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अंकिता भंडारी केस: इन सवालों से नहीं उठ रहा पर्दा, जवाब देने से कतरा रहे जिम्मेदार

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Published : Sep 29, 2022, 7:21 PM IST

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अंकिता भंडारी के हत्यारे (Ankita Bhandari murder case) भले ही आज सलाखों के पीछे हों, लेकिन कुछ सवालों से भी अभीतक पर्दा नहीं उठ पाया है. अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder mystery) से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनसे अभी पर्दा उठना बाकी है. इन सवालों की वजह से पुलिस-प्रशासन से लेकर सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े रहे हैं.

देहरादून: 19 साल की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की मौत (Ankita Bhandari murder case) के मामले में भले ही पुलिस ने वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य (Ankita killer Pulkit Arya) और उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया हो. लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं, जो जिनका जवाब अभी तक भी नहीं मिल पाया (ankita bhandari murder mystery) है. इस मामले में गठित की गई एसआईटी (Special Investigation Team) भी अभीतक भंवर में फंसे कुछ सवालों के जवाब नहीं ढूंढ़ पाई है.

आधी रात को किसने चलाया बुलडोजर: अंकिता भंडारी हत्याकांड के जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यही है कि वनंत्रा रिसॉर्ट पर आधी रात को किसके कहने पर और किसने बुलडोजर जलाया. दरअसल, 18 सितंबर को अंकिता भंडारी रिसॉर्ट से लापता हुई थी. 19 सितंबर को राजस्व पुलिस यानी पटवारी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई थी. पढ़ें- वनंत्रा रिजॉर्ट में होता था नशे का धंधा! शराब पार्टी का वीडियो वायरल

नहीं दे पा रहा कोई जवाब: करीब 4 दिन तक भी जब अंकिता का कुछ पता नहीं लगा तो मामला 22 सितंबर को पौड़ी जिले के लक्ष्मण थाने को ट्रांसफर किया गया. वहीं 23 सितंबर को पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 23 सितंबर की रात को वनंत्रा रिसॉर्ट को बुलडोजर से तोड़ दिया गया, जहां पर अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी. सवाल इसीलिए भी खड़ा हो रहा है, क्योंकि जिस कमरे में अंकिता रहती थी. वहां पर ज्यादा तोड़फोड़ की गई है. तब से लेकर अभीतक इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि किसके आदेश पर रिसॉर्ट तोड़ा गया.

सबूत तो नष्ट नहीं किए गए?: इस मामले में पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे से लेकर प्रशासन के अन्य अधिकारी भी लगातार अपना बयान बदल रहे है. वहीं, ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की वजह से वहां मौजूद कई सबूत नष्ट हो गए है, जो इस केस में अहम कड़ी साबित हो सकते थे.
पढ़ें- ये कैसी जांच? अंकिता हत्याकांड में अंधेरे में SIT का 'वैभव', पटवारी के सीने में दफन हैं कई राज

क्या कहते है जानकार?: उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी रहे आलोक बी लाल बताते हैं कि इस तरह के मामलों में कई तरह के साक्ष्य फॉरेंसिक टीम को जुटाने पड़ते हैं. जैसे कमरे में मौजूद बाल, कपड़े और यहां तक मुंह का लार भी जांच में इस्तेमाल होता है. सवाल यह खड़ा हुआ कि आखिरकार इतनी जल्दबाजी बुलडोजर चलाने में किसे थी.

अधिकारियों को भी नहीं थी खबर: वहीं, इस मामले में जब पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. जिलाधिकारी ने इस मामले पर जांच भी बैठाई है. अगले दिन रिसॉर्ट के आसपास कार्रवाई करने पहुंचे एसडीएम प्रमोद ने भी इस मामले में कार्रवाई की बात कर रहे थे. उनका भी कहना था कि प्रशासन ने इस तरह की किसी भी कार्रवाई का आदेश नहीं दिया था. फिर सवाल यही खड़ा होता है कि आखिर वो कौन है, जिसके कहने पर बिना कागजी कार्रवाई के ही बुलडोजर चलाया गया.
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दूसरा बड़ा सवाल: अंकित भंडारी हत्याकांड से जुड़ा बड़ा सवाल जिसका जवाब अभीतक नहीं मिला है, वो है कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलने के बाद वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल क्यों तैनात नहीं किया गया? क्योंकि 23 सितंबर रात को बुलडोजर से रिसॉर्ट तोड़ा गया. वहीं, 24 सितंबर को दिन में गुस्साएं लोगों ने रिसॉर्ट के पीछे हिस्से में पुलकित कार्य की फैक्ट्री में आग लगा दी थी. यहां पर भी यही सवाल खड़ा हो रहा है कि फैक्ट्री में की गई आगजनी से भी कई सबूत नष्ट हो गए होगे.

इस केस के जुड़ा सबसे अहम सवाल: अंकित भंडारी हत्याकांड में तीन आरोपियों के अलावा एक और नाम पर है, जिस पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे है, वो है पटवारी वैभव प्रताप का. पटवारी वैभव को वैसे तो प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है. बताया गया कि राजस्व क्षेत्र उदयपुर तल्ला-2 के राजस्व उप निरीक्षक वैभव प्रताप को 19 सितंबर को ही अंकिता के लापता होने की जानकारी मिल गई थी, लेकिन वैभव प्रताप ने अपने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी. वह 20 सितंबर से 23 सितंबर तक पिता के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर चले गए थे. वैभव प्रताप आखिर क्यों पुलकित आर्य पर इतना महरबान था. अभीतक एसआईटी ने वैभव प्रताप से पूछताछ क्यों नहीं की.

रिसॉर्ट का कर्मचारी प्रफुल्ल कहां गया? अंकित भंडारी हत्याकांड में रिसॉर्ट के कर्मचारी प्रफुल्ल से एसआईटी को बड़ी जानकारी मिल सकती है. कई ऐसे राज हैं जो प्रफुल्ल के सीने में दफन हैं, लेकिन अंकित भंडारी की मौत के बाद से ही प्रफुल्ल का कुछ अता पता नहीं है.
पढ़ें- आरोपियों का इकबाल-ए-जुर्म, बीजेपी नेता के बेटे ने अंकिता भंडारी को दिया था नहर में धक्का

अंकिता के पिता ने कहा था कि जिस रात उनकी बेटी के साथ बदतमीजी और छेड़छाड़ हुई थी, उस रात वहां रिसॉर्ट का एक कर्मचारी प्रफुल्ल भी मौजूद था. उसने इस घटना का वीडियो बनाया था. ऐसी भी जानकारी है कि प्रफुल्ल ने वो वीडियो किसी को सेंड भी किया था, लेकिन इस घटना के बाद प्रफुल्ल का कुछ भी पता नहीं है. उसने वीडियो क्यों बनाई और किस सेंड की, इसकी जानकारी भी अभीतक एसआईटी नहीं जुटा पाई है. प्रफुल्ल इस कांड में एक पहेली बनकर रह गया है.

मुख्य आरोपी पुलकित का मोबाइल कहां?: पुलिस ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तार के बाद मीडिया से बात की थी. जिसमें पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के आधार पर बताया था कि 18 सितंबर देर शाम को पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, अंकित गुप्ता और अंकिता तीनों ऋषिकेश गए थे. वहीं बीच रास्ते में चीला नहर के पास पुलकित आर्य और अंकिता के बीच बहस हुई थी. इस दौरान अंकिता ने पुलकित का फोन नहर में फेंक दिया था. तभी गुस्से में आकर उन्होंने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. लेकिन अभीतक पुलिस उस फोन की तलाश नहीं कर पाई है.

वहीं आरोपियों और पुलिस की इसी कहानी से एक और सवाल निकलता है. दरअसल, अंकिता के गायब होने के बाद उसके दोस्त पुष्प ने पुलकित को फोन किया था, जो ऑडियो वायरल भी हो रहा है. वायरल ऑडियो में पुलकित खुद कह रहा है कि उसका फोन अंकिता ने ले रखा था. पूरी रात उसका फोन अंकिता के पास था. वहीं दूसरा सवाल ये है कि जब अंकित ने पुलकित का फोन नहर में फेंक दिया तो पुष्प ने पुलकित के किस नंबर पर कॉल किया. ऐसे कई सवाल है कि जो अंकित भंडारी हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के बचाए उलझा रहे हैं. वहीं इन सवालों की वजह से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे है.

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