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स्वच्छता सर्वेक्षण 2022: फीडबैक में देहरादून फिसड्डी, रुद्रपुर की हालत सबसे खराब

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Published : May 5, 2022, 10:43 AM IST

Swachh Survekshan 2022
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 (Swachh Survekshan 2022) के लिए जनता से जो फीडबैक लिया गया है, उसमें उत्तराखंड के लोगों ने कोई खास उत्साह नहीं दिखाया है. नगर निगम देहरादून (Dehradun Municipal Corporation) की मात्र तीन फीसदी आबादी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए अपना फीडबैक दिया (people give feedback for Swachh Survekshan 2022) है. सबसे ज्यादा बुरा हाल रुद्रपुर नगर निगम का है.

देहरादून: नगर निगम देहरादून (Dehradun Municipal Corporation) में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 (Swachh Survekshan 2022) के लिए कुल आबादी के महज तीन प्रतिशत लोगों ने सफाई व्यवस्था को लेकर फीडबैक दिया (people give feedback for Swachh Survekshan 2022) है. पिछले साल के मुकाबले इस बार 94 फीसदी कम लोगों ने फीडबैक दिया है. फीडबैक देने में देहरादून पिछले साल जहां पहले नंबर पर रहा था, तो इस बार तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

ये स्थिति तब है जब स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान नगर निगम की टीमों ने सिटीजन फीडबैक करवाने के लिए वार्डों में जाकर लोगों से खुद अपील की और उन्हें स्वच्छता सर्वेक्षण में फीडबैक देने का तरीका भी बताया था. लेकिन ओटीपी की जानकारी साझा करने से ज्यादातर लोगों ने इंकार कर दिया. हालांकि इसका एक बड़ा कारण ये भी बताया जा रहा है कि जब से सिटीजन फीडबैक लिया जा रहा है, तब से अब तक करीब 20 से 25 दिन साइट बंद भी रही है, जिसके कारण सिटीजन फीडबैक कम आया है. हालांकि नगर निगम की टीम स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. वही केंद्र से दो टीमें भी शहर का सर्वे कर चुकी हैं.
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सिटीजन फीडबैक का आंकड़ा

नगर निगम 2022 का फीडबैक 2021 का फीडबैक
हरिद्वार 25,268 45,389
काशीपुर 24,810 39,707
देहरादून 18,678 3,20,876
रुड़की 15039 1,25,029
हल्द्वानी 11,12459,988
रुद्रपुर 10,188 63,096

उत्तराखंड के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून में फीडबैक देने वालों की संख्या 18,678 ही पहुंची है, जिसमें 18 साल से अधिक आयु के लोग फीडबैक दे सकते थे. 2018 में निकाय चुनाव में देहरादून में 06 लाख 28 हजार वोटर थे. इस हिसाब से यह आकड़ा सिर्फ 2.97 प्रतिशत ही है. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक कम आने का सबसे बड़ा कारण ओटीपी जनरेट न होने की समस्या रही है.

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक कम आने के दो कारण हैं. पहला कारण है कि जब पोर्टल खुला था तो शुरुआत से ही पोर्टल में दिक्कत आ रही थी. पोर्टल में ओटीपी जनरेट होने में समस्या आ रही थी, जिसकी वजह से सिटीजन के पास ओटीपी नहीं आ रहा था और आने में भी समय लग रहा था. इस कारण सिटीजन अपना फीडबैक नहीं दे पा रहे थे. दूसरा सबसे बड़ा कारण था कि फीडबैक के समय पर पोर्टल कभी एक-एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक सर्वर डाउन होने के कारण नहीं चल पाया था.

हालांकि पिछली बार से इस बार फीडबैक कम हैं, लेकिन जो फीडबैक आए हैं, वो काफी अच्छे आए हैं. सीनियर सिटीजन की तरफ से जो फीडबैक आई हैं, उनकी रैंकिंग काफी अच्छी है. साथ ही देहरादून में ओडीएफ की टीम आ चुकी है और वह सर्वे कर चुकी है. इसके अलावा जीएफसी की टीम भी आ चुकी है, जिसने अपना सर्वे पूरा कर लिया है. उम्मीद है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून नगर निगम अच्छी रैंकिंग हासिल करेगा.

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