देहरादूनः उत्तराखंड के जोशीमठ में दरार और भू धंसाव की स्थिति विकट हो चुकी है. शासन प्रशासन से लेकर तमाम सरकारी अमला जोशीमठ में डटा है. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मौजूदा स्थिति की अपडेट दी है. साथ ही पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर खड़ी हो रही कन्फ्यूजन की स्थिति पर भी स्पष्ट जवाब दिया है.
जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या 760 हुईः आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ में लगातार धंस रही जमीन और घरों में पड़ रही दरारों के ताजा हालातों की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि अभी तक 760 घरों को चयनित किया गया है, जिनमें दरारें पाई गई हैं. इनमें से 128 भवन बेहद असुरक्षित जोन में हैं. जिन्हें प्राथमिकता से लिया जा रहा है.
वहीं, अभी तक 169 परिवारों को विस्थापित कर सुरक्षित जगह पर ले जाया जा चुका है. जिसमें तकरीबन लोगों की संख्या 589 है. इसके अलावा उन्होंने अस्थायी रूप से बनाए जा रहे राहत शिविर और जोशीमठ में अस्थायी रूप से विस्थापन के लिए मौजूद भवनों व उनकी क्षमता के बारे में भी जानकारी दी.
राहत राशि और मुआवजे का पूरा विवरणः जोशीमठ में हर पीड़ित परिवार को डेली खर्च के लिए 5000 रुपए की राशि दी जा रही है. जिसमें अभी तक 73 परिवारों को 3.65 लाख रुपए दी जा चुकी है. यह राशि सभी को दी जानी है. एसडीआरएफ के मानकों के तहत तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त प्रति भवन के लिए 1.30 लाख की राशि दी जा रही है. अभी तक 10 परिवारों को कुल 13 लाख रुपए दिए जा चुके हैं. यह राशि एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार दी जा रही है.
वहीं, शुरुआत में 3 परिवार ऐसे थे, जो खतरे को देखते हुए खुद दूसरी जगह पर अपनी व्यवस्था पर चले गए थे. उन्हें वहां रहने के लिए 4 हजार रुपए का किराया दिया जा रहा है. किराया राहत शिविरों में रहने वालो को नहीं दिया जा रहा है, लेकिन किराए पर रहने वाले बाकी सभी प्रकार के मुआवजे के पात्र हैं, डेली खर्च वाले 5 हजार रुपए के भी पात्र हैं.
सरकार की ओर से की गई स्पेशल पुनर्वास पैकेज की घोषणा के तहत एडवांस दिए जा रहे 1 लाख रुपए की राशि सभी को दी जाएगी, जो बाद में असेसमेंट में एडजस्ट की जाएगी. वो भी अभी तक 42 परिवारों को 42 लाख रुपए दी जा चुकी है. यह राशि भी अभी फिलहाल सभी को दी जाएगी. बाद में आकलन के बाद कुल मुआवजे में से घटाई जाएगी.
वहीं, जोशीमठ में हर एक पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से अपने सामान की ढुलाई और बाकी जरूरी खर्चों समेत अन्य जरूरतों के लिए प्रति परिवार ग्रांट के रूप में 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. जिसके तहत अभी तक 42 परिवारों को 21 लाख रुपए बांटे जा चुके हैं.
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