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उमेश और चैंपियन तो झांकी हैं, इन नेताओं ने भी कराई उत्तराखंड की राजनीतिक इमेज की मिट्टी पलीद

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Published : Jun 6, 2023, 4:40 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 7:32 PM IST

उमेश कुमार और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दोनों ही नेता सोशल मीडिया पर खुले तौर पर एक-दूसरे को धमकी दे रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड जैसे शांति प्रिय राज्य की राजनीतिक छवि पर एक बार फिर बट्टा लगा है. दूसरी तरफ पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे उत्तराखंड की साख काफी खराब हुई है.

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उमेश कुमार और चैंपियन ने उत्तराखंड की राजनीतिक इमेज खराब की

देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले कुछ समय की राजनीतिक घटनाओं ने शांत और पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को एक बार फिर सुर्खियां में ला दिया है. जिस राज्य गठन के लिए आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, उस राज्य के राजनेता अब मर्यादा तोड़कर सारी हदें पार कर रहे हैं. आलम ये है कि कहीं मंत्री द्वारा किसी शख्स को पीटा जा रहा है तो कहीं मंत्री के सामने किसी शख्स पर लातों को बरसात हो रही है. दूसरी तरफ सोशल नेटवर्किंग साइट पर नेता एक-दूसरे पर ऐसे-ऐसे शब्दों के बाण छोड़ रहे हैं जो सभ्य समाज में सुने भी नहीं जा सकते. फिलहाल इन घटनाओं ने उत्तराखंड की छवि को मटियामेट जरूर किया है.

फेसबुक पर भिड़े उमेश और चैंपियन: विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच छिड़ी जुबानी जंग शांत होने का नाम नहीं ले रही है. सोशल मीडिया पर 3 दिन पहले अपलोड हुए वीडियो के बाद दोनों नेताओं के बीच दुश्मनी और बढ़ गई है. आलम ये है कि सोशल मीडिया से शुरू हुई लड़ाई पर सड़क तक उतर गई है. दोनों के समर्थक सड़कों पर एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तक कर रहे हैं. हालांकि, दोनों ही नेता अभी भी सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. हैरानी की बात है कि दोनों नेता में से अब तक किसी ने भी सामने आकर अपने समर्थकों को शांत करने और खुद भी शांत बैठने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है.
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उमेश और चैंपियन के बीच विवादः उमेश कुमार और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच विवाद 2022 विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ. चुनाव में प्रणव सिंह की पत्नी कुंवरानी देवयानी सिंह और उमेश कुमार एक-दूसरे के सामने थे. मामला उस दौरान शुरू हुआ जब रुड़की में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रणव सिंह ने सवाल करने पत्रकार से ही उसकी शैक्षिक योग्यता पूछ ली. इसके बाद पत्रकारों ने प्रणव का जमकर विरोध किया. इसी का फायदा उठाते हुए उमेश कुमार ने ना केवल पत्रकारों के पक्ष में पोस्ट किया, बल्कि प्रणव सिंह से फोन पर इस मामले में बातचीत की. इसके बाद प्रणव के मामले पर लगातार बयानबाजी के बाद उमेश कुमार ने खानपुर से चुनाव लड़ने का मन बना लिया.

चुनाव की तारीखों का एलान हुआ तो चैंपियन ने अपनी पत्नी कुंवरानी देवयानी सिंह को भाजपा प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा. दूसरी तरफ उमेश कुमार भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खानपुर से ही चुनावी मैदान में कूद पड़े. चुनाव के परिणाम आए और उमेश विधायक निर्वाचित हुए. इसके बाद तो दोनों के बीच की दुश्मनी और भी बढ़ गई. उधर प्रणव सिंह ने उमेश कुमार के चुनाव लड़ने के दौरान दिए एफिडेविट और चुनाव से जुड़े कुछ दस्तावेजों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी युवक को पिटते देखते रहे

मंत्री के सामने युवक की पिटाई: ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में और उत्तराखंड से बाहर सिर्फ इन दोनों नेताओं की बयानबाजी की चर्चा है. चर्चा सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की भी है. हाल ही 2 जून को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जब अपने घर के बाहर निकल रहे थे, तभी एक युवक ने उनका कुर्ता पकड़ लिया. मंत्री के आसपास खड़े समर्थकों को लगा कि युवक मंत्री पर हमला कर रहा है. समर्थकों ने तुरंत शख्स को पकड़ा और जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान मंत्री गणेश जोशी सब देखते रहे. हालांकि, बाद में पता चला कि शख्स मानसिक रूप से बीमार है. लेकिन यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. लोगों ने तरह तरह के कमेंट किए और इसी तरह का एक पुराना वाकया याद किया.

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मंत्री ने की शख्स की धुनाई: चर्चाओं के बाजार में उत्तराखंड की राजनीति का एक किस्सा मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भी जुड़ा है. 3 मई को ऋषिकेश से वायरल हुए वीडियो ने भी सरकार की खूब मटियामेट कराई. वीडियो में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, उनके सुरक्षा कर्मी और उनका पीआरओ ऋषिकेश की सबसे व्यस्त सड़क के बीचों बीच एक शख्स की धुनाई करते नजर आए. बीच सड़क पर इस हाथापाई ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. सोशल मीडिया पर यह वीडियो भी खूब चर्चा का विषय बना. हालांकि बाद में इस मामले में दोनों ही पक्षों ने क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मारपीट दुनिया ने देखी
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विधायक के सामने कुर्सी के लिए भिड़े: ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक राजेंद्र भंडारी अपने कार्यकर्ताओं के साथ चमोली में छात्र संघ के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. कार्यक्रम में विधायक मंच पर बैठे थे. लेकिन तभी एबीवीपी और एनएसयूआई के 2 छात्र मंच पर बैठने को लेकर आपस में गाली गलौज करते हुए भिड़ गए. हालांकि, पुलिस ने बीच-बचाव करके दोनों को शांत कराया. यह घटना भी खूब चर्चा में रही और लोगों ने इसके भी खूब चटकारे लिए.

चमोली में विधायक के आगे भिड़े छात्र नेता.

क्या कहते हैं जानकर और राजनैतिक पार्टियां: उत्तराखंड की राजनीति में आ रहे बदलाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि उत्तराखंड में पहले भी विधायकों के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. बयानबाजी करके राजनीति में एक दूसरे को नीचा दिखाना उत्तराखंड के लिए बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सबसे बड़ी बात ये है कि सोशल मीडिया के सहारे से विधायकों के वीडियो तेजी से वायरल होते हैं. इससे विधायकों के साथ-साथ उत्तराखंड की छवि भी धूमिल होती है. ऐसे में बड़े पदों पर बैठे नेताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सबकी नजरें उन पर हैं.

राजनीतिक दलों ने उमेश कुमार और प्रणव सिंह की आलोचना की.

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि अपने पूरे राजनीतिक करियर में इस तरह की राजनीति कभी नहीं देखी. किसी जमाने में दूसरे राज्यों में ऐसी राजनीति होती थी, लेकिन उत्तराखंड जैसे शांति प्रिय राज्य में यह सब होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस और बीजेपी पर तंज कसते हुए जोत सिंह कहते हैं कि दोनों ही पार्टियों की कथनी और करनी में बेहद अंतर है.

कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल भी उमेश शर्मा और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन द्वारा की जा रही बयानबाजी और अभद्र भाषा को गलत बताते हुए कहते हैं कि राजनीति में सुचिता की हमेशा से बात होती रही है, लेकिन इन दोनों नेताओं ने उत्तराखंड को अपनी राजनीति से बदनाम किया है.

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Last Updated :Jun 6, 2023, 7:32 PM IST
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