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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर हड़पे 99 लाख रुपए, युवक को ऐसे बनाया शिकार

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Published : Jul 13, 2023, 12:54 PM IST

अगर आपको कोई पैसे लेकर नौकरी दिलाने का झांसा देता है तो सावधान हो जाइए. देहरादून में ऐसा ही हुआ है. एक युवक को सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर 8 ठगों ने 99 लाख रुपए हड़प लिए. ये युवक कैसे आया ठगों के झांसे में, पढ़िए ये खबर.

Dehradun youth cheated
देहरादून अपराध समाचार

देहरादून: थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत एक शख्स को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 6 आरोपियों ने लाखों रुपए हड़प लिए. पीड़ित की शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. दो आरोपियों राजीव प्रताप और आलोक प्रताप समेत सभी आरोपियों से एसटीएफ भी पिछले दिनों पेपर लीक के शक में पूछताछ कर चुकी है.

नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से ठगी: धर्मेंद्र सिंह रावत निवासी केदारपुरम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि साल 2015 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली के एक संस्थान में कोचिंग कर रहा था. इस दौरान साल 2017 में उसकी पहचान राजीव प्रताप नाम के युवक से हुई. राजीव ने कहा था कि उसके मामा जयदेव शाह आयोग के पूर्व कर्मचारी और न्यायिक सेवा में भी रह चुके हैं. उन्होंने उत्तराखंड पीसीएस की परीक्षा अपने मामा जयदेव शाह को पैसे देकर पास की है.

जेई या सहायक वन संरक्षक की नौकरी का दिया झांसा: कुछ दिनों बाद राजीव प्रताप ने धर्मेंद्र सिंह रावत की अपने मामा से मुलाकात कराई. जयदेव शाह ने धर्मेंद्र को बताया कि उसका चयन जेई या फिर सहायक वन संरक्षक के पद पर करा सकते हैं, लेकिन इसके लिए खर्चा लगेगा. धर्मेंद्र सिंह रावत रुपए देने के लिए तैयार हो गया. उसके बाद धर्मेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी में रहने वाले दोस्तों से 84 लाख रुपए उधार लेकर राजीव प्रताप, आलोक प्रताप, लोकेंद्र, राजपाल और राजेंद्र के खाते में जमा करा दिए. 15 लाख रुपए भी जिन खातों में डलवाने के लिए कहा था, उन खातों में जमा करा दिए थे.
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बेरोजगार युवक से 99 लाख रुपए ठगे: धर्मेंद्र ने कुल 99 लाख रुपए आरोपियों के खातों में जमा करा दिए थे. धर्मेंद्र को इन लोगों ने दो साल तक नौकरी का झांसा दिया. जब धर्मेंद्र की नौकरी नहीं लगी तो धर्मेंद्र ने अपनी रुपए वापस मांगे. इस पर आरोपी रुपए देने में टालमटोल करते रहे. थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि धर्मेंद्र सिंह रावत की तहरीर के आधार पर राजीव प्रताप, आलोक प्रताप, लोकेंद्र, राजपाल, राजेंद्र और जयदेव शाह के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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