाथ

इसरो प्रमुख सोमनाथ का बयान

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने अंतरिक्ष के मलबे पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि चूंकि भारत के पास विशाल अंतरिक्ष संपत्ति है, इसलिए यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है. हालांकि उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और तकनीक की मदद से अंतरिक्ष में मलबे को कम किया जा सकता है.

बेंगलुरु में इंटर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) के चार दिवसीय सत्र के उद्घाटन के मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा, इसरो तीसरी बार आईएडीसी बैठक का आयोजन कर रहा है. बेंगलुरू में यह दूसरी बार बैठक आयोजित हो रही है. पिछले दिनों तिरुवंतपुरम में भी हमने बैठक की थी.

इसरो प्रमुख ने कहा कि आईएडीसी अंतरिक्ष एजेंसियों की वैश्विक समिति है. बैठक में अंतरिक्ष के मलबे और उसकी चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. अंतरिक्ष स्थिरता और कक्षीय प्रबंधन मुख्य चिंता का विषय है. अंतरिक्ष के मलबे को कम करने के लिए प्रौद्योगिकियों और विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस बैठक के नतीजों का विश्लेषण किया जाएगा और विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा.

गगनयान मिशन के संबंध में सोमनाथ ने कहा कि इस बहुप्रतीक्षित मिशन की तैयारी जोरों पर है. भविष्य के परीक्षणों की श्रृंखला की योजना बनाई गई है. इस साल हम पूरी तरह से मिशन पर काम करेंगे. उन्होंने कहा, अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम इस साल की दूसरी छमाही में अंतरिक्ष में पहला मानव मिशन लॉन्च करेंगे.

चंद्रयान-3 मिशन से प्राप्त डेटा की समीक्षा जारी
चंद्रयान-3 मिशन के संबंध में ईटीवी भारत के सवाल पर इसरो प्रमुख ने कहा कि हमने चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह मिशन पूरा हो गया है. हमने मिशन से प्राप्त सारा डेटा इकट्ठा कर लिया है, जिसकी समीक्षा की जा रही है. जल्द ही अंतिम नतीजा सामने आएगा.

उन्होंने कहा कि सोलर मिशन आदित्य-एल1 अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा. सूर्य मिशन लंबे समय तक अवलोकन करने वाला मिशन है जो बाकी मिशन से बहुत अलग है. हमने लंबे समय तक लगातार निरीक्षण किया है. उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर इजेक्शन के अंतरिक्ष मौसम पर प्रभाव और कई अन्य पहलुओं का अगले पांच वर्षों तक अध्ययन किया जाएगा. अपने स्वास्थ्य के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनका पूरा ध्यान सिर्फ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों पर है.

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Last Updated :Apr 16, 2024, 9:26 PM IST

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