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लव जिहाद की आग में झुलसा, टनल हादसे से लेकर इन घटनाओं से सुर्खियों में रहा उत्तरकाशी

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 31, 2023, 3:33 PM IST

Updated : Dec 31, 2023, 6:26 PM IST

Uttarkashi Year Ender 2023
उत्तरकाशी ईयर एंडर 2023

Uttarkashi Big Incidents in 2023 नया साल का आगाज हो रहा है और साल 2023 विदा ले रहा है. अगर बीतते साल की बात करें तो उत्तरकाशी में ऐसी घटनाए हुईं, जिनकी वजह पूरे देश और दुनिया की नजरें उत्तरकाशी पर टिकी रही. सबसे पहले पुरोला में कथित लव जिहाद का प्रकरण हुआ. जिसकी वजह से कई जगह धरना प्रदर्शन हुए. इसके बाद सिलक्यारा टनल हादसा हुआ. जहां रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया के विशेषज्ञों के साथ मशीनरी को लाया गया. यह दुनिया का तीसरा और देश का पहला सबसे लंबा रेस्क्यू अभियान था. इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर सड़क हादसे, भूकंप के झटके, वन्यजीवों के हमले से लेकर कई घटनाएं हुईं. विस्तार से पढ़िए किस तरह की थी ये घटनाएं, जो बनी सुर्खियां...

उत्तरकाशी: आज साल 2023 विदा हो जाएगा. यह साल कई वजहों से सुर्खियों में रहा. खासकर उत्तरकाशी की बात करें तो यहां कई ऐसी घटनाएं हुई, जिसकी देश और दुनियां में चर्चाएं हुई. उत्तरकाशी की घटनाओं ने दुनिया का ध्यान खींचा. जिसमें सिलक्यारा टनल हादसा से लेकर कथित लव जिहाद और हादसे आदि रहे, जो इस बार टॉप ट्रेडिंग में रहे.

लव जिहाद से झुलसा पुरोला: उत्तरकाशी जिले में मई महीने में एक ऐसा मामला सामने आया है. जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की कगार पर पहुंचा. यह मामला था पुरोला में कथित लव जिहाद का. यह पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ था. जब पुरोला में एक समुदाय विशेष के युवक और उसके हिंदू दोस्त को कुछ लोगों ने पकड़ लिया था. आरोप था कि दोनों युवक पुरोला क्षेत्र से हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे.

Purola Love Jihad
कथित लव जिहाद के मामले को लेकर प्रदर्शन

गुस्साए लोगों ने दोनों युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. मामला यहीं पर नहीं थमा. इस मामले को हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बनाकर लव जिहाद से जोड़ दिया गया. जिससे मामला और गरमा गया. इतना ही नहीं लोगों ने बाहरी व्यापारियों और समुदाय विशेष के लोगों को निशाने पर ले लिया. 27 मई को दोनों युवकों की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने पुरोला में समुदाय विशेष के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

इतना ही नहीं इन लोगों को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे समुदाय विशेष के लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया. इसी बीच 4 जून की रात को हिंदूवादी संगठनों ने समुदाय विशेष के दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए. पोस्टर में धमकी भरे शब्दों में उन्हें जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की बात लिखी गई थी. इसके अलावा 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने की भी चेतावनी दी गई थी.

कथित तौर पर लड़की को भगाने का मामला चिंगारी की तरह पूरे उत्तरकाशी जिले में फैल गया. पहले पुरोला फिर मोरी में व्यापारी सड़कों पर उतरे. इसके बाद नौगांव और बड़कोट में लोगों ने बाहरी व्यापारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया. वहीं, चिन्यालीसौड़ और डुंडा में भी लोगों का हुजूम सड़कों पर उतरा. इतना ही नहीं भटवाड़ी से लेकर गंगोत्री में मामले को लेकर प्रदर्शन हुए. इस दौरान स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने बाहरी लोगों से दुकानें खाली करने की चेतावनी भी दी.
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समुदाय विशेष और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता देख बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद को भी पुरोला छोड़ना पड़ा. वे पुरोला स्थित अपनी दुकान से सारा सामान समेटकर परिवार समेत देहरादून आ गए. बिगड़ते माहौल और विरोध को देख अन्य समुदाय विशेष के लोगों ने भी दुकानें खाली कर दी. इन वो लोग भी शामिल थे, जो करीब 42 सालों से पुरोला में व्यापार कर रहे थे.

वहीं, हिंदू संगठनों ने 15 जून को पुरोला में महापंचायत का ऐलान कर दिया. जिसमें तमाम हिंदू संगठन और आम नागरिकों से जुटने की अपील भी की. इतना ही नहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी पुरोला प्रकरण में कूद गए. उन्होंने पुरोला में होने वाली महापंचायत पर रोक लगाने की मांग की. उधर, पुलिस ने पुरोला में धारा 144 लागू कर दिया. महापंचायत के दिन कुछ को हिरासत में लिया गया. तमाम प्रदर्शनों के बाद कहीं जाकर मामला ठंडा हुआ.

उत्तरकाशी से सामने आ गया दूसरा मामला: पुरोला प्रकरण के बीच दूसरा मामला उत्तरकाशी के आराकोट से सामने आ गया. जहां लोगों ने एक समुदाय विशेष के एक युवक को दो सगी बहनों के साथ पकड़ा. आरोप था कि युवक ने नाम बदलकर ऑनलाइन गेम के माध्यम से नेपाली मूल की दोनों बहनों को फंसाया. आरोप था कि युवक दोनों बहनों के साथ अश्लील बातें भी करता था.

दोनों बहनों को युवक महंगे फोन और दूसरी चीजें दिलवाने का लालच भी देता था. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का युवक दोनों बहनों को मुंबई में काम दिलवाने और शादी करने का झांसा भी दे रहा था. ऐसे में आरोपी युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. साथ ही गुस्साए लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया.

तीसरा मामला भी उत्तरकाशी से सामने आयाः पुरोला और आराकोट के बाद तीसरा मामला भी उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सामने आ गया. जहां बस अड्डे पर स्थानीय लोगों ने समुदाय विशेष के एक शख्स को नेपाली मूल की विवाहिता महिला के साथ पकड़ लिया. आरोपी कंडीसौड़ से विवाहिता से मिलने उत्तरकाशी आया था. उसका सत्यापन भी नहीं हुआ था. लोगों का गुस्सा तब बढ़ गया, जब उसने महिला को अपनी पत्नी बता दिया, लेकिन महिला ने शख्स को पहचानने से ही इनकार कर दिया. ऐसे में लोगों ने उसे उत्तरकाशी पुलिस के हवाले कर दिया.
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मोरी में दलित युवक की पिटाई: मोरी ब्लॉक के सालरा गांव में मंदिर में कथित तौर पर प्रवेश करने पर एक दलित युवक को रात भर बंधक बनाकर जलती लकड़ी से पीटने का मामला भी सामने आया. मामले में पीड़ित पक्ष ने 5 सवर्ण लोगों के खिलाफ मोरी थाने में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पांचों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. सवर्ण लोगों का आरोप था कि इस घटना से मंदिर की गरिमा और आस्था को ठेस पहुंची. साथ ही मंदिर में नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया.

उधर, पीड़ित का आरोप था कि गांव के ही 5 सवर्ण जाति के लोगों ने जलती लकड़ी और अंगारों से उसे रात भर पीटा. जिसकी वजह से वो बेहोश हो गया. जब सुबह के समय होश आया तो वो नग्न अवस्था में था. ऐसे में उसने भागकर अपनी जान बचाई. मामले में पंचायत भी बुलाई गई. माहौल खराब न हो, इसके लिए गांव में फोर्स भी तैनात की गई. सीओ ऑपरेशन प्रशांत कुमार को जांच सौंपी गई. वहीं, कुछ दिनों बाद आरोपियों को छोड़ दिया गया. इससे पहले आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था.

उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 लोग, 17 दिन बाद बाहर निकले: उत्तरकाशी में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पुरी दुनिया का ध्यान खींचा. जहां यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सुरंग में भू धंसाव हो गया. यह घटना 12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे हुई थी. जिसमें टनल में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. ये मजदूर नाइट शिफ्ट में काम कर रहे थे, जिनकी शिफ्ट दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी. ऐसे में सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए काफी उत्साहित थे, लेकिन इससे पहले ही सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग धंस गई. जहां 3-4 मजदूरों ने तो भाग कर अपनी जान बचाई, लेकिन 41 लोग सुरंग के अंदर ही फंस गए.

Uttarkashi Tunnel Collapsed
सिलक्यारा में टनल हादसा

वहीं, मजदूरों के रेस्क्यू के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. इतना ही नहीं मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन को लाया गया, लेकिन यह मशीन भी नाकाम हो गई. टनल हादसे के 17 दिन बाद यानी 28 नवंबर को को 'रैट माइनर्स' ने सुरंग में फंसे 41 लोगों का सकुशल बाहर निकाला. इन रैट माइनर्कस ने 900 एमएम की पाइप के जरिए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला. इसमें ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स की भी सहायता ली गई. यह दुनिया का तीसरा और देश का पहला सबसे लंबा रेस्क्यू अभियान का था.
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सड़क हादसे में कई पर्यटकों की गई जान: गंगोत्री नेशनल हाईवे पर 20 अगस्त को गुजरात के यात्रियों से भरी बस गंगनानी के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में 7 यात्रियों की मौके पर मौत हो गई थी. जबकि, अन्य लोग घायल हो गए. इस बस में 35 यात्री सवार थे. इससे पहले 11 जुलाई को गंगोत्री हाईवे पर ही मलबा आने से 4 यात्रियों की दबकर मौत हो गई. जबकि, करीब 27 लोगों का रेस्क्यू किया गया. इस हादसे में भारी बरसात के बीच पहाड़ी से मलबा सीधे वाहनों के ऊपर आ गिरा था. जिसमें यात्रियों ने अपनी जान गंवाई. जबकि, कई लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई. इसके अलावा भी कई हादसे हुए, जिसमें कई लोग घायल और कई लोगों ने जान गंवाई.

Uttarkashi Bus Accident
गंगनानी में पर्यटकों की बस गिरी

उत्तरकाशी में ये घटनाएं भी चर्चाओं में रही: पुरोला और मोरी क्षेत्र से अवैध रूप से पेड़ काटने का मामला भी सामने आया. जांच में पता चला कि बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों पर आरियां चलाई गई. लिहाजा, इस मामले में पुरोला में तो डीएफओ, प्रभारी एसडीओ और रेंजर्स तक भी सस्पेंड कर दिए. मामले में विभागीय एसआईटी के जांच भी दिए गए. वहीं, वन्यजीवों के हमले की घटनाएं भी सामने आई. जहां धराली में भालू के हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई तो चिन्यालीसौड़ में ग्रामीण पर गुलदार ने हमला किया.

Uttarkashi Accident
पर्यटकों की गाड़ी पर गिरा मलबा

उधर, स्यालना में भालू के हमले में बुजुर्ग किसान घायल हुआ. इसके अलावा मोरी क्षेत्र में बकरी चुगाकर वापस लौट रहे ग्रामीण पर भालू ने हमला कर घायल किया. ये वन्यजीव की घटनाएं हैं, जो सामने आई. इसके अलावा कई घटनाएं ऐसी ही जो सामने नहीं आ पाई. वहीं, इस बार कई बार उत्तरकाशी की धरती भूकंप के झटकों से डोली. उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के बाद उत्तरकाशी में कई बार भूकंप के झटके आए, गनीमत रही कि कोई जनहानि इस बार नहीं हुई.

Last Updated :Dec 31, 2023, 6:26 PM IST
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