ETV Bharat / state

ऊर्जा विभाग में दो मुद्दे बने गले की फांस, बैकफुट पर आ सकती है सरकार

author img

By

Published : Aug 1, 2021, 1:37 PM IST

Updated : Aug 1, 2021, 1:43 PM IST

प्रदेश में मुफ्त बिजली दिए जाने की चर्चाएं इन दिनों चारों तरफ है. सभी राजनीतिक पार्टियां मुफ्त बिजली दिए जाने जैसी घोषणाएं कर रही हैं, लेकिन हकीकत ठीक उलट है.

dehradun news
ऊर्जा विभाग

देहरादून: प्रदेश में इन दिनों मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे से चुनावी सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे सभी राजनीतिक दल इन दिनों फ्री बिजली के वादे पर सवार होकर 2022 विधानसभा चुनाव जीतने का सपना संजो रहे हैं. उत्तराखंड में भाजपा सरकार ऊर्जा विभाग के दो बड़े मुद्दों को लेकर बैकफुट पर आ सकती है, खास बात यह है कि इन दोनों ही मामलों को लेकर खुद ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत सहमति जता चुके हैं. लेकिन अब कर्मचारियों की मांग और फ्री बिजली से जुड़े ये विषय अब उनके गले की फांस बन सकते हैं.

ऊर्जा कर्मचारियों ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के जरिए सरकार की चिंताएं बढ़ाई थी, हालांकि ऊर्जा मंत्री ने नई जिम्मेदारी का हवाला देकर कर्मचारियों से 1 महीने का वक्त ले लिया लेकिन सरकार के सामने इन कर्मचारियों की 1 महीने में मांगें पूरी करना आसान नहीं है. दरअसल, इन कर्मचारियों की 14 सूत्री मांगें हैं और इसमें कर्मचारियों को समान काम के बदले समान वेतन समेत कई ऐसी मांगें हैं. जिन्हें इतनी जल्दी पूरा करना सरकार के लिए मुमकिन नहीं होगा.

ऊर्जा विभाग में दो मुद्दे बने गले की फांस.

ऐसे में अगर कर्मचारियों पर सरकार दबाव बनाती है तो ऊर्जा कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल की राह भी पकड़ सकते हैं. चिंता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि, चुनाव नजदीक हैं और ऐसे मौके पर सरकार हड़ताल और आंदोलन के जरिए अपने विरोध में माहौल बनता नहीं देखना चाहेगी.

पढ़ें-UTTARAKHAND: बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार, सर्वे में सामने आई हकीकत

हालांकि, ऊर्जा कर्मचारी कहते हैं कि उनकी कोई भी ऐसी मांग नहीं है, जिसे पूरा नहीं किया जा सकता. बशर्ते सरकार इन मामलों में थोड़ा गंभीरता दिखाए. ऊर्जा मंत्री और सरकार के सामने दूसरी बड़ी चुनौती 100 मिनट फ्री बिजली देने की भी है. वहीं, ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी पहली बैठक में इस बात की घोषणा कर दी है और अब घोषणा करने के बाद से पीछे हटना मुश्किल होता दिख रहा है.

पढ़ें-उत्तराखंड शासन में बड़ा फेरबदल, 34 आईएएस अधिकारियों के हुए तबादले

जबकि, मौजूदा बयानबाजी से यह साफ है कि मुख्यमंत्री और सरकार यह नहीं चाहती कि प्रदेश में फ्री बिजली की व्यवस्था लोगों के लिए की जाए. भाजपा की तरफ से भी फ्री योजनाओं के खिलाफ बयान दिए जाते रहे, लिहाजा हरक सिंह रावत के कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के बयान के बाद इस वादे को सरकार की तरफ से पूरा किया जाना थोड़ा मुश्किल दिखाई दे रहा है.

Last Updated : Aug 1, 2021, 1:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.