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शीतकालीन सत्र संपन्न, महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक हुए पास, करीब 14 घंटे चला सदन

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Published : Nov 30, 2022, 10:19 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 6:34 AM IST

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में (uttarakhand assembly winter session) दो विधेयक पास (Two bills passed in the assembly) हुए हैं. सदन में महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित (Anti conversion bill passed in Uttarakhand) हुए. अब ये दोनों जल्द ही कानून बन जाएंगे, जिसके लिए सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी.

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विधानसभा में दो विधेयक पास

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र (uttarakhand assembly winter session) संपन्न हो गया है. दो दिन तक चले इस सत्र में कार्यवाही काफी हंगामेदार रही. इस दौरान विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में छह नए विधेयक रखे गए. वहीं, पहले दिन सदन के पटल पर दस विधेयक आए थे. इनमें से दो विधेयक आज पास हुए. पास होने वाले विधेयकों में महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Anti conversion bill passed in Uttarakhand) शामिल रहे. विधेयक पास होने के बाद अब ये दो कानून बन गए हैं. जल्द ही इन्हें लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.

वहीं, आज 30 नवंबर सदन में आज छह नए विधेयक रखे गए. जिसमें राजकीय सेवाओं में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने वाला विधेयक प्रमुख रहा. जिसे चर्चा के बाद पास कर दिया गया. क्षैतिज आरक्षण का लाभ उस महिला अभ्यर्थी को मिलेगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, लेकिन उसने अन्य कहीं कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है.

महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर हुआ ऐतिहासिक फैसला.
पढे़ं- उत्तराखंड में धर्मांतरण एक्ट के बाद कड़े होंगे कानून, सीएम धामी ने कही ये बात

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी अध्यक्षता में महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण बिल पास हुआ है. उन्होंने कहा कि इस अधिकार की लड़ाई लंबे समय से उत्तराखंड की महिलाएं लड़ी रही थी. उन्होंने कहा कि यह क्षैतिज आरक्षण बिल महिलाओं को सशक्त बनाने में कारगर साबित होगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. मैं सभी को इसके लिए बधाई देती हूं.

क्या है 30 फीसदी महिला क्षैतिज आरक्षण का मामला?

  1. उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 18 जुलाई, 2001 से आरक्षण मिलना शुरू हुआ था.
  2. तब 20 फीसदी आरक्षण से इसकी शुरूआत हुई थी.
  3. 24 जुलाई, 2006 में इसमें बढ़ोत्तरी करते हुए 30 फीसदी कर दिया गया था.
  4. UKPSC EXAM में उत्तराखंड की महिलाओं को जनरल कोटे (अनारक्षित श्रेणी) से 30% आरक्षण मिलता था.

2021 में आया टर्निंग प्वाइंट

  1. 2021 में लोक सेवा आयोग की उत्तराखंड सम्मिलित प्रवर सेवा परीक्षा हुई.
  2. इसी वर्ष यानी 2021 में रिजल्ट घोषित हुआ.हरियाणा की एक महिला अभ्यर्थी पवित्रा चौहान इसके खिलाफ हाईकोर्ट चली गई थी.
  3. पवित्रा का तर्क था कि उसके नंबर उत्तराखंड की स्थानीय अभ्यर्थी से ज्यादा थे लेकिन उसे बाहर किया गया.
  4. पवित्रा ने कहा- ये आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14, 16,19 और 21 के विपरीत है.

धर्मांतरण विरोधी विधेयक हुआ पारित: धर्मांतरण विरोधी विधेयक के पारित होने के बाद सीएम धामी ने इस पर बयान दिया. सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में इस कानून से प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कानून से सभी को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी का अधिकार मिलेगा. सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण कानून के अस्तित्व में आते ही ये अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आ जाएगा.

क्या होगा प्रावधान: उत्तराखंड में यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे दो महीने पहले जिलाधिकारी को अर्जी देनी होगी. धर्म परिवर्तन करने की अर्जी देने के 21 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को डीएम के समक्ष पेश होना पड़ेगा. इसके अलावा जबरन धर्मांतरण की शिकायत कोई भी व्यक्ति दर्ज कर सकता है. प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को सदन पटल पर रखा है. इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है.

इस अधिनियम के लागू होने के बाद दोषी पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है, जो पीड़ित को दिया जाएगा. विधेयक के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बल, प्रलोभन या कपटपूर्ण साधन द्वारा एक धर्म से दूसरे में परिवर्तित करने का प्रयास नहीं करेगा. कोई व्यक्ति ऐसे धर्म परिवर्तन के लिए उत्प्रेरित या षडयंत्र नहीं करेगा.

सदन में इन विधेयको पर लगी मुहर:

  • बंगाल, आगरा और आसाम सिविल न्यायालय ( उत्तराखंड संशोधन एवं अनुपूरक उपबन्ध ) विधेयक 2022 हुआ पास.
  • उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन ( रोजगार विनियमन एवं सेवा शर्त ) संशोधन विधेयक 2022 हुआ पारित. .
  • पेट्रोलियम विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक सदन में हुआ पास .
  • उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को भी सदन में हुआ पास.
  • भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक को भी सदन में हुआ पारित.
  • उत्तराखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक को भी सदन में हुआ पास.
  • उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध ( संशोधन ) विधेयक 2022 को भी सदन में हुआ पारित.
  • उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक 2022 को सदन में हुआ पारित.
  • उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2022 सदन में हुआ पास.
  • हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक 2022 को भी हुआ पारित.
  • उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक 2022 भी हुआ पारित.
  • उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) (संशोधन) विधेयक 2022 भी हुआ पारित.

619 प्रश्न मिले: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस पार 619 प्रश्न प्राप्त हुए थे, जिनमें से 44 अल्पसूची प्रश्न और तारांकित/अतारांकित प्रश्न 575 प्राप्त हुए. 13 अल्पसूचित प्रश्न स्वीकार हुए, उनमे से एक प्रशन उत्तरित हुआ. इसी प्रकार 171 तारांकित प्रश्न स्वीकार हुए उनमें से 33 प्रश्न उत्तरित हुए. 375 अतारांकित प्रश्न में से 120 प्रश्न उत्तरित हुए.

उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901) (संशोधन) अध्यादेश 2022 सदन के पटल पर रखा गया. साथ ही इस सत्र में कुल 14 विधेयक उत्तराखंड विनियोग विधेयक सहित पारित हुए. इस सत्र की मुख्य विशेषता यह है कि उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 सर्वसम्मति से पारित हुआ. यह प्रदेश की सभी महिलाओं के लिए अत्यंत हर्ष एवं गौरव का विषय है. इस सत्र में छह विधेयक पुन:स्थापित किए गए. इस सत्र में दो विधेयक सरकार द्वारा वापस लिए गए, जिनमें से एक उत्तराखंड पंचायती राज (द्वितीय) संशोधन विधेयक 2021 है और कारखाना (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2019 है.

सदन के पटल पर 10 प्रतिवेदन रखे गए: इस सत्र में नियम 300 की कुल 30 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें से 26 को स्वीकृत किया गया. इसी प्रकार 53 की कुल 22 सूचना प्राप्त हुई, जिनमें से 2 को वक्तव्य के लिए और केवल वक्तव्य के लिए 2 को स्वीकृत किया गया, अन्य 13 सूचनाओं को सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए भेजा गया. नियम 58 की 13 सूचनाएं प्राप्त हुई उनमें से 6 को ग्राह्यता पर सुना गया. 2 सूचनाओं को सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए भेजा गया. इसी प्रकार नियम 310 की कुल 2 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनको नियम 58 में ग्राह्यता पर सुना गया. दो दिवसीय सत्र में सदन की कार्यवाही कुल 13 घंटे 47 मिनट चली.

Last Updated :Dec 1, 2022, 6:34 AM IST
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