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खास होगा उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र, पटल पर रखे जाएंगे कई विधेयक, अनुपूरक बजट पर भी रहेगी नजर

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 24, 2023, 9:42 PM IST

Updated : Aug 24, 2023, 10:11 PM IST

Uttarakhand Assembly Monsoon Session आगामी 5 सितंबर से 8 सितंबर तक देहरादून में आयोजित किया जाना है. जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस सत्र में अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा. इस बार कई विभागों को अनुपूरक बजट की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में आखिर क्या है अनुपूरक बजट और क्यों पड़ती है इसकी जरूरत? साथ ही विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट के प्रकार से रूबरू कराते हैं...

Uttarakhand Assembly Session
उत्तराखंड विधानसभा भवन

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का बयान

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी 5 सितंबर से 8 सितंबर तक आयोजित होगा. यह मॉनसून सत्र देहरादून विधानसभा में होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मानें तो मॉनसून सत्र में अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा. सत्र में सरकार की ओर से कई अध्यादेश भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे.

बता दें कि आगामी विधानसभा सत्र में सरकार की ओर से खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दिए जाने के अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली संबंधित विधेयक, पिटकुल के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 की एनुअल फाइनेंशियल रिपोर्ट भी विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी. इसके अलावा कैग यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एनुअल रिपोर्ट भी विधानसभा के पटल पर इस मॉनसून सत्र में रखी जाएगी.

विधानसभा में आता है 3 तरह का बजट, इस बार अनुपूरक बजट रहेगा खासः आगामी 5 सितंबर से 8 सितंबर तक होने वाले विधानसभा के मॉनसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट यानी सप्लीमेंट्री बजट भी विधानसभा में लेकर आएगी. बता दे कि विधानसभा सत्र में ले जाने वाले बजट के 3 अलग-अलग प्रकार होते हैं. एक बजट वो होता है, जो कि मुख्य आम बजट होता है. यह बजट पूरे साल भर के लिए सरकार की ओर से पूरी तैयारी के साथ लाया जाता है.

वहीं, दूसरा जो अनुपूरक बजट होता है, यह वो बजट होता है, जो कि मुख्य बजट के समय लाए गए बजट के बाद प्रदेश में उत्पन्न होने वाली तमाम तरह की परिस्थितियों और कुछ नई योजनाओं के चलते विभागों को अलग से बजट की जरूरत होती है तो उसे सप्लीमेंट्री यानी अनुपूरक बजट में लाया जाता है. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष यानी मार्च फाइनल तक के लिए विभागों को दिया जाता है.

इसके अलावा तीसरा जो बजट होता, वो लेखा अनुदान बजट होता है. जिसे वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहा जाता है. इस तरह का बजट खास तौर से उन परिस्थितियों में लाया जाता है, जब या तो चुनाव नजदीक होते हैं या सरकार अनिश्चित रहती है या फिर तत्काल ही सरकार बनी होती है. सरकार को पास अपने पूरे बजट को तैयार करने और तैयारी का उतना समय नहीं मिल पाता है तो उसमें लेखा अनुदान बजट लाया जाता है.
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इन विभागों को पड़ेगी अनुपूरक बजट की जरूरतः सितंबर महीने में आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार अनुपूरक बजट लेकर आएगी. बता दें कि मार्च महीने में आया 65,500 करोड़ के बजट को लेकर लगातार वित्त विभाग की ओर से समीक्षा की जा रही है. उत्तराखंड वित्त विभाग के सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि सभी विभागों को यह लक्ष्य दिया गया है कि वो सितंबर तक कम से कम 4,000 करोड़ के पूंजीगत बजट को खर्च करने का लक्ष्य रखें.

गौर हो कि आज से उत्तराखंड शासन में सभी विभागों के बजट खर्च को लेकर के समीक्षा शुरू हो गई है. सभी विभागों से वित्त विभाग उनकी डिमांड मांग रहा है. वहीं, इसके अलावा जिस तरह से प्रदेश में पिछले कुछ महीनो में प्राकृतिक आपदा का कहर देखने को मिला है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि आपदा प्रबंधन में अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी.

इसके अलावा उत्तराखंड में नेशनल गेम्स भी होने हैं. जिसको लेकर खेल विभाग को भी अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि, वित्त विभाग सभी विभागों के बजट खर्च और डिमांड को लेकर के समीक्षा कर रहा है. अनुपूरक बजट की जरूरत कौन-कौन से विभाग को पड़ती है, यह समीक्षा बैठक के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.
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Last Updated :Aug 24, 2023, 10:11 PM IST
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