दिल्ली

delhi

रक्तदान-महादान : कर्नाटक का एक गांव ऐसा भी...यहां हर घर में है रक्तदाता - karnataka Blood donors village

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 21, 2024, 3:19 PM IST

Blood donors village : रक्तदान को महादान कहा जाता है. आपके रक्तदान करने से किसी की जिंदगी बच सकती है. कर्नाटक का एक गांव रक्तदान के मामले में मिसाल है. यहां 520 से ज्यादा घर हैं. हर घर में कम से कम एक रक्तदाता है. पढ़िए पूरी खबर.

Blood donors village
रक्तदान-महादान

हावेरी:हावेरी का जल्लापुर गांव अपने रक्तदाताओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां गांव में 520 से अधिक घर हैं और प्रत्येक घर में कम से कम एक रक्तदाता है. गांव के युवाओं ने 'जीवनदाता समूह' नाम से एक ग्रुप बनाया है और लगातार रक्तदान कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के दौरान लिया सबक : गांव के लोगों ने कोरोना के दौरान मुश्किल वक्त का सामना किया. उस दौरान गर्भवती महिलाओं समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित कई लोगों की समय पर ब्लड न मिलने से मौत हो गई थी. इसी बात को समझते हुए जल्लापुर के ग्रामीणों ने तभी से रक्तदान करने का निर्णय ले लिया. गांव में एक ग्रुप बनाया गया और हर साल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है.

रक्तदान-महादान

सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जागरूक करने वाले बोर्ड :गांव के प्रमुख मंडलों और सार्वजनिक स्थानों पर रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक करने वाले बोर्ड लगे हुए हैं. विशेषकर ग्रामीण बस स्टैंड रक्तदान के हर पहलू की जानकारी देता है. रक्तदान क्यों महत्वपूर्ण है? यह कौन कर सकता है? इसे साल में कितनी बार करना चाहिए? इसके क्या फायदे हैं? किसे फायदा हो सकता है? समेत यहां बहुत सी बातें लिखी हुई हैं.

शुरुआत में रक्तदाताओं की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब 520 से अधिक हो गई है. 10 से अधिक बार रक्तदान करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है. इस गांव को हावेरी जिला अस्पताल में सबसे अधिक रक्त दान करने का भी गौरव प्राप्त है. रक्तदान के साथ-साथ विशेषकर प्लाज्मा, प्लेटलेट दान भी युवाओं द्वारा किया जाता है.

ऑर्गन डोनेट करने का भी दे रहे संदेश :यहां के लोग जीवनपर्यंत रक्तदान, मृत्यु के बाद नेत्रदान और अंगदान का संदेश फैला रहे हैं. रक्तदान शिविर के आयोजन के साथ-साथ इसके महत्व पर व्याख्यान कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं.

एक युवक सतीश गवली ने कहा, 'कोरोना के दौरान हमने सुना कि कई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के दौरान खून की कमी के कारण मौत हो गई. तभी गांव के सभी लोगों ने रक्तदान करने का निर्णय लिया. 2020 में पहला रक्तदान शिविर गांव से आयोजित किया गया था. कोरोना के कारण दूरी बनाए रखना भी जरूरी था. इस समय बड़ी सावधानी से 100 यूनिट रक्त एकत्र कर जिला अस्पताल भेजा गया. तभी से रक्तदान के साथ-साथ अंगदान करने का निर्णय लिया गया.'

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details