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मसूरी शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों का धरना, प्रशासन ने दिए खाली करने के निर्देश

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Published : Dec 12, 2019, 3:50 PM IST

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मसूरी शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों का धरना

शिफन कोर्ट लाइब्रेरी से प्रशासन द्वारा नगरपालिका की भूमि पर अनाधिकृत रूप से रह रहे 80 परिवारों को हटाए जाने का निर्देश दिया है.जिसके विरोध में 80 परिवार सड़क पर उतर आए हैं.

मसूरी: शिफन कोर्ट लाइब्रेरी से प्रशासन द्वारा नगरपालिका की भूमि पर अनाधिकृत रूप से रह रहे 80 परिवारों को 31 दिसंबर के बाद हटाए जाने का निर्देश दिया हैं. जिसके विरोध में शिफन कोर्ट में सभी 80 परिवारों साथ राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य द्वारा प्रशासन के खिलाफ धरना दिया. साथ ही सरकार पर गरीब लोगों के उत्पीड़न का आरोप लगाया. वहीं, गुरुवार को लोगों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

मसूरी शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों का धरना

वहीं, परिवार के सदस्यों ने कहा कि किसी भी हाल में बिना विस्थापन अपने घर को खाली नहीं करेंगे. और 25 से 30 दिसंबर तक मसूरी में आयोजित होने वाले मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का विरोध किया जाएगा.

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कांग्रेसी नेता उपेंद्र थापली ने कहा कि अगर सरकार द्वारा शिफन कोर्ट में रह रहे परिवारों को विस्थापित नहीं किया जाता तो वह पुरुकुल में अपनी जमीन पर पुरुकुल रोप-वे के पिलरो नही लगने देंगे. पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि परिवारों को हटाने से पहले विस्थापित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 2022 तक देश के सभी गरीबों को छत देने की बात कर रही है. परंतु मसूरी में गरीब लोगों की छत को छीनने का काम किया जा रहा है. ऐसे में भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर है, जो प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिला रहा है.

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नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ओपी उनियाल ने कहा कि मजदूरों की बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव था. पालिका द्वारा ₹70 लाख रुपये भी स्वीकृत कर दिए गए थे. परंतु किसी कारणवश बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो पाया. पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि शिफन कोर्ट की जमीन से नगरपालिका का कोई लेना-देना नहीं है. वह शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों के साथ है. वहीं, मजदूर नेता देवी गोदियाल और केदार सिंह चौहान ने कहा कि सरकार मजदूरों और गरीबों का उत्पीड़न कर रही है.

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मसूरी से शिफन कोर्ट लाइब्रेरी से शासन और प्रशासन द्वारा नगरपालिका की भूमि पर अनाधिकृत रूप से रह रहे 80 परिवारों को 31 दिसंबर के बाद हटाए जाने के विरोध में शिफन कोर्ट में निवास कर रहे सभी 80 परिवारों के सदस्य के साथ राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य द्वारा मसूरी के शहीद स्थल पर शासन प्रशासन के खिलाफ धरना देकर सरकार पर गरीब लोगों 0 का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया वहीं उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की सभी पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने कहा कि वह किसी भी हाल में बिना विस्थापन अपने घर को खाली नहीं करेंगे
धरने का समर्थन कर रहे लोगों ने कहा कि अगर शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों को हटाए जाने की कार्रवाई की जाती है तो 25 से 30 दिसंबर तक मसूरी में आयोजित होने वाले मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का विरोध किया जाएगा
पुरुकुल गांव निवासी कांग्रेसी नेता उपेंद्र थापली ने कहा कि अगर सरकार द्वारा शिफन कोर्ट में रह रहे परिवारों को विस्थापित नहीं किया जाता तो वह पुरुकुल में अपनी जमीन पर पुरुकुल रोपवे के पिलरो नही लगने देंगे


Body:पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि उनके कार्यकाल में शिफन कोर्ट में रह रहे सभी परिवारों का चिन्हीकरण कर सरकार को करीब 80 परिवारों को विस्थापित करने के प्रस्ताव भेजा गया था ऐसे में सरकार को पहले सभी परिवारों को हटाने से पहले विस्थापित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 2022 तक देश के सभी गरीब को छत देने की बात कर रही है परंतु मसूरी में गरीब लोगों की छत को छीनने का काम किया जा रहा है ऐसे में भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर है जो प्रत्यक्ष रूप से मसूरी में देखने को मिल रहा है मसूरी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ओपी उनियाल ने कहा कि उनके समय पर शिफन कोर्ट में मजदूरों की बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव था जिसके लिए पालिका द्वारा ₹70 लाख रुपये भी स्वीकृत कर दिए गए थे परंतु किसी कारणवश बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो पाया उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शासन से बिल्डिंग में रह रहे 24 परिवारों को विस्थापित करने की मांग की गई थी जिस पर सरकार द्वारा काम भी किया जा रहा है
मसूरी पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि शिफन कोर्ट की जमीन से नगरपालिका का कोई लेना देना नहीं है उन्होंने कहा कि 6 साल पहले पालिका द्वारा शिफन कोर्ट की भूमि को पर्यटन विभाग को दे दी गई थी ऐसे में पर्यटन विभाग सरकार को शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों को हटाने से पहले विस्थापित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि नगरपालिका शिफन कोर्ट में रह रहे सभी लोगों के साथ है


Conclusion:मसूरी मजदूर नेता देवी गोदियाल और केदार सिंह चौहान ने कहा कि सरकार मजदूरों और गरीबों का उत्पीड़न कर रही है ऐसे में पूर्व में सरकार के जनप्रतिनिधियों और विधायक ने शिफन कोर्ट में रह रहे हैं सभी परिवारों को विस्थापित करने का आश्वासन दिया था वह एकाएक 80 परिवारों को हटाया जाना गलत है जिसका विरोध किया जाएगा उन्होंने कहा कि अगर शिफन कोर्ट में रह रहे 80 परिवारों को विस्थापित नहीं किया जाता तो मसूरी में 25 से 30 दिसंबर तक चलने वाले मसूरी विंटर लाइन कार्निवल का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा और मसूरी में आने वाले मंत्री और नेताओं का घेराव किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
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