देहरादून: लंबे समय से आर्थिक घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम ( Uttarakhand Transport Corporation) को एक बार फिर अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीते मंगलवार को विभाग को एक दिन में लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा हैं. दरअसल, रोडवेज की बसों में लगाए गए टोल फास्ट टैग (fastag recharge) का खाता खाली होने की वजह से राज्य और उसके बाहर सभी टोल प्लाजा में दुगना टोल शुल्क देना पड़ा. जिसके चलते परिवहन विभाग को 1 दिन में लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हुआ.
बताया जा रहा है कि यह नुकसान परिवहन निगम प्रबंधक सहित संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह घाटा उठाना पड़ा. इस मामले में उत्तराखंड रोडवेज महाप्रबंधक दीपक दीपक जैन के मुताबिक, सर्वर में तकनीकी समस्या की वजह से फास्ट टैग (Fastag) कम्पनी को रिचार्ज रकम ट्रांसफर नहीं हो पाई. जिसकी वजह से निगम की बसों को दुगना टोल भुगतना पड़ा. इस संबंध में फास्ट टैग पेटीएम कंपनी को पत्र लिखा गया है. ऐसे में उम्मीद है कि रोडवेज के खाते में यह रकम वापस आ सकती है.
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जानकारी के अनुसार, रोडवेज की अधिकांश बसों में टोल फास्ट टैग रिचार्ज का खाता खाली हो गया था. उसके बावजूद निगम प्रबंधन द्वारा इस पर लापरवाही दिखाई गई, जिसके चलते मंगलवार सुबह से लेकर देर रात तक रोडवेज के अधिकांश बसें अलग-अलग टोल ना काम पर डबल टोल शुल्क अदा करती रही. जबकि, रिचार्ज करने की जिम्मेदारी बकायदा निगम के एक अधिकारी को दी गई है, उसके बावजूद भी रिचार्ज करने में लापरवाही सामने आने के बाद देहरादून से दिल्ली हल्द्वानी से देहरादून हरिद्वार से रुड़की सहारनपुर से देहरादून जैसे तमाम अन्य स्थानों की बसों को दोगुना टोल भरना पड़ा.