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पहाड़ों में हो रही बारिश से टिहरी झील का बढ़ा जलस्तर, बिजली उत्पादन में भी हो रही बढ़ोतरी

पहाड़ों में हो रही बारिश से टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस साल जून में टिहरी झील का जलस्तर न्यूनतम 741 आरएल मीटर तक पहुंच गया था.

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Published : Jun 27, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 1:55 PM IST

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पहाड़ों में हो रही बारिश से टिहरी झील का बढ़ा जलस्तर

टिहरी: एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील का जलस्तर लगातार हो रही बारिश के चलते बढ़ने लगा है. जिससे टिहरी बांध परियोजना से विद्युत उत्पादन में लगभग 7 हजार से अधिक यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

झील में प्रतिवर्ष 90 मीटर का होता है उतार-चढ़ाव: 42 किलोमीटर तक फैली टिहरी बांध की झील में प्रतिवर्ष 90 मीटर का उतार-चढ़ाव होता है. जिसमें लगभग हर वर्ष फरवरी के बाद से जलस्तर में कमी के साथ जलस्तर घटने लगता है. जिससे टिहरी झील का स्तर न्यूनतम 740 आरएल मीटर तक पहुंचता है. उस समय बिजली का उत्पादन लगभग 4 से 5 हजार यूनिट होता है. इस वर्ष के जून में टिहरी झील का जलस्तर न्यूनतम 741 आरएल मीटर तक पहुंच गया था. जिससे इस बार लगभग 4 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन हो पाया है.

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टिहरी झील के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी

बिजली उत्पादन में धीरे-धीरे हो रही बढ़ोतरी: आजकल पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. भागीरथी नदी से 240.50 क्यूमेक्स और भिलंगना नदी से 102.77 क्यूमेक्स और सहायक नदियों से 109.55 क्यूमेक्स पानी झील में आ रहा है. यानी टिहरी झील से 260 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है. जलस्तर में वृद्धि होने के साथ अब विद्युत उत्पादन में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है.

अधिशासी निदेशक ने कही ये बात: टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से टिहरी झील के जलस्तर में, जो बढ़ोतरी होती है. उससे कहीं ना कहीं विद्युत उत्पादन में तेजी आती है.वहीं, जैसे-जैसे बिजली की डिमांड आती है. उस आधार पर टरबाइनो का संचालन किया जाता है और उनको डिमांड के अनुसार बिजली प्रदान की जाती है. ऐसे में उम्मीद है कि बढ़ते जलस्तर से विद्युत उत्पादन भी बढ़ेगा.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ धाम में मौसम का कहर, अलकनंदा और मंदाकिनी नदी ने लिया विकराल रूप

जुलाई अंतिम सप्ताह और अगस्त में जब झील का जलस्तर अधिकतम 830 आरएल मीटर पहुंच जाता है, तब टिहरी बांध से प्रतिदिन अधिक से अधिक 25 से 30 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि टिहरी झील का जलस्तर समुद्र तल से 744.03 मीटर है और 30 जून तक जल स्तर मिनिमम और 30 सितंबर तक मैक्सिमम होता है और अधिकतम टिहरी झील का जलस्तर 830 आरएल मीटर तक पहुंचता है.
ये भी पढ़ें: देवभूमि आने से पहले पढ़ें ये खबर, आज से तीन दिन तक होगी मूसलाधार बारिश

पहाड़ों में हो रही बारिश से टिहरी झील का बढ़ा जलस्तर

टिहरी: एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील का जलस्तर लगातार हो रही बारिश के चलते बढ़ने लगा है. जिससे टिहरी बांध परियोजना से विद्युत उत्पादन में लगभग 7 हजार से अधिक यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

झील में प्रतिवर्ष 90 मीटर का होता है उतार-चढ़ाव: 42 किलोमीटर तक फैली टिहरी बांध की झील में प्रतिवर्ष 90 मीटर का उतार-चढ़ाव होता है. जिसमें लगभग हर वर्ष फरवरी के बाद से जलस्तर में कमी के साथ जलस्तर घटने लगता है. जिससे टिहरी झील का स्तर न्यूनतम 740 आरएल मीटर तक पहुंचता है. उस समय बिजली का उत्पादन लगभग 4 से 5 हजार यूनिट होता है. इस वर्ष के जून में टिहरी झील का जलस्तर न्यूनतम 741 आरएल मीटर तक पहुंच गया था. जिससे इस बार लगभग 4 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन हो पाया है.

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टिहरी झील के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी

बिजली उत्पादन में धीरे-धीरे हो रही बढ़ोतरी: आजकल पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. भागीरथी नदी से 240.50 क्यूमेक्स और भिलंगना नदी से 102.77 क्यूमेक्स और सहायक नदियों से 109.55 क्यूमेक्स पानी झील में आ रहा है. यानी टिहरी झील से 260 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है. जलस्तर में वृद्धि होने के साथ अब विद्युत उत्पादन में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है.

अधिशासी निदेशक ने कही ये बात: टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से टिहरी झील के जलस्तर में, जो बढ़ोतरी होती है. उससे कहीं ना कहीं विद्युत उत्पादन में तेजी आती है.वहीं, जैसे-जैसे बिजली की डिमांड आती है. उस आधार पर टरबाइनो का संचालन किया जाता है और उनको डिमांड के अनुसार बिजली प्रदान की जाती है. ऐसे में उम्मीद है कि बढ़ते जलस्तर से विद्युत उत्पादन भी बढ़ेगा.
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जुलाई अंतिम सप्ताह और अगस्त में जब झील का जलस्तर अधिकतम 830 आरएल मीटर पहुंच जाता है, तब टिहरी बांध से प्रतिदिन अधिक से अधिक 25 से 30 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि टिहरी झील का जलस्तर समुद्र तल से 744.03 मीटर है और 30 जून तक जल स्तर मिनिमम और 30 सितंबर तक मैक्सिमम होता है और अधिकतम टिहरी झील का जलस्तर 830 आरएल मीटर तक पहुंचता है.
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Last Updated : Jul 17, 2023, 1:55 PM IST
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