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तिलाड़ी कांडः जल-जंगल-जमीन के लिए राज परिवार का रक्तरंजित इतिहास, 20 लोगों की हुई थी नृशंस हत्या

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Published : May 30, 2019, 6:09 PM IST

Updated : May 30, 2019, 6:58 PM IST

तिलाड़ी कांड पर शहीदों को किया गया याद. 30 मई 1930 को उत्तरकाशी के तिलाड़ी में 20 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी. टिहरी राजशाही द्वारा अंजाम दिये गए इस नृशंस हत्याकांड को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं.

तिलाड़ी कांड.

उत्तरकाशी: 30 मई 1930 का दिन, जिसे आज भी उत्तरकाशी के लोग भूल नहीं पाते हैं. ये वो दिन था जब तिलाड़ी में 20 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा कई लोग ऐसे थे जो अपनी जान बचाने के लिए यमुना में कूद गये थे. टिहरी राजशाही द्वारा अंजाम दिये गए इस नृशंस हत्याकांड को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं. यह वह समय था जब टिहरी रियासत ने उत्तरकाशी, टिहरी सहित देहरादून के पछवादून चकराता आदि के इलाकों में वन सम्बन्धी हक हकूकों पर कर लगा दी थी. इसके अलावा राजशाही ने ग्रामीणों से खेतों और जंगलों पर से भी अधिकार छीन लिया था.

तिलाड़ी कांड.

टिहरी रियासत ने साल 1929-30 में वनों से राजस्व प्राप्त करने के लिए टिहरी राजशाही के अंतर्गत आने वाले उत्तरकाशी, रवांई परगना, टिहरी, चकराता, जौनसार बावर के ग्रामीणों के खेतों के मुनारों तक सीमांकन कर उनके वन संबंधी हक-हकूकों पर रोक लगा दी थी. साथ ही आग जलाने के प्रयोग में लाई जाने वाली लकड़ी पर भी टिहरी रियासत ने कर लगा दिया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने इन पाबंदियों का विरोध शुरू किया. जौनसार-बावर में ग्रामीणों की महापंचायत होने के बाद 30 मई 1930 को यमुना नदी के किनारे तिलाड़ी नामें तोक पर बैठक का आयोजन किया जा रहा था. जिसमें रवांई परगना और उत्तरकाशी के दसगी पट्टी के ग्रामीण शामिल थे. इस बैठक में राजशाही के नियमों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही थी.

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जैसे ही राजशाही परिवार को इसकी खबर मिली तो उन्होंने निहत्थे ग्रामीणों पर हमला कर दिया. इस घटना में 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि कई लोग अपनी जान बचाने के लिए यमुना नदी में कूद गये. इसके साथ ही कई लोग ऐसे थे जो कई दिनों तक जंगलों में भूखे-प्यासे भटकते रहे. आज भी राजशाही परिवार के अत्याचार का ये दिन याद करके लोगों का कलेजा मुंह को आ जाता है.

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बुधवार को बड़कोट नगरपालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत की अगुवाई में तिलाड़ी कांड के शहीदों की याद में शहीद दिवस मनाया गया. यमुनोत्री विधायक केदार रावत, डीएम डॉ. आशीष चौहान, एसपी पंकज भट्ट, नगरपालिका अध्यक्ष बाड़ाहाट रमेश सेमवाल ने पहुंचकर तिलाड़ी कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया. तिलाड़ी कांड के शहीदों को याद करते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि बड़कोट में शहीदों की याद में एक बड़ा शहीद स्मारक और शहीदों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इसके साथ ही एक म्यूजियम भी तैयार किया जाएगा.

Intro:हेडलाइन- आज भी नहीं भूल पाते हैं तिलाड़ी का दिन। उत्तरकाशी। 30 मई 1930 का दिन,जिसे आज भी उत्तरकाशी के लोग भूल नहीं पाते हैं। 20 लोगों की तिलाड़ी में ही नृशंस हत्या और उसके साथ ही कई लोग यमुना में कूद पड़े। तो कई जंगलो में भूखे प्यासे मर गए। टिहरी राजशाही के इस नृशंस हत्याकांड को आज भी लोग याद कर सिहर उठते हैं। यह वह समय था जब टिहरी रियासत ने उत्तरकाशी, टिहरी सहित देहरादून के पछवादून चकराता आदि इलाकों के ग्रामीणों के वन सम्बन्धी हक हकूकों पर कर लगा दिया गया था। तो साथ ही ग्रामीणों के खेतों के मुनरो तक राजशाही ने पूरी तरह अपना अधिकार जमा कर जंगलों में ग्रामीणों पर पाबन्दियां लगा दी गई थी।


Body:वीओ-1, टिहरी रियासत ने वर्ष 1929-30 में वनों से राजस्व प्राप्त करने के लिए टिहरी राजशाही के अंतर्गत आने वाले उत्तरकाशी,रवांई परगना, टिहरी, चकराता,जौनसार बावर के ग्रामीणों के खेतों के मुनारो तक सीमांकन कर ग्रामीणों के वन हक हकूकों को बंद कर दिया था। साथ ही आग जलाने के प्रयोग में लाई जाने वाली लकड़ी पर भी टिहरी रियासत ने कर लगा दिया था। उसके बाद ग्रामीणों ने इन पाबंदियों का विरोध शुरू किया। जौनसार बावर में ग्रामीणों की महापंचायत होने के बाद 30 मई 1930 को रवांई परगना और उत्तरकाशी के दसगी पट्टी के ग्रामीणों की बैठक बड़कोट के यमुना नदी किनारे तिलाड़ी नामें तोक में बैठक का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें राजशाही के नियमों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही थी।


Conclusion:वीओ-2, जैसे ही राजशाही को इसकी खबर मिली। तो उन्होंने निहथे ग्रामीणों पर अपने सेना से गोलीबारी करवा दी। जिसमे 20 लोगों की मौके पर ही मौत और साथ ही कई लोग यमुना में जान बचाने के लिए कूदे और बह गए। साथ ही कई लोगों ने जंगलों में भूख प्यास से जान गवाई। बुधवार को नगरपालिका पालिका अध्यक्ष बड़कोट अनुपमा रावत की अगुवाई में बड़कोट की और से तिलाड़ी कांड के शहीदों की याद में शहीद दिवस मनाया गया। जिसमें यमुनोत्री विधायक केदार रावत,डीएम डॉ आशीष चौहान,एसपी पंकज भट्ट, नगरपालिका अध्यक्ष बाड़ाहाट रमेश सेमवाल ने पहुंच कर तिलाड़ी कांड के शहीदों को श्रधांजलि दी। साथ ही शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। डीएम डॉ आशीष चौहान ने कहा कि तिलाड़ी कांड शहीदों की याद में एक बड़ा शहीद स्मारक और शहीदों की मूर्तियां स्थापित की जाएगी। साथ ही म्यूजियम तैयार किया जाएगा। बाईट- अनुपमा रावत,नगरपालिका अध्यक्ष, बड़कोट। बाईट- डीएम डॉ आशीष चौहान।
Last Updated :May 30, 2019, 6:58 PM IST
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