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100 करोड़ का भूमि घोटाला: राजस्व अफसरों की मिलीभगत की आशंका, आरोपी संजीव के पास हैं 18 लग्जरी गाड़ियां

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Published : Jan 8, 2022, 7:55 AM IST

special task force uttarakhand
उत्तराखंड एसटीएफ

देहरादून में 100 करोड़ का भूमि घोटाले का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और सेबी (SEBI) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर भू माफियाओं ने राजधानी में 100 करोड़ का भूमि घोटाला कर डाला. ऐसे में इस घोटाले में उत्तराखंड एसटीएफ (STF) द्वारा ED (Enforcement Directorate ) को दर्ज मुकदमे की कॉपी और जांच के दस्तावेज भेजे गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि ईडी जल्दी इस संबंध में जांच कर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. आरोपी संजीव मलिक के पास 18 लग्जरी गाड़ियां हैं.

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट और सेबी (SEBI) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर भू माफियाओं ने राजधानी में 100 करोड़ का भूमि घोटाला कर डाला. इस घोटाले में राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है. माना जा रहा है कि यह भूमि घोटाला बिना रजिस्ट्रार जैसे कर्मियों की मिलीभगत के संभव नहीं है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिस डिफॉल्टर कंपनी के भूमि और संपत्तियों के खसरा नंबर रजिस्ट्री के लिए प्रतिबंधित किए गए थे उनकी रजिस्ट्री बिना सत्यापन के कैसे हो गई. जबकि तीन बार उत्तराखंड जनरल रजिस्ट्रार हेड को प्रतिबंधित सीज भूमियों के खसरा नंबर सहित लिखित आदेश पारित किए हैं.

ऐसे में सील जमीनों से जुड़े घोटाले में उत्तराखंड एसटीएफ (STF) द्वारा ED (Enforcement Directorate ) को दर्ज मुकदमे की कॉपी और जांच के दस्तावेज भेजे गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि ईडी जल्दी इस संबंध में जांच कर बड़ी कार्रवाई कर सकती है.

100 करोड़ का भूमि घोटाला

समय पर भूमाफियाओं का पर्दाफाश न होता तो अरबों की संपत्ति भी ठिकाने लग जाती: एसटीएफ

सेबी और सुप्रीम कोर्ट के बनाए फर्जी दस्तावेज: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ के अजय सिंह ने बताया कि डिफॉल्टर कंपनी पीएसीएल और पीजीएफ से जुड़े 100 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले का अगर समय पर पर्दाफाश न किया जाता तो कई सौ करोड़ की और प्रॉपर्टियों को भी ये कंपनी ठिकाने लगा देती. एक बहुत बड़े संगठित आपराधिक भू माफिया गिरोह द्वारा बड़े ही शातिर तरीके से सुप्रीम कोर्ट और SEBI के फर्जी दस्तावेज बनाकर यह घोटाले किए गए हैं. भू माफियाओं द्वारा यह करोड़ों का गोरख धंधा चल रहा था.

65 आरोपी भेजे जा चुके हैं जेल: एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह के मुताबिक डिफॉल्टर पीजीएफ और पीएसीएल कंपनियों के संबंध में पहले ही कंपनी फर्जीवाड़े में लगभग 65 अभियुक्त सीबीआई द्वारा जेल भेजे जा चुके हैं. हाल ही में कंपनी के 11 अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है. ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा डिफॉल्टर दोनों कंपनियों की भूमि और संपत्तियां सील कि गई तो इसके प्रॉपर्टी संबंधित खसरा नंबर जिन्हें सील किया था उसके रजिस्ट्री प्रतिबंधित होने के आदेश भी उत्तराखंड जनरल रजिस्ट्रार हेड को वर्ष 2016-17 और फिर 2021 में जारी हुए हैं. इसी आदेश को लेकर उत्तराखंड शासन और राजस्व विभाग रजिस्ट्रार कार्यालय तक को डिफॉल्टर कंपनी के प्रॉपर्टी रजिस्ट्री प्रतिबंधित वाले सर्कुलर भी तीनों बार जारी हो चुके हैं. इसके बावजूद भू-माफियाओं द्वारा 100 करोड़ से अधिक की सील संपत्तियों का रजिस्ट्री करा फर्जीवाड़ा हुआ.

रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारियों-अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका: वहीं, 100 करोड़ से अधिक की सरकारी और गैर-सरकारी जमीनों के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े को लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि इसमें निचले स्तर से लेकर रजिस्ट्रार तक की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है. जिस सीज प्रॉपर्टी का आदेश वर्ष 2016 से 2021 तक 3 बार प्रतिबंधित खसरा नंबर के रूप में जारी हो चुका है, उन प्रॉपर्टिओं का सत्यापन किए बिना कैसे उनकी रजिस्ट्री रजिस्ट्रार ऑफिस द्वारा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई नियमानुसार जब भी किसी सीज प्रॉपर्टियों को खसरा नंबर दर्शाकर रजिस्ट्री के लिए प्रतिबंधित किया जाता है उसका सर्कुलर के अलावा आदेश भी हर रजिस्ट्रार ऑफिस से लेकर संबंधित राजस्व कर्मचारी के पास मौजूद होता है.

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इससे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भू माफियाओं के साथ मिलीभगत कर राजस्व कर्मियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट और SEBI से धोखेबाजी की गई है. यह बहुत बड़े स्तर का संगठित अपराध है. ऐसे में देश की सर्वोच्च न्यायपालिका को ठगने वाले आरोपियों के खिलाफ संबंधित जांच एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ताकि इस तरह के गंभीर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके.

आरोपी के पास हैं 18 लग्जरी गाड़ी: सुप्रीम कोर्ट और SEBI के फर्जी दस्तावेज आदेश तैयार कर डिफॉल्टर PGF और PACL कंपनी की सीज प्रॉपर्टियों को ठिकाने लगाने वाले गिरोह के सरगना संजीव मलिक के पास 18 लग्जरी गाड़ी मौजूद थीं. एसटीएफ जांच के मुताबिक Mercedes-Benz से लेकर कीमती गाड़ियों के शौकीन संजीव के खिलाफ अधिकांश कार कंपनियों ने गाड़ियों की कीमतें न चुकाने की शिकायतें भी दर्ज कराई हैं.

अभी तक 11 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी: जानकारी के मुताबिक इस 100 करोड़ के जमीन घोटाले के मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई है. इसके अलावा इस बड़े संगठित गिरोह में कई लोग शामिल हो सकते हैं. उत्तराखंड एसटीएफ की ओर से लगातार जांच की जा रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अभी कई और लोग गिरफ्तार हो सकते हैं.

100 करोड़ के भूमि घोटाले में देहरादून पुलिस पर उठ रहे सवाल: एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक 100 करोड़ से अधिक के इस भूमि घोटाले में 6 माह पहले देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन बताया जा रहा है कि थाने स्तर पर इस मामले को दबाते हुए कोई कानूनी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. ऐसे में देहरादून पुलिस पर भी इस घोटाले को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि अब संबंधित नेहरू कॉलोनी थाने के तत्कालीन प्रभारी पर भी गाज गिर सकती है.

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