शीतला देवी शक्तिपीठ का नवरात्रि में है विशेष महत्व, पूर्ण होती है भक्तों की मनोकामना
कुमाऊं मंडल काठगोदाम स्थित पहाड़ी को चोटियों पर मां शीतला देवी माता का शक्तिपीठ (Shaktipeeth of Sheetla Devi Mata) है. ये श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. नवरात्रि में मां शीतला मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आकर मां शीतला की आराधना कर परिवार की सुख शांति की कामना करते हैं. जहां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है. खास बात यह है कि नवरात्रों को समय में इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त आकर भजन कीर्तन के माध्यम से मां शीतला का आराधना कर परिवार में निरोगी होने की कामना करते हैं. क्योंकि माता शीतला को आरोग्य और स्वच्छता की देवी माना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार 1892 में यहां भक्तों ने मां शीतला मंदिर की स्थापना की. आज यह मंदिर कुमाऊं मंडल के शक्तिपीठ मंदिरों में एक माना जाता है. मान्यता है कि मां शीतला आरोग्य और स्वच्छता का देवी हैं. उनके हाथों में सूप, कलश, झाड़ू और नीम के पत्ते धारण करती हैं. हल्द्वानी से 10 किलोमीटर ऊंची पहाड़ियों पर बने मां शीतला देवी का भव्य मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. वैसे तो हमेशा यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रों के समय में इस मंदिर का विशेष महत्व हो जाता है.