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जोशीमठ जाएंगे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, ज्योर्तिमठ की दीवारों पर भी आई दरारें

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Published : Jan 6, 2023, 8:05 PM IST

कल जोशीमठ जाएंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
कल जोशीमठ जाएंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कल 7 जनवरी को जोशीमठ (Swami Avimukteshwaranand will go to Joshimath) के लिए रवाना होंगे. जोशीमठ पहुंचकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) जोशीमठ के हालात का जायजा लेंगे. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया उन्होंने जोशीमठ के संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. ज्योर्तिमठ का दीवारों में भी दरारें आई है.

जोशीमठ जाएंगे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

हरिद्वार: जोशीमठ में लगातार भू धंसाव (Landslide in Joshimath) हो रहा है. जिसको लेकर संत समाज भी चिंतित हैं. इसी कड़ी में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी जोशीमठ के हालात पर चिंता जताई है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा जोशीमठ में जो भी हालात हैं वह चिंताजनक हैं. यही कारण है कि उन्होंने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा वे खुद हालात का जायजा लेने के लिए जोशीमठ जाएंगे.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को जोशीमठ के हालात के बारे में पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने जोशीमठ के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सकारात्मक पहल करने की मांग की है. उन्होंने जोशीमठ को नुकसान पहुंचाने वाले कारणों का पता लगाने और जोशीमठ जैसे ऐतिहासिक नगर को बचाने की अपील भी की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद फिलहाल कल अपने जोशीमठ आश्रम के लिए हरिद्वार से रवाना होंगे.
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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया स्वयं ज्योर्तिमठ में बहुत सी दीवारों में दरारें आ गई हैं. जमीन भी अपनी जगह छोड़ रही है. इतना ही नहीं नरसिंह भगवान के मंदिर पर भी दीवारों में दरारें आने लग गई हैं. वहीं सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल बनाने के मामले पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा बदरीनाथ और हमारे ज्योतिष मठों को क्यों पर्यटक स्थल बनाया जा रहा है? यह देवभूमि है, यहां पर धन की पूजा होती है. धर्म स्थलों को पर्यटक स्थल नहीं बनाया जाता. उन्होंने कहा पर्यटन और तीर्थाटन करने वालों की मानसिकता में बहुत बड़ा अंतर होता है. इसलिए हम मांग करते हैं कि उत्तराखंड में प्रत्येक पर्यटन मंत्रालय के साथ-साथ तीर्थाटन मंत्रालय भी स्थापित किया जाए.
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वहीं, मिश्रा समिति की रिपोर्ट पर बोलते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा जब कोई विद्वान आपकी सुरक्षा के लिए कोई बात या फिर अध्ययन करके किसी चीज को समाज के सामने रखता है तब उसकी बातों को समझा नहीं जाता. उसे हंसी में उड़ा दिया जाता है. उन्हें विकास के विरोधी बताया जाता है, बल्कि विकास के नाम पर जो विनाश होने की संभावनाएं होते हैं उस विकास के विरोधी हम हैं.
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