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ये कैसी जांच? अंकिता हत्याकांड में अंधेरे में Sit का 'वैभव', पटवारी के सीने में दफन हैं कई राज

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Published : Sep 29, 2022, 11:26 AM IST

Updated : Sep 29, 2022, 2:23 PM IST

अंकिता भंडारी मर्डर केस मामले में एसआईटी महज अंधेरे में हाथ पांव मार रही है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि एसआईटी की टीम पूर्व में जुटाए गए तथ्यों के इतर कुछ नया खुलासा करती नजर नहीं आ रही है. अगर इसमें सही से तफ्तीश की जाए तो सबसे बड़ी भूमिका पटवारी वैभव प्रताप की मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि पटवारी के सीने में कई राज दफन हैं. जिसे इस केस का अहम कड़ी माना जा रहा है.

Patwari Vaibhav Pratap
पटवारी वैभव प्रताप की भूमिका

ऋषिकेशः अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) की तफ्तीश में जुटी एसआईटी जांच अब सवालों के घेरे में है. हत्याकांड के खुलासे के वक्त ही मौजूद सबूतों के आधार पर एसआईटी की जांच आगे बढ़ रही है. मामले में संदिग्ध सस्पेंड राजस्व उपनिरीक्षक यानी पटवारी वैभव प्रताप की भूमिका की जांच को लेकर एसआईटी गंभीर नहीं है. जबकि, जिला प्रशासन पटवारी की भूमिका की जांच कर रहा है. एसआईटी के हालिया बयानों पर गौर करें तो वो सिर्फ लक्ष्मणझूला थाने के एसएसआई के जुटाए तथ्यों के सहारे ही है.

पुराने सबूतों के भरोसे एसआईटी: दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता हत्याकांड की जांच के लिए डीआईजी पी रेणुका देवी की अगुवाई में एसआईटी का गठन मामले के हर पहलू को उजागर करने के लिए किया था. बावजूद इसके एसआईटी अभी तक की जांच में हत्याकांड के पहले के ही उपलब्ध सबूतों के इतर कुछ नया खुलासा करती नजर नहीं आई है. दिलचस्प ये है कि वारदात में संदिग्ध पटवारी (राजस्व उपनिरीक्षक) वैभव प्रताप की जांच तो दूर एसआईटी उसका नाम तक सुनने को तैयार नहीं है. जबकि, खुद पौड़ी जिले के मुखिया यानी कलेक्टर विजय कुमार जोगदंडे पटवारी के छुट्टी पर होने के बावजूद न सिर्फ उसे सस्पेंड कर चुके हैं, बल्कि पटवारी वैभव के खिलाफ उन्होंने जांच तक बैठा दी है.

अंकिता हत्याकांड में अंधेरे में SIT का 'वैभव'.

निलंबित पटवारी वैभव प्रताप से पूछताछ की जरूरत: सूत्रों की मानें तो हत्याकांड में सस्पेंड पटवारी वैभव प्रताप भी एक अहम किरदार है. पूछताछ में उससे कई नए खुलासे होने की संभावना है. बावजूद इसके एसआईटी ने जांच दायरा सिर्फ मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और सौरभ भास्कर के साथ अंकित गुप्ता तक ही सीमित कर दिया है. वनंत्रा रिजॉर्ट पर चले बुलडोजर को लेकर भी एसआईटी में शामिल अफसर बचाव की मुद्रा में दिख रहे हैं. हर बार यही दावा किया जा रहा है कि पहले से ही तमाम साक्ष्य सुरक्षित हैं.
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रिजॉर्ट में वेश्यावृत्ति कराने के दबाव की जांच नहीं: बावजूद रिजॉर्ट पर बुलडोजर (Bulldozer Vanantra Resort) चलने के बाद भी घंटों एफएसएल टीम के साथ एसआईटी की तफ्तीश समझ से परे है. रिजॉर्ट में वेश्यावृत्ति कराने के लिए अंकिता पर दबाव के एंगल की भी जांच को लेकर भी खामोशी है. जबकि, पुलिस के शुरूआती खुलासे में इसका जिक्र है. आरोपियों की रिमांड के लिए अदालत में आवेदन नहीं करने की भी एसआईटी की दिलचस्पी नहीं है.

खानापूरी थी प्रेस कॉन्फ्रेंस: एएसपी शेखर सुयाल (ASP Shekhar Suyal) की बुधवार की प्रेसवार्ता में साक्ष्य उपलब्ध होने के साथ सोशल मीडिया में वायरल जानकारियों और वीडियो का खंडन भी सवालों में है. जाहिर है कि एसआईटी सिर्फ कुछ सबूतों के साथ तय वक्त में चार्जशीट अदालत में दाखिल करने को ही प्राथमिकता मान बैठी है. पहले से ही गिरफ्तार हत्याकांड के आरोपियों के अलावा ऐसा कोई नया खुलासा अभीतक नहीं हुआ है. जिससे साबित हो कि यह एसआईटी की बदौलत है. ऐसे में सवाल है कि लक्ष्मण झूला पुलिस की जांच और सबूत पर एसआईटी टिकी है तो फिर टीम का गठन ही क्यों किया गया?

पटवारी वैभव प्रताप पर शक की सुई: पटवारी वैभव प्रताप (Patwari Vaibhav Pratap) पर लगातार शक की सुई मंडरा रही है. अगर एसआईटी वैभव से पूछताछ करने के साथ साथ उसकी सीडीआर और घटना के दौरान फोन लोकेशन की जांच करती तो शायद काफी कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते थे और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता, लेकिन एसआईटी सिर्फ आरोपियों के बताए घटना स्थल पर चक्कर लगा रही है.

सभी पटवारियों से हो रही पूछताछः अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में एसआईटी प्रभारी पी रेणुका देवी का कहना है कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर में राजस्व पुलिस क्षेत्र के सभी राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों से एसआईटी पूछताछ कर रही है. आरोपी पुलकित आर्य का रिजॉर्ट यमकेश्वर तहसील के अंतर्गत आता है.
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राजस्व विभाग की लापरवाही: दरअसल, 18 सितंबर को वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Case) रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता (Ankita Bhandari missing) हुई. 19 सितंबर को रिजॉर्ट मालिक आरोपी पुलकित आर्य ने कांडाखाल चौकी पर तैनात राजस्व पुलिस के उपनिरीक्षक (पटवारी) वैभव प्रताप को इसकी सूचना देने का नाटक किया.

वैभव प्रताप ने अंकिता के पहचान संबंधी दस्तावेजों के आधार पर इस बाबत उसके परिजनों से भी संपर्क किया. बावजूद, गुमशुदगी दर्ज करने से पहले ही वह चार दिन की छुट्टी पर चला गया. 20 सितंबर को चौकी का चार्ज पटवारी विवेक कुमार को दिया गया. विवेक कुमार ने तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर ली. कुछ-कुछ घंटों में बदलते गुमशुदगी के इस मामले में 21 सितंबर को राजस्व पुलिस ने यह मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर करने की सिफारिश डीएम पौड़ी को भेजी.

कलेक्टर ने भी तत्काल एक्शन लेते हुए अगले ही दिन 22 सितंबर को मुकदमा रेगुलर पुलिस यानी लक्ष्मणझूला पुलिस को ट्रांसफर भी कर दिया. पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा करते हुए रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर अंकिता की हत्या का खुलासा भी कर दिया.
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Last Updated : Sep 29, 2022, 2:23 PM IST
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