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पर्वतमाला योजना: उत्तराखंड में मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम होगा मजबूत, गंगा कॉरिडोर में होगी ऑर्गेनिक खेती

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Published : Feb 1, 2022, 4:26 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 10:52 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना चौथा बजट पेश किया. बजट में बताया गया कि 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं को लागू किया जाएगा. वहीं, बजट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पहाड़ी राज्यों के लिए पर्वतमाला स्कीम की शुरुआत हो रही है. इसके साथ ही बजट में गंगा किनारों के 5 किलोमीटर एरिया में ऑर्गेनिक खेती के लिए कॉरिडोर बनाने की भी घोषणा की गई है.

Aam Budget 2022
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

देहरादून: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना चौथा बजट पेश किया. बजट में क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को लेकर अहम घोषणाएं की गईं. इसके साथ ही वित्तमंत्री ने पहाड़ी राज्यों के लिए पर्वतमाला योजना (Parvatmala Yojana) और भारतमाला प्रोजेक्‍ट (Bharatmala Project) को लेकर अहम घोषणाएं कीं.

पर्वतमाला योजना की घोषणा: निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्‍प जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हों, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों मे पर्वतमाला रोप-वे चलाए जाने की योजना है. FY23 में 8 नई रोप-वे का ऑर्डर दिया जाएगा. 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं को लागू किया जाएगा. वहीं, गंगा किनारों के 5 किलोमीटर एरिया में ऑर्गेनिक खेती का गलियारा बनाने की बात करके चुनावी राज्य उत्तराखंड की 70 सीटों पर माइलेज लेने की कोशिश की है. हालांकि यह योजना 2016 से राष्ट्रीय गंगा मिशन के तहत चल रही है और बहुत से किसानों को इसका लाभ भी मिला है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के आकार में 25 हजार किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा. सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और आगामी वित्त वर्ष में करीब 25 हजार किलोमीटर राजमार्ग को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

उत्तराखंड में रोपवे प्रोजेक्ट्स की स्थिति: उत्तराखंड में कई रोपवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहे हैं और कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. उत्तराखंड में जिन इलाकों में सड़क कनेक्टिविटी संभव नहीं है, वहां पर रोपवे के माध्यम से जोड़ने का काम लगातार किया जा रहा है. चारधाम यात्रा को मजबूती देने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक भी रोपवे प्रोजेक्ट योजना प्रस्तावित है. इसके अलावा मसूरी-देहरादून रोपवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. धनौल्टी में सुरकंडा देवी रोपवे प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है.

पर्वतमाला योजना पर बोले पीएम.

दुनिया की सबसे बड़ी रोप-वे परियोजना: केंद्र के प्रयासों से उत्तराखंड सरकार ने दुनिया के सबसे लंबे रोप-वे के सपने को सच करने की कवायद शुरू कर दी है. अगर यह सपना सच हुआ तो समुद्र तल से 11,500 फीट की ऊंचाई पर 11.5 किलोमीटर लंबा रोप-वे उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ धाम में बनेगा. यह रोप-वे यकीनी तौर पर तीर्थ यात्रियों के लिए मददगार होगा और जिस तीर्थ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को करीब पूरा दिन लगाना पड़ता था, वह सिर्फ एक घंटे में संपन्न हो सकेगी. अभी गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर का पैदल सफर करना होता है, जिसमें पूरा दिन लग जाता है. लेकिन सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोप-वे बनने से यह सफर सिर्फ एक घंंटे में तय हो जाएगा.

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एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोप-वे: देहरादून-मसूरी के बीच बनने वाला रोप-वे देश का सबसे लंबा (5.5 किमी) तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोप-वे होगा. यह हांगकांग के गोंगपिंग 360 (5.7 किमी) से महज सौ मीटर ही छोटा है. रोपवे बनने के बाद पर्यटक 15 से 18 मिनट में देहरादून से मसूरी पहुंच जाएंगे. इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ सुरक्षित एवं पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा.

ये हाईवे प्रोजेक्ट हैं शामिल: सड़क परिवहन मंत्रालय 25,000 किलोमीटर का रोड नेवटर्क तैयार कर करेगा. इसमें भारतमाला प्रोजेक्‍ट, ग्रीन कॉरिडोर, इकॉनोमिक कॉरिडोर और एक्‍सप्रेसवे शामिल हैं. इसके अलावा करीब 16 हजार किलोमीटर रोड नेटवर्क स्‍वयं सड़क परिवहन मंत्रालय तैयार कराएगा. सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 12,500 किलोमीटर रोड का निर्माण कराया था. हर दिन औसतन 37 किमी रोड का निर्माण किया जा रहा है.

बजट पर बोले पीएम: वहीं, बजट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के साथ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के लिए पर्वतमाला स्कीम की शुरुआत हो रही है. इससे इन राज्यों में मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, कनेक्टिविटी का आधारभूत ढांचा बनेगा और सीमावर्ती गांव सुदृढ़ होंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि गंगा के किनारों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2021 तक उत्तराखंड में गंगा किनारे जैविक खेती 50,840 हेक्टेयर भूमि पर हो रही थी.

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उत्तराखंड में भारतमाला प्रोजेक्ट की स्थिति: भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) भारत सरकार के सड़क परिवहन को लेकर एक मेगा प्लान है. भारत सरकार ने भारतमाला योजना के तहत 7 फेज में 34,800 किलोमीटर सड़क बनाने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत नेशनल हाईवे, सीमा क्षेत्र, तटीय क्षेत्र को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही पर्यटन क्षेत्रों को जोड़ने वाले हाईवे बनाए जाएंगे. चार धाम केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी.

ये सड़कें भारतमाला प्रोजेक्ट में शामिल: इस वक्त उत्तराखंड में भारतमाला परियोजना के तहत 5 योजनाएं चल रही हैं, जिसमें 650 किलोमीटर की 5 सीमावर्ती और सामरिक दृष्टि की सड़कें शामिल हैं. इन सड़कों में भैरव घाटी-नीलम नागा सोनम सड़क, जोशीमठ-मलारी सड़क, माणा से माणा पास सड़क, कर्णप्रयाग से सिमली ग्वालदम की सड़क और अस्कोट से लिपुलेख तक सड़क शामिल है.

डीपीआर तैयार: इन 650 किलोमीटर लंबी सड़कों को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय बनवा रहा है. विभाग के अधिकारी वीएस खेरा ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्तराखंड में भारतमाला परियोजना के तहत आने वाली प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है. वहीं, इनमें से एक प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुका है. जबकि, अन्य पर एलाइनमेंट असेसमेंट के अलावा कॉस्ट असेसमेंट का काम चल रहा है और डीपीआर तैयार की जा रही है.

Last Updated :Feb 1, 2022, 10:52 PM IST
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